खान सर का ही क्यों विरोध करने लगे प्रदर्शनकारी छात्र, जानिए कारण
70वीं बीपीएससी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने कहा कि जब खान सर और रहमान सर आंदोलन में शामिल हुए थे, तो उनका उद्देश्य केवल छात्रों के मुद्दे को सरकार के सामने उठाना था.;
पटना में चल रहे 70वीं BPSC परीक्षा विवाद को लेकर प्रदर्शन में नया मोड़ आ गया है. अभ्यर्थियों ने कोचिंग संचालक खान सर और रहमान सर पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों शिक्षकों ने आंदोलन को 'हाईजैक' कर लिया है और इसे राजनीतिक रंग दे दिया है.
जब खान सर और रहमान सर आंदोलन में शामिल हुए, तो उनका उद्देश्य छात्रों की समस्याओं को सरकार तक पहुंचाना था. अब छात्रों का कहना है कि इन शिक्षकों ने आंदोलन को अपने निजी स्वार्थ और राजनीतिक हितों के लिए उपयोग करना शुरू कर दिया है. कई छात्रों ने प्रदर्शन स्थल पर दोनों शिक्षकों का खुला विरोध करते हुए कहा कि वे मंच से उतर जाएं, क्योंकि वे आंदोलन के असली मुद्दों से ध्यान भटका रहे हैं.
छात्रों के आरोप
छात्रों का आरोप है कि खान सर और रहमान सर जैसे दो प्रमुख शिक्षकों ने छात्रों के मुद्दे से हटकर अपने राजनीतिक एजेंडे पर ध्यान केंद्रित कर दिया . शुरू में जब ये शिक्षक विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे, तो उनका लक्ष्य केवल छात्रों की मांगों को सरकार के सामने उठाना था. हालांकि, अब छात्रों का दावा है कि खान सर और रहमान सर दोनों ने अपने हितों के लिए विरोध प्रदर्शन का दुरुपयोग किया है और इसे राजनीतिक अभियान में बदल दिया है. कुछ छात्रों ने तो यहां तक मांग की कि दोनों कोचिंग संचालक मंच से चले जाएं, क्योंकि उनका कहना है कि वे मूल मुद्दे से ध्यान भटका रहे हैं.
शिक्षक खान सर 70वीं BPSC अभ्यर्थियों के प्रदर्शन के 10वें दिन गुरु रहमान के साथ प्रदर्शन में शामिल हुए और दोबारा परीक्षा की मांग की. उन्होंने कहा, 'हम किसी भी तरह की अनियमितता को रोकने के लिए सीसीटीवी निगरानी में दोबारा परीक्षा कराने की मांग करते हैं.' शिक्षक खान सर ने आगे बताया, 'हम पहले भी दोबारा परीक्षा की मांग कर रहे थे और अब सीसीटीवी फुटेज की मांग कर रहे हैं. हमें सीसीटीवी से क्यों डरना चाहिए?'
वहीं, जन सूरज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने प्रदर्शनकारी छात्रों से मुलाकात की और उनके खिलाफ पुलिस द्वारा बल प्रयोग की निंदा की. उन्होंने छात्रों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए कहा कि अगर वे विरोध करना जारी रखते हैं, तो वह उनके साथ खड़े रहेंगे.किशोर ने इस बात पर जोर दिया कि छात्रों के विरोध करने के अधिकार का सम्मान किया जाना चाहिए और स्पष्ट किया कि वह युवाओं के खिलाफ सरकार की कार्रवाई का विरोध करने के लिए वहां आए थे.