'स्वर्ग से मां ने दिया हत्या का आदेश', कैसे मुस्कान ने साहिल को पति को निपटाने के लिए किया राजी?
मेरठ में मर्चेंट नेवी के पूर्व अधिकारी सौरभ राजपूत की निर्मम हत्या उनकी पत्नी मुस्कान रस्तोगी और प्रेमी साहिल शुक्ला ने की. साज़िश महीनों पहले रची गई थी, जिसमें नशीली दवाएं, चाकू और सीमेंट-ड्रम का इस्तेमाल हुआ. शव को ठिकाने लगाने के लिए क्रूरता की हदें पार की गईं. अभी भी और चीजें सामने आएंगी और पुलिस जांच जारी है.;
लंदन से लौटते वक्त सौरभ राजपूत को जरा भी अंदाज़ा नहीं था कि वह अपनी मौत की ओर बढ़ रहा है. 29 वर्षीय सौरभ, जो मर्चेंट नेवी के पूर्व अधिकारी था, 24 फरवरी को अपनी पत्नी मुस्कान रस्तोगी और बेटी का जन्मदिन मनाने के लिए अपने घर, मेरठ आया था. लेकिन, इस घर वापसी ने उन्हें एक खौफनाक अंत की ओर धकेल दिया.
नवंबर से ही मुस्कान ने अपने प्रेमी, 25 वर्षीय साहिल शुक्ला के साथ मिलकर इस हत्या की योजना बना ली थी. उसने चाकू और बेहोश करने वाली दवाओं तक की खरीददारी कर ली थी. पुलिस के अनुसार, मुस्कान और साहिल ने हथियार जुटाने से लेकर शव ठिकाने लगाने की जगह तक हर चीज़ की बारीकी से योजना बनाई.
प्रेम कहानी से खूनी साज़िश तक
मुस्कान और साहिल की कहानी 2019 में एक स्कूल व्हाट्सएप ग्रुप से दोबारा शुरू हुई. दोस्ती जल्द ही प्रेम-प्रसंग में बदल गई, और धीरे-धीरे यह रिश्ता अपराध की राह पर बढ़ गया. मुस्कान ने अपने पति को अपने नए प्रेम संबंध में सबसे बड़ी रुकावट के रूप में देखा. और उसने इस बाधा को हमेशा के लिए हटाने का फैसला किया.
मां की आत्मा और एक भयानक विश्वास
इस पूरी साज़िश में एक चौंकाने वाला मोड़ तब आया जब मुस्कान ने साहिल को यह यकीन दिला दिया कि उसकी दिवंगत मां स्नैपचैट के ज़रिए उससे बात कर रही है. उसने यह भी दावा किया कि उसकी मां का पुनर्जन्म हुआ है और वह चाहती है कि साहिल उसकी मदद करे. इसी मानसिक खेल के ज़रिए साहिल को हत्या के लिए तैयार कर लिया. मुस्कान ने पति की हत्या के लिए साहिल को राजी किया और कहा कि स्वर्ग से उसकी मां का आदेश आया है.
पहली नाकाम कोशिश, फिर निर्दयता की हदें पार
25 फरवरी को मुस्कान और साहिल ने पहली बार सौरभ को मारने की कोशिश की. उसने खाने में नशीली दवा मिलाई, लेकिन सौरभ सिर्फ गहरी नींद में सो गया, बेहोश नहीं हुआ. 4 मार्च को, मुस्कान ने फिर से वही प्रयास किया, लेकिन इस बार सौरभ पूरी तरह बेहोश हो गया. साहिल और मुस्कान ने मिलकर चाकू से उसकी हत्या कर दी.
शरीर के टुकड़े और सीमेंट का ड्रम
हत्या के बाद, दोनों ने सौरभ के शव के टुकड़े कर दिए और उन्हें एक बड़े नीले रंग के ड्रम में डालकर सीमेंट से सील कर दिया. पहले तो वे शव के अंगों को किसी सुनसान जगह पर फेंकने की सोच रहे थे, लेकिन बाद में यह तरीका उन्हें ज्यादा सुरक्षित लगा.
भागकर गए थे हिमाचल प्रदेश
हत्या के बाद दोनों हिमाचल प्रदेश भाग गए, लेकिन 17 मार्च को मेरठ लौट आए. अगले ही दिन, सौरभ के परिवार ने जब पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई, तो जांच के दौरान संदेह मुस्कान और साहिल पर गया. पुलिस ने दोनों को हिरासत में लिया और घर की तलाशी ली, जहां उन्हें सीमेंट में ठोस हो चुका नीला ड्रम मिला. उसमें से शव को निकाला गया.
अदालत में वकीलों ने की मारपीट
गिरफ्तारी के बाद, अदालत में पेशी के दौरान वकीलों की भीड़ ने दोनों आरोपियों को घेर लिया और उन पर हमला करने की कोशिश की. साहिल के कपड़े तक खींचे गए. पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे.
अपनी ही बेटी के लिए मौत की सज़ा
हत्या में अपनी बेटी की संलिप्तता से मुस्कान के माता-पिता सदमे में थे. उन्होंने दावा किया कि मुस्कान कभी ऐसी नहीं थी, और उसके पतन के लिए साहिल को जिम्मेदार ठहराया. लेकिन, इसके बावजूद उन्होंने अदालत से अपनी ही बेटी के लिए मौत की सज़ा की मांग की. उनके शब्दों में, "सौरभ ने मुस्कान के लिए अपनी नौकरी और परिवार तक छोड़ दिया था. लेकिन उसने उसके साथ ऐसा किया. मुस्कान अब जीने के लायक नहीं है. ऐसा इंसान धरती पर चलने के काबिल नहीं."