क्लासरूम बना अखाड़ा! दो शिक्षकों के बीच जमकर हुई हाथापाई, चले लात-घूंसे; घटना सीसीटीवी में कैद; बच्चों ने भागकर बचाई जान
जहां बच्चों को अनुशासन और नैतिकता की सीख मिलनी चाहिए थी, वहां छत्तीसगढ़ के धारासींव के सरकारी हाई स्कूल में क्लासरूम ‘लाइव फाइट क्लब’ बन गया. बच्चे अपनी किताबों में डूबे थे, तभी दो शिक्षक आपस में भिड़ गए. कुछ ही सेकंड में गाली-गलौज, धक्का-मुक्की और हाथापाई ने कक्षा को अखाड़े में बदल दिया। मासूम छात्र सहमकर डेस्क-कुर्सियों के पीछे छिपने लगे और कई तो क्लासरूम से बाहर भाग गए. यह पूरा घटनाक्रम स्कूल के सीसीटीवी कैमरों में रिकॉर्ड हो गया.;
Classroom turned Akhada, Dharasiwa School Fight Viral Video : छत्तीसगढ़ के सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के धारासींव में स्थित एक सरकारी हाई स्कूल का क्लासरूम उस वक्त अखाड़े में बदल गया, जब दो शिक्षक आपस में भिड़ गए. बच्चों के सामने शुरू हुई यह गाली-गलौज और मारपीट की घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई. घटना के बाद से शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. अधिकारी मामले की जांच में जुट गए हैं.
जानकारी के मुताबिक, क्लासरूम में मनोज सर बच्चों को पढ़ा रहे थे. तभी अचानक शिक्षक विनीत दुबे कमरे में दाखिल हुए और दोनों के बीच कहासुनी शुरू हो गई. कुछ ही देर में माहौल इतना बिगड़ा कि दोनों ने एक-दूसरे पर हाथ छोड़ दिए. इस दौरान छात्र सहम गए. कुछ डेस्क-कुर्सियों के पीछे छिपने लगे तो कई क्लासरूम से बाहर भाग गए.
पुराना मनमुटाव बताया जा रहा झगड़े की वजह
सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि दोनों शिक्षक खुलेआम हाथापाई कर रहे हैं. बताया जाता है कि विनीत दुबे अक्सर देर से स्कूल आते थे. वे पहले भी विवादों में रहे हैं. माना जा रहा है कि दोनों के बीच पुराना मनमुटाव था, जो क्लासरूम में फूट पड़ा.
ये भी पढ़ें :कौन है देवी जी जिसके हाथ में छत्तीसगढ़ के नक्सलियों की कमान? हिड़मा को दी ये जिम्मेदारी
जिला शिक्षा अधिकारी ने दिए जांच के आदेश
घटना सामने आने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी जे.आर. डहरिया ने संज्ञान लिया है और जांच के आदेश दिए हैं. उनका कहना है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी. हालांकि, सवाल यह भी उठ रहा है कि जब घटना का सबूत साफ मौजूद है तो तत्काल निलंबन जैसे कदम क्यों नहीं उठाए गए.
स्थानीय लोगों और अभिभावकों ने घटना पर जताई नाराजगी
स्थानीय लोगों और अभिभावकों ने इस घटना पर नाराजगी जताई है. उनका कहना है कि जब शिक्षक ही बच्चों के सामने अनुशासन तोड़ेंगे तो छात्र क्या सीखेंगे. शिक्षा का मंदिर कहलाने वाला स्कूल अगर लड़ाई का अड्डा बन जाएगा तो बच्चों का भरोसा और शिक्षा की गरिमा दोनों पर आंच आएगी.