छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में क्यों मचा बवाल? पुलिस-ग्रामीणों में हुई भीषण झड़प, महिलाएं बोलीं- जान दे देंगे, लेकिन जमीन नहीं

छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में SECL की अमेरा कोल माइंस के विस्तार को लेकर तनाव बढ़ गया है. पारसोड़ी कला गांव के ग्रामीणों ने भूमि अधिग्रहण के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया, जिसके दौरान भीड़ की ओर से पत्थरबाजी की गई. स्थिति काबू में लाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे. ग्रामीणों का कहना है कि वे किसी कीमत पर अपनी जमीन नहीं छोड़ेंगे. स्थानीय महिलाओं, रम्भाई और लीलावती ने साफ कहा कि यह जमीन उनके पूर्वजों की धरोहर है और खनन परियोजना से उनका पूरा गांव उजड़ जाएगा.;

( Image Source:  ANI )
Edited By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 3 Dec 2025 5:46 PM IST

Chhattisgarh Ambikapur SECL Amera Coal Mine Land Protest : छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में दक्षिण पूर्वी कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) की अमेरा कोयला खान के विस्तार को लेकर तनाव गहरा गया है. पर्सोड़ी कला गांव के ग्रामीणों ने परियोजना के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया, जिसके दौरान हालात बिगड़ गए.

अधिकारियों के मुताबिक, प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके बाद भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे.


जान दे देंगे, जमीन नहीं देंगे- ग्रामीणों का अल्टीमेटम

पर्सोड़ी कला की रहने वाली रंबाई ने सरकार और पुलिस पर दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए कहा, “हम जान दे देंगे पर ये जमीन नहीं छोड़ेंगे. चाहे गोली मार दें, लेकिन ये धरती नहीं देंगे. हमारे पूर्वज यहां बसे थे, हम अपने बच्चों को लेकर कहां जाएं? नौकरी नहीं चाहिए, मुआवजा नहीं चाहिए- जमीन नहीं देंगे.”


एक अन्य ग्रामीण लीलावती ने भी अपनी पीड़ा और चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा, “यह हमारी पुश्तैनी जमीन है, हम इसे नहीं छोड़ेंगे. मेरे दादा, ससुर और पूर्वज यहीं जिए हैं. मैं इसे बेच दूं तो मेरा बेटा और पोता कहां जाएंगे? क्या भीख मांगेंगे? खनन से हमारी पूरी जमीन खत्म हो जाएगी. यह गांव की संपत्ति है और हम इसे नहीं छोड़ेंगे.”


बढ़ता तनाव, भविष्य अनिश्चित

खनन परियोजना का विस्तार सरकारी एजेंसियों के लिए ‘विकास’ का प्रतीक हो सकता है, लेकिन स्थानीय ग्रामीणों के लिए यह अस्तित्व का संकट बन गया है. ग्रामीणों का कहना है कि वे न नौकरी चाहते हैं, न मुआवजा- वे सिर्फ अपनी जमीन और घर बचाना चाहते हैं.


पुलिस-ग्रामीण टकराव के बाद इलाके में तनाव अभी भी जारी है.  प्रशासन हालात पर नजर बनाए हुए है.

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