गांव दंग, डॉक्टर हैरान! खिलौना समझ सांप से खेल रही थी 9 माह की मासूम, बच्ची के काटते ही मर गया ज़हरीला सांप

आमतौर पर लोग ऐसे सांप को देखते ही जान बचाकर भागते हैं, लेकिन इस मासूम बच्ची ने खेल-खेल में ही मौत से सामना किया और उसे मात दे दी. छत्तीसगढ़ के बस्तर ज़िले में कुछ ऐसा ही देखने को मिला है. जहाँ एक मासूम ने अपने दांतों से सांप को काट लिया और वह सांप मर गया.;

( Image Source:  Create By Meta AI )
Edited By :  रूपाली राय
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छत्तीसगढ़ के बस्तर ज़िले से एक ऐसी चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिस पर यक़ीन करना मुश्किल है. जगदलपुर शहर के परपा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम कोयेनार में 9 से 10 महीने की एक मासूम बच्ची ने जो किया, उसने पूरे गाँव ही नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र को हैरत में डाल दिया. मासूम मानवी कश्यप ने एक ज़हरीले करैत सांप को खिलौना समझकर अपने हाथों में उठा लिया और खेलते-खेलते दांतों से काट डाला. बच्ची के दांतों के वार से सांप की मौके पर ही मौत हो गई.

घटना की ख़बर जैसे ही गाँव में फैली, लोग आश्चर्य और डर से सन्न रह गए.  लेकिन सबसे बड़ी राहत की बात यह रही कि बच्ची पूरी तरह सुरक्षित है और उसके स्वास्थ्य पर कोई असर नहीं पड़ा. ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार, यह घटना 13 अगस्त की है. उस दिन मानवी अपनी मां दीपिका के साथ घर पर थी. दीपिका की तबीयत कुछ ठीक नहीं थी, इस वजह से वह आराम कर रही थी.घर के बाकी सदस्य रोज़ की तरह खेतों में काम कर रहे थे. मां ने बच्ची को खेलने के लिए कमरे में छोड़ दिया था. इसी दौरान कमरे के दरवाज़े के पीछे छिपा हुआ एक ज़हरीला करैत सांप धीरे-धीरे रेंगते हुए अंदर आ गया. 

दहशत से कांप उठी मां

सांप को देखकर मासूम मानवी ने उसे खिलौना समझ लिया. बिना किसी डर के उसने सांप को पकड़ लिया और अपने दांतों से काटना शुरू कर दिया. कुछ ही क्षणों में सांप ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया. यह नज़ारा जब मां दीपिका ने देखा तो वह दहशत से कांप उठी. घबराकर उन्होंने तुरंत शोर मचाया और आसपास मौजूद परिजनों को बुलाया. परिवार के लोगों ने फ़ौरन बच्ची को जगदलपुर स्थित महारानी अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसका पूरा मेडिकल चेकअप किया.

शरीर में नहीं जा पाया जहर 

डॉक्टरों का कहना है कि बच्ची के काटने से ही सांप की मौत हो गई थी और वह खुद पूरी तरह सुरक्षित रही. किसी भी तरह का ज़हर उसके शरीर में प्रवेश नहीं कर पाया. बच्ची को एहतियात के तौर पर 24 घंटे निगरानी में रखा गया और जब यह सुनिश्चित हो गया कि उसकी तबीयत बिल्कुल सामान्य है, तो अगले दिन उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.

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