खुद को दूसरा लालू मानने वाले तेज प्रताप RJD के लिए खड़ी करेंगे मुश्किल? पूर्व प्रवक्ता बोले- 'एक को गंभीरता से नहीं लेता, दूसरे...'
Bihar Politics: आरजेडी से निष्कासित तेज प्रताप यादव पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में हैं. खुद को 'दूसरा लालू यादव' बताने वाले तेज प्रताप ने पार्टी पर साजिश का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें जानबूझकर उन्हें निशाना बनाया गया है. उन्होंने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनने का आशीर्वाद देते हुए खुद को 'किंगमेकर' बताया.;
Bihar Chunav 2025: बिहार में चुनाव समर नजदीक आने से राजनीति चरम पर है. सियासी दलों के नेता अपने विरोधियों के खिलाफ ही नहीं, खुद की पार्टी के आंतरिक मामलों में खुलकर बोल रहे हैं. तेज प्रताप यादव ने एक बार फिर आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव का खुद को सबसे बड़ा उत्तराधिकारी होने का दावा किया है. साथ ही ये भी कहा है कि उनमें जो गुण हैं, वही चीज मेरे अंदर भी है. उनके बयान पर अब पार्टी के अंदर और बाहर चर्चा चरम पर है.
हालांकि, पार्टी के नेता इसको लेकर आधिकारिक तौर पर बयान नहीं देना चाहते. कई नेता तो साफ शब्दों में कहते हैं कि इस पर बोलने का हमें अधिकार नहीं है. वहीं, कुछ नेता ऐसे हैं जो ना-नुकुर करते हुए, भी अपना पक्ष रखा है.
इन्हीं में से एक हैं आरजेडी नेता एसएम अनवर हुसैन. वह पार्टी के पूर्व में प्रवक्ता रहे हैं, लेकिन आजकल पार्टी नेतृत्व और उनकी राजनीति को लेकर नाराज रहते हैं. जब उनसे पूछा कि खुद को दूसरा लालू मानने वाले तेज प्रताप यादव, उत्तराधिकार के मसले पर क्या तेजस्वी यादव के लिए मुश्किलें खड़ी करेंगे?
इसके जवाब में पहले तो बचने की कोशिश की, लेकिन इतना जरूर कहा, 'मैं निजी तौर परिवारिक विवाद पर कुछ नहीं कहना चाहता, लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि तेज प्रताप यादव के बयान को मैं गंभीरता से नहीं लेता. जहां तक बात तेजस्वी यादव की है तो उनमें भी बतौर नेता जो खासियत होनी चाहिए, वो नहीं है.'
अनवर हुसैन ने आगे कहा, "बिहार की आबादी 13 करोड़ से ज्यादा है. वहां की समस्याओं को सामने लाने के लिए जमीन से जुड़ना जरूरी है, जो काम वो भी नहीं कर पा रहे हैं. सच्चाई यह है कि उनका पब्लिक कनेक्ट बहुत कम है. ज्यादातर अपने घर के अंदर रहते हैं और लोग बाहर घंटों उनका इंतजार करते रहते हैं. दोनों भाइयों को विरासत संघर्ष करने से नहीं मिली है. लालू जी से संघर्ष किया था. उसी का नतीजा है कि आज वे इस हैसियत में हैं."
यह तेज प्रताप का निजी मसला- आभा रानी
आरजेडी के महासचिव आभा रानी ने भी पहले इस पर कुछ बोलने से इनकार किया, लेकिन बात को आगे बढ़ाने पर कहा, 'यह उनके परिवार का निजी मामला है. जब यह पूछा कि आरजेडी प्रमुख के उत्तराधिकारी का मामला किसी भी नेता का निजी मसला कैसे हो सकता है, तो उन्होंने कहा कि इस पर हम लोग कुछ नहीं कह सकते हैं. ना ही इसके लिए अधिकृत हैं, ना ही बोलने का अधिकार है. इसके बारे में जो कुछ भी कहेंगे, वो लालू यादव जी ही कहेंगे. वह अपना रुख स्पष्ट कर चुके हैं. आप उन्हीं को फोन मिलाकर पूछ लीजिए.
जोकीहाट से आरजेडी विधायक शाहनवाज ने तो तेज प्रताप यादव और परिवार की राजनीति के मसले पर कुछ भी बोलने से साफ साफ इनकार कर दिया. आरजेडी प्रवक्ता सारिका पासवान भी मुद्दे को टालते हुए कहा कि हम आपको कुछ देर में कॉल करते हैं, लेकिन कॉल नहीं आया.
विरोधियों को पता है- 'मैं दूसरा लालू यादव हूं'
दरअसल, आरजेडी से निष्कासित तेज प्रताप यादव पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में हैं. खुद को 'दूसरा लालू यादव' बताने वाले तेज प्रताप ने पार्टी पर साजिश का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें जानबूझकर उन्हें निशाना बनाया गया है. उन्होंने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनने का आशीर्वाद देते हुए खुद को 'किंगमेकर' बताया. तेजस्वी का सीएम बनने में मुझे कोई आपत्ति नहीं है.
तेज प्रताप यादव ने आगे कहा, "निष्कासन और परिवार से बेदखली के बाद पहली बार उन्होंने खुद को अपने पिता लालू प्रसाद यादव का असली राजनीतिक उत्तराधिकारी करार दिया है. एक मीडिया इंटरव्यू में तेज प्रताप ने कहा, “जो मुझे टारगेट कर रहे हैं, उन्हें पता है कि मैं ही दूसरा लालू यादव हूं. मेरी आवाज, अंदाज और सोच उन्हीं जैसी है, इसलिए सबको खटकता हूं.”
आरजेडी से 6 साल के लिए निष्कासन पर कहा, "पार्टी में ऐसे लोग भी हैं जो आरजेडी को नुकसान पहुंचा रहे हैं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती. ये एक सोची-समझी साजिश है.” सपा प्रमुख अखिलेश यादव से वीडियो कॉल की खबर पर तेज प्रताप ने कहा कि उनके बीच पारिवारिक और व्यक्तिगत संबंध हैं. इसे राजनीति से अलग बताते हुए कहा कि मुश्किल वक्त में अपने लोग ही काम आते हैं."