डायन बताकर पीटा, फिर एक ही परिवार के 5 लोगों को जिंदा जला दिया.... पूर्णिया के टेटगामा गांव से दिल दहलाने वाली वारदात

बिहार के पूर्णिया जिले के टेटगामा गांव में अंधविश्वास के चलते एक ही परिवार के पांच लोगों को डायन होने के शक में बेरहमी से पीटने के बाद जिंदा जला दिया गया। मृतकों में महिलाएं और पुरुष दोनों शामिल हैं, जबकि परिवार का एकमात्र जीवित सदस्य किसी तरह जान बचाकर भाग निकला। घटना के बाद गांव में दहशत का माहौल है और आरोपी फरार हैं। पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है और बाकी की तलाश जारी है।;

( Image Source:  meta ai )
Edited By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 7 July 2025 7:10 PM IST

Purnia witchcraft killing: बिहार के पूर्णिया जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के टेटगामा गांव में अंधविश्वास की आग में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली वारदात घटी है, जहां डायन होने के शक में एक ही परिवार के पांच लोगों को बेरहमी से पीटने के बाद जिंदा जलाकर मार डाला गया.

जानकारी के अनुसार, गांव के ही रामदेव उरांव के बेटे की कुछ दिन पहले झाड़-फूंक के दौरान मौत हो गई थी और दूसरे बेटे की तबीयत भी बिगड़ रही थी. इसी के बाद गांव में अफवाह फैल गई कि यह सब एक परिवार की महिलाओं द्वारा किए गए 'डायन' टोटकों के कारण हो रहा है. अंधविश्वास में डूबे ग्रामीणों ने बाबूलाल उरांव, सीता देवी, मनजीत उरांव, रनिया देवी और तपतो मोसमत को पहले बुरी तरह पीटा और फिर उन्हें जिंदा आग के हवाले कर दिया.

पूरे गांव में डर और सन्नाटा

इस बर्बर कांड के बाद गांव में दहशत फैल गई है. कई ग्रामीण गांव छोड़कर भाग चुके हैं. घटनास्थल पर पुलिस की तैनाती की गई है. डॉग स्क्वायड व फॉरेंसिक टीम भी जांच में जुटी है. इस मामले में पुलिस ने नकुल कुमार नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिस पर लोगों को हिंसा के लिए उकसाने का आरोप है.

इकलौते बचे परिवार सदस्य की आपबीती

मृतकों के परिवार में केवल ललित नाम का युवक बचा है, जिसने बताया कि कैसे पूरे परिवार को पहले मारा गया और फिर जिंदा जलाकर पानी में फेंक दिया गया. ललित किसी तरह जान बचाकर भाग निकला. वह फिलहाल बेहद डरा हुआ है.

आरोपियों की तलाश तेज 

पुलिस ने आरोपियों की तलाश तेज कर दी है और मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्चस्तरीय जांच की जा रही है. यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि समाज में अब भी जड़ें जमाए अंधविश्वास की भयावह सच्चाई को भी उजागर करती है.

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