2 साल से सूज रहा था पेट, ऑपरेशन में सामने आया ऐसा सच कि डॉक्टर्स के उड़ गए होश

बिलासपुर की अस्पताल में एक महिला गंभीर हालत में पहुंची. करीब 2 साल वह वह पेट के फूलने की वजह से परेशान थी. समस्या इतनी बढ़ गई थी कि वह कुछ दिनों से खाना भी नहीं खा पा रही थी. इसके बाद जब डॉक्टर ने चेक किया, तो उनके होश उड़ गए.;

( Image Source:  perplexity )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 10 July 2025 6:16 PM IST

छत्तीसगढ़ की रहने वाली 65 साल की लक्ष्मी चौहान पिछले दो साल से पेट की लगातार सूजन और दर्द से जूझ रही थीं, लेकिन पिछले 10 दिनों ने जैसे उनका सब्र तोड़ दिया. खाना-पीना छोड़िए, अब तो टॉयलेट जाना भी मुश्किल हो गया था. फिर  उन्हें गंभीर हालत में बिलासपुर के सिम्स अस्पताल में भर्ती कराया.

जैसे ही लक्ष्मी को सिम्स के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में लाया गया, डॉ. नेहा सिंह ने तुरंत जांच शुरू की. सोनोग्राफी रिपोर्ट सामने आई तो सब चौंक गए. लक्ष्मी देवी के पेट में एक विशाल ट्यूमर था. हालात बेहद नाज़ुक थे. समय बहुत कम था.

तुरंत बनी मेडिकल इमरजेंसी टीम

डॉ. नेहा ने तुरंत विभागाध्यक्ष डॉ. संगीता रमन जोगी को सूचना दी. बात बड़ी थी, तो सीनियर डॉक्टर्स की एक आपात बैठक बुलाई गई. मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. लखन सिंह और अधिष्ठाता डॉ. रामनेश मूर्ति से ऑपरेशन की इमरजेंसी मंजूरी ली गई. फिर जो हुआ, वो एक मिशन जैसा था.

10 लोगों ने मिलकर बचाई जान

एक महिला की जान बचाने के लिए स्पेशल सर्जिकल टीम बनाई गई. इनमें डॉ. संगीता रमन जोगी, दीपिका सिंह, रचना जैन, अंजू गढ़वाल, एनेस्थीसिया एक्सपर्ट्स डॉ. मधुमिता मूर्ति, डॉ. श्वेता, डॉ. प्राची, डॉ. आकांक्षा और ऑपरेशन थिएटर में अहम भूमिका निभाई नर्सिंग टीम और ब्रदर अश्विनी ने.

4 घंटे की सांस रोक देने वाली सर्जरी

करीब 4 घंटे चले इस बेहद जटिल ऑपरेशन में डॉक्टरों ने महिला के पेट से 10 किलो 660 ग्राम का ट्यूमर निकाल दिया. यह न केवल एक मेडिकल चमत्कार था, बल्कि डॉक्टरों की मेहनत, टीम वर्क और इंसानियत की जीती-जागती मिसाल भी. ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा. लक्ष्मी देवी की हालत अब स्थिर है और वह पहले से बेहतर महसूस कर रही हैं. उनकी आंखों में एक नई चमक है, जो कहती है कि जब डॉक्टर भगवान बनते हैं, तो मौत को भी मात दी जा सकती है.


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