तेजस्वी यादव के वादे की हकीकत और Scotland Model की सच्चाई, बिहार को 'स्कॉटलैंड' बनने में कितना वक्त लगेगा?
राजद नेता तेजस्वी यादव ने एक बार फिर बिहार को स्कॉटलैंड बनाने का वादा दोहराया है, लेकिन स्कॉटलैंड जैसी विकसित अर्थव्यवस्था, उच्च साक्षरता और प्रति व्यक्ति आय वाला मॉडल रातोंरात नहीं बना. तुलना करें तो बिहार अभी भी बुनियादी शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और औद्योगीकरण जैसे कई मोर्चों पर पीछे है. यदि ईमानदार प्रयास और दीर्घकालिक नीति अपनाई जाए, तो बिहार इस दिशा में बढ़ सकता है. मगर वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह सपना 15–20 साल से पहले पूरा होता नहीं दिखता.;
Bihar vs Scotland: राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक बार फिर अपना पुराना वादा दोहराया है- बिहार को स्कॉटलैंड बनाएंगे. यह लाइन पहली बार 2015 में तब चर्चित हुई थी, जब उन्होंने बिहार के विकास मॉडल को यूरोपीय देशों की तर्ज पर खड़ा करने की बात कही थी, लेकिन सवाल यह है कि स्कॉटलैंड जैसा विकसित, उच्च जीवन स्तर और मजबूत शिक्षा-स्वास्थ्य व्यवस्था वाला क्षेत्र आखिर कैसे बना? और क्या बिहार उस दिशा में जा भी रहा है?
स्कॉटलैंड कैसे बना एक समृद्ध राष्ट्र?
स्कॉटलैंड, यूनाइटेड किंगडम (UK) का हिस्सा होने के बावजूद अपनी विशिष्ट पहचान रखता है. स्कॉटलैंड की ताकत इसकी ऊर्जा नीति (नवीकरणीय स्रोत), शिक्षा प्रणाली (दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटी – एडिनबर्ग), इनोवेशन इकोनॉमी, और स्मार्ट गवर्नेंस रही है. इसके पीछे औद्योगिक क्रांति, शिक्षा में निवेश, और संस्थानों की पारदर्शिता का लंबा इतिहास रहा है.
स्कॉटलैंड: एक नजर में
- GDP (2024): £205 बिलियन (लगभग ₹21 लाख करोड़)
- प्रति व्यक्ति आय: £37,000 (₹39 लाख से ज्यादा)
- जनसंख्या: लगभग 54 लाख
- साक्षरता दर: 99%
- एचडीआई रैंकिंग: बहुत ऊंची, स्वास्थ्य और शिक्षा के मामले में विश्वस्तरीय
अब बिहार की हकीकत क्या कहती है?
क्षेत्र | स्कॉटलैंड | बिहार |
GDP | ₹21 लाख करोड़ | ₹7.5 लाख करोड़ (2023-24 अनुमान) |
जनसंख्या | 54 लाख | 13 करोड़ से ज्यादा |
साक्षरता दर | 99% | 70.9% (2021 डेटा) |
प्रति व्यक्ति आय | ₹39 लाख | ₹54,383 |
बेरोजगारी दर | 3.3% | ~17% (युवा वर्ग में अधिक) |
औद्योगीकरण | उच्च सीमित | कृषि पर निर्भर |
बिहार के सामने क्या चुनौतियां हैं?
- खराब इंफ्रास्ट्रक्चर
- शिक्षा और स्वास्थ्य में भारी अंतर
- निवेश और इंडस्ट्रियल ग्रोथ का अभाव
- राजनीतिक अस्थिरता और प्रशासनिक ढिलाई
बिहार को स्कॉटलैंड बनने में कितना समय लगेगा?
विशेषज्ञों के अनुसार, यदि बिहार स्कॉटलैंड जैसा बनना चाहता है, तो उसे अगले 15–20 वर्षों तक लगातार निम्नलिखित क्षेत्रों में गंभीर सुधार करने होंगे:
- शिक्षा और कौशल विकास में भारी निवेश
- नवाचार और स्टार्टअप को बढ़ावा देना
- ऊर्जा, परिवहन और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में तेज़ी से सुधार
- गवर्नेंस में पारदर्शिता और टेक्नोलॉजी का उपयोग
- सामाजिक सुधार: जातिवाद, भ्रष्टाचार और अपराध पर अंकुश
तेजस्वी का सपना: यथार्थ या सिर्फ़ सियासत?
तेजस्वी यादव का 'बिहार = स्कॉटलैंड' विजन एक प्रगतिशील सोच को दिखाता है, लेकिन वह तभी संभव है जब राजनीतिक इच्छाशक्ति के साथ-साथ प्रशासनिक दक्षता और जनसहभागिता हो. महज भाषणों से या स्कीमों की घोषणा से नहीं, बल्कि जमीनी बदलाव से ही यह लक्ष्य हासिल हो सकता है.
बिहार का स्कॉटलैंड बनना असंभव सपना नहीं
बिहार का स्कॉटलैंड बनना कोई असंभव सपना नहीं, लेकिन यह एक लंबी यात्रा है, जिसमें ठोस रोडमैप, ईमानदार नीयत और जनभागीदारी की ज़रूरत होगी. अभी की हालत देखकर कहा जा सकता है कि तेजस्वी का यह सपना 20 साल से कम समय में पूरा होना मुश्किल है.