'सेल, जेल, बेल और फिर आंबेडकर के साथ बेअदबी', BJP का केजरीवाल पर अटैक, 'आप-दा की घोषणा' से तंज

Delhi Assembly Election 2025: अमृतसर में कुछ लोगों ने टाउन हॉल में बाबा साहेब आंबेडकर की प्रतिमा तोड़ी थी. इसके बाद बीजेपी नेता संबित पात्रा ने केजरीवाल पर हमला करते हुए कहा, 'पंजाब में बाबा साहेब आंबेडकर के साथ बेअदबी हुई है. वहां जाकर केजरीवाल को माफी मांगनी चाहिए और अपने सभी पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.';

Delhi Assembly Election 2025
Edited By :  सचिन सिंह
Updated On : 27 Jan 2025 11:58 AM IST

Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली विघानसभा चुनाव में बीजेपी अपने सभी नेताओं को लगा दिया. पार्टी के प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी नेता संबित पात्रा भी नजर आए, जहां उन्होंने आप चीफ अरविंद केजरीवाल पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि केजरीवाल दिल्ली में दिखावा कर रहे और पंजाब में आंबेडकर की मूर्ति को तुड़वाकर अपमान कर रहे हैं. 

दरअसल, गणतंत्र दिवस के मौके पर अमृतसर में कुछ लोगों ने टाउन हॉल में बाबा साहेब आंबेडकर की प्रतिमा तोड़ दी. अब ये मामला बीजेपी और कांग्रेस के लिए एक चुनावी मुद्दा बन गया, जिसे लेकर संबित पात्रा ने कहा, 'दलित समाज के इस अपमान के लिए अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान जिम्मेदार हैं. जो सरकार बाबा साहब अंबेडकर का सम्मान नहीं कर सकती, उससे दलित समाज की भलाई की उम्मीद भी कैसे की जा सकती है? दिल्ली में भी पिछले 10 वर्षों में अरविंद केजरीवाल ने दलित समाज का शोषण किया है. उन्हें केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया गया.'

घोषणा पत्र के जरिए तंज

बीजेपी ने सिर्फ तंज ही नहीं कसा, पार्टी ने अटैक करते हुए 'आप-दा की कारगुजारियों घोषणा' नाम से एक घोषणा पत्र ही जारी कर दिया, जिसमें लिखा था - केजरीवाल को आंबेडकर से है नफरत, अमृतसर में कोतवाली के सामने बाबा साहेब आंबेडकर की तोड़ी गई मूर्ति, पंजाब में कानुन व्यवस्था और अमन-चैन ठप.'

संबित पात्रा ने आखिरी पन्ने को पलटा, जिसमें लिखा था - 'सेल, जेल और बेल' इसे लेकर उन्होंने कहा, 'ये आम आदमी पार्टी की असली चेहरा है. पहले दिल्ली को बेचना, फिर जेल जाना और फिल बेल लेकर बाहर आना. इसके बाद चुनाव लड़ना.'

 'आंबेडकर के साथ बेअदबी'

संबित पात्रा ने आगे कहा, 'पंजाब में बाबा साहेब आंबेडकर के साथ बेअदबी होती है और पंजाब की सरकार शांति से आराम करती है. मैं केजरीवाल को कहता हूं कि जाइए और माफी मांगिए. इसके बाद अपने सभी राजनीतिक पद से इस्तीफा दे दीजिए.'

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