कौन है कुख्यात तौसीफ बादशाह जिसने गैंग के साथ मिलकर की चंदन मिश्रा की हत्या?
तौसीफ के पिता हार्डवेयर शॉप चलाते हैं और उसकी मां शिक्षिका हैं. तौसीफ ने पटना के प्रतिष्ठित स्कूल सेंट कैरेंस से पढ़ाई की, लेकिन क्राइम की दुनिया में आ गया. चंदन मिश्रा की सनसनीखेज हत्या ने एक बार फिर तौसीफ बादशाह के गैंग और उसका क्राइम सुर्खियों में है. आखिर कौन है ये तौसीफ? कैसे बना गैंगस्टर से "बादशाह"? जानिए उसकी पूरी क्राइम प्रोफाइल.;
बिहार पुलिस ने चर्चित पारस हॉस्पिटल के अंदर घुसकर कुख्यात बदमाश चंदन मिश्रा की हत्या के आरोप में फुलवारी शरीफ के कुख्यात तौसीफ रजा उर्फ बादशाह को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. अस्पताल में चंदन मिश्रा की हत्या में शामिल जिन लोगों के चेहरे सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे हैं, उसमें सबसे आगे दिखने वाला शख्स कोई आम शख्स नहीं, बल्कि एक खूंखार चेहरा तौसीफ बादशाह है. वही तौसीफ जिसके नाम से पटना और कई राज्यों में दहशत है. वह बन चुका है एक गैंग का सरगना. सवाल ये है कौन है तौसीफ बादशाह की चंदन से कौन सी दुश्मनी थी.
कौन है तौसीफ बादशाह?
तौसीफ बादशाह का असली नाम तौसीफ रजा है, लेकिन लोगों के बीच वो तौसीफ बादशाह के नाम से फेमस है. तौसीफ ने पटना के प्रतिष्ठित स्कूल सेंट कैरेन्स से पढ़ाई की. इस स्कूल में पढ़ाई करने के बाद वो अपराध की दुनिया से जुड़ गया. तौसीफ के पिता हार्डवेयर शॉप चलाते हैं और उसकी मां एक स्कूल में शिक्षिका हैं. तौसीफ सोशल मीडिया पर रील्स अपलोड करता है. उसका शौक सोशल मीडिया पर रील्स बनाना है और क्रिमिनल छवि को ग्लैमराइज करना है.
तौसीफ बादशाह बिहार से लेकर झारखंड तक के अपराध जगत में एक कुख्यात है. उसका असली नाम तौसीफ आलम बताया जाता है, लेकिन उसने खुद को बादशाह टाइटल दिया-शायद अपने खौफ के दम पर. शुरुआत की छोटे-मोटे झगड़े और वसूली से, लेकिन जल्द ही जुड़ गया संगठित अपराध के नेटवर्क से. तौसीफ का नाम कई आपराधिक मामलों में दर्ज है, जिनमें हत्या, रंगदारी, और गैंगवार प्रमुख हैं. वह उभरता हुआ 'क्राइम सिंडिकेट लीडर' है, जो सोशल मीडिया पर खुद को रॉबिनहुड की तरह पेश करता है, लेकिन असल में वह एक खूनी गैंग का हिस्सा है.
तौसीफ गैंग का कनेक्शन और नेटवर्क
तौसीफ का कनेक्शन बिहार और झारखंड के दो बड़े गैंगों से बताया जा रहा है. उसके गिरोह में 15 से ज्यादा एक्टिव सदस्य हैं, जो हथियारबंद रहते हैं और हर टारगेट पर पूरी प्लानिंग से हमला करते हैं. पुलिस सूत्रों के अनुसार तौसीफ का नेटवर्क 'कॉन्ट्रैक्ट किलिंग' और जमीन कब्जाने में भी सक्रिय है.
तौसीफ का गिरोह का स्टाइल फिल्मी है. पहले टारगेट को ट्रैक करना, फिर सोशल मीडिया के जरिए डर फैलाना और आखिर में हत्या करना. चंदन मिश्रा केस में भी यही पैटर्न दिखा.
चंदन मिश्रा की हत्या क्यों?
चंदन मिश्रा एक स्थानीय व्यापारी था, जिसकी लोकप्रियता और जमीन विवाद तौसीफ गैंग के लिए खतरा बन गई थी. पुलिस को शक है कि चंदन ने किसी डील में तौसीफ की बात नहीं मानी और उसी का नतीजा बना उसका मर्डर.