फर्जी पुलिस बनकर डेढ़ लाख की ठगी, स्कैम का आरोप लगाकर दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रों को बनाया मुर्गा
पश्चिमी दिल्ली में फर्जी पुलिस बनकर बदमाशों ने डेढ़ लाख से ज्यादा रुपये छात्रों से ठग लिए हैं. कुछ फर्जी पुलिसकर्मी बनकर चार लोगों ने छात्रों के एक ग्रुप ने छात्रों पर फेक कॉल सेंटर का आरोप लगाया और उनके घर की तलाशी करने लगे. इस दौरान युवकों को मुर्गे की तरह बैठाया और जाने से पहले 1.55 लाख रुपये कैश ले गए.;
Delhi Police: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. पश्चिमी दिल्ली में फर्जी पुलिस बनकर बदमाशों ने डेढ़ लाख से ज्यादा रुपये छात्रों से ठग लिए हैं. दिल्ली पुलिस ने मंगलवार (17 दिसंबर) को इस घोटाले का पर्दाफाश किया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना 12 दिसंबर की बताई जा रही है. कुछ फर्जी पुलिसकर्मी बनकर चार लोगों ने छात्रों के एक ग्रुप ने छात्रों पर फेक कॉल सेंटर का आरोप लगाया और उनके घर की तलाशी करने लगे. इस दौरान युवकों को मुर्गे की तरह बैठाया और जाने से पहले 1.55 लाख रुपये कैश ले गए.
चार घंटे तक चली छापेमारी
इस मामले की जानकारी मिलने के बाद दिल्ली पुलिस ने जांच शुरू कर दी. पुलिस ने बताया कि आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनकी पहचान मनप्रीत सिंह (29), जुनैद वासीद (23), कुलदीप सिंह (22) और सबरजीत सिंह उर्फ प्रिंस (22) के तौर पर हुई है. इन सभी को मंगलवार को अरेस्ट किया गया है. सभी आरोपी पश्चिमी दिल्ली के निवासी हैं. सभी ने छात्रों को प्लानिंग करके डकैती और जान से मारने या गंभीर चोट पहुंचाने की कोशिश की. कथित छात्रों के फ्लैट पर 10 दिसंबर को चार घंटे तक फर्जी पुलिसकर्मी ने छापेमारी की थी.
छात्रों को धमकाया
आरोपियों ने पीड़ित छात्रों को मर्गे की तरह बैठने के लिए मजबूर किया, बंदूक पकड़े उनकी फोटो खींची, उन्हें घर में बंद रहने को कहा और चुप रहने की धमकी दी. पुलिस ने बताया कि पीड़ित- कुंज साल्वे, मोहम्मद अरीबुल हसन, आदित्य कुमार वर्मा, लवप्रीत सिंह, आदित्य वासवानी और सुजान्या गुप्ता दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र हैं जो इस घटना के शिकार हो गए. ये सभी किसी कॉल सेंटर स्कैम में शामिल नहीं थे. साल्वे ने बताया कि आरोपियों ने उनसे उनके फोन, लैपटॉप जब्त कर लिए. फिर उनके साथ मारपीट की और कोई मामला दर्ज न करने के लिए 25 लाख की मांग की.
बदमाशों ने छात्रों से झूठ बोला था कि उनके पास फर्जी कॉल सेंटर स्कैम का एक वीडियो सबूत है. छात्रों से पैसे देने के इनकार किया तो आरोपियों ने बंदूक दिखाकर उन्हें डराया. इसके बाद 23 हजार रुपये के साथ डेबिट कार्ड की डिटेल्स की और करीब 1.32 लाख रुपये निकाल लिए.