एंबुलेंस न मिलने से मरीज की मौत, खाट पर शव ले जाने को मजबूर परिवार; सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठा सवाल

सुकमा जिले में सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं. समय पर इलाज और परिवहन सुविधा नहीं मिलने के कारण एक बीमार व्यक्ति की जान चली गई. इसके बाद जब मृतक के परिजनों को शव घर ले जाने के लिए भी एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराई गई.;

( Image Source:  AI: Sora )
Edited By :  विशाल पुंडीर
Updated On :

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले से सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की एक बेहद दर्दनाक और शर्मनाक तस्वीर सामने आई है. जगरगुंडा क्षेत्र के चिमलीपेंटा गांव में समय पर इलाज और परिवहन सुविधा नहीं मिलने के कारण एक बीमार व्यक्ति की जान चली गई. यह घटना न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है.

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बीमार व्यक्ति को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए परिजनों को मजबूरन मोटरसाइकिल का सहारा लेना पड़ा, लेकिन दुर्भाग्यवश रास्ते में ही उसकी मौत हो गई. इसके बाद हालात और भी अमानवीय हो गए, जब मृतक के परिजनों को शव घर ले जाने के लिए भी एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराई गई.

अस्पताल ले जाते समय मौत

मृतक की पहचान जगरगुंडा के चिमलीपेंटा गांव निवासी 40 वर्षीय बारसे रामेश्वर के रूप में हुई है. परिजनों के अनुसार, रामेश्वर को हाथ-पैर में सूजन और तेज पेट दर्द की शिकायत थी. उसकी तबीयत अचानक बिगड़ने पर परिवार के लोग उसे जगरगुंडा स्वास्थ्य केंद्र ले जाने के लिए निकले, लेकिन कोई वाहन या एंबुलेंस उपलब्ध न होने के कारण उसे मोटरसाइकिल से ले जाना पड़ा. रास्ते में ही उसकी हालत ज्यादा बिगड़ गई और अस्पताल पहुंचने से पहले ही रामेश्वर ने दम तोड़ दिया.

मौत के बाद भी नहीं मिली एंबुलेंस

रामेश्वर की मौत के बाद परिजनों ने शव को गांव तक पहुंचाने के लिए अस्पताल से एंबुलेंस की मांग की. लेकिन अस्पताल प्रशासन ने यह कहकर मना कर दिया कि एक ड्राइवर बीमार है और दूसरा छुट्टी पर है. एंबुलेंस मौजूद होने के बावजूद उसका उपयोग नहीं कराया गया. जिसके बाद परिवार और ग्रामीणों को मजबूरन लगभग 6 किलोमीटर तक शव को खाट पर रखकर पैदल ले जाना पड़ा.

अस्पताल में ही खड़ी थी एंबुलेंस

सरपंच ने यह भी बताया कि अस्पताल परिसर में एंबुलेंस खड़ी थी, लेकिन स्टाफ ने ड्राइवर के छुट्टी पर होने का हवाला देकर सेवा देने से इनकार कर दिया. मजबूरी में ग्रामीणों ने शव को चारपाई पर लादकर गांव तक पहुंचाया. इस मामले पर सुकमा कलेक्टर देवेश ध्रुव ने कहा कि वे पूरे प्रकरण की जानकारी लेकर जांच कराएंगे. उन्होंने आश्वासन दिया कि यदि लापरवाही सामने आती है, तो जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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