'मुर्गा खिलाओ तभी लिखूंगा FIR'; रेप की रिपोर्ट दर्ज करने के बजाय पुलिस ने रखी अनोखी डिमांड
सोचिए क्या हो जब आपको एफआईआर दर्ज करवाने के लिए पुलिस को मुर्गा खिलाना पड़े. इतना ही नहीं, रिश्वत भी देनी पड़े? कुछ ऐसा ही हुआ है छत्तीसगढ़ के रहने वाले एक शख्स के साथ. वहीं, पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करवाने वाले शख्स पर उल्टे इल्जाम लगाए हैं.;
छत्तीसगढ़ के जशपुर नगर में पहाड़ी कोरवा आदिवासी व्यक्ति को पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवानी थी. इस शख्स को अपनी पत्नी के साथ हुए दुष्कर्म की एफआईआर के लिए चौकी प्रभारी को मुर्गा खिलाना पड़ा. इतना ही नहीं, 1 हजार रुपये की रिश्वत भी देनी पड़ी. बात यहां पर भी खत्म नहीं हुई.
पीड़िता की मेडिकल जांच के लिए उसके पति को मजिस्ट्रेट के सामने बयान देने के लिए दो बार जिला न्यायलय आना पड़ा, जिसके चलते उसे 3500 रुपये किराए के लिए देने पड़े. इन खर्चों को पूरा करने के लिए शख्स को 10,000 रुपये में अपनी जमीन गिरवी रखी पड़ी. वहीं, इस मामले में पीड़िता के पति ने एसपी शशि मोहन सिंह से शिकायत कर जांच की मांग की है.
क्या है मामला?
यह घटना 2 दिसंबर की है, जब रात के दौरान महिला के पड़ोस में रहने वाले पति-पत्नी झगड़ा कर रहे थे. ऐसे में महिला बीच-बचाव के लिए उनके घर के लिए जा रही थी. इस बीच आरोपी ने उसके हाथ और मुंह दबा लिया और फिर महिला को बगल की झाड़ी में ले गया. इसके बाद महिला के साथ बलात्कार किया.
रिश्वत मांगने की जांच जारी
वहीं, इस मामले में पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया है. दूसरी ओर रिश्वत मांगने के मामले की भी जांच की जा रही है. इस मामले में एसपी का कहना है कि जांच में दोषी पाए गए शख्स के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएंगे.
पुलिस ने लगाए उल्टे आरोप
इस मामले में पुलिस ने पति पर उल्टे आरोप लगाए हैं. पुलिस का कहना है कि पीड़िता का पति धारा 376 लगाने की मांग कर रहा था. वह इस बात पर विवाद कर रहा था. ऐसे में शख्स को समझाया गया कि नए कानून बीएनएस की धारा 64 के अंर्तगत कार्रवाई की जाएगी. लेकिन शख्स माना नहीं और हाई ऑफिशियल को शिकायत को शिकायत करने की मांग पर अडिग रहा.
आरोपी हुआ गिरफ्तार
पुलिस ने इस मामले की जांच की, जहां मेडिकल टेस्ट में बलात्कार की पुष्टि हुई है. आरोपी को धारा 64 के अंर्तगत गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है.