Bihar Politics: पूर्णिया एयरपोर्ट में क्या है खास? कहीं ‘गेम चेंजर’ मूव तो नहीं, क्या हैं सियासी मायने?

Purnia Airport News: पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा सोमवार को पूर्णिया एयरपोर्ट का उद्घाटन होना काफी अहम माना जा रहा है. यह केवल एक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट नहीं है. यह चुनावी नजरिए से सीमांचल में बीजेपी के लिए ‘गेम चेंजर’ मूव साबित हो सकता है. यह कदम मोदी के विकास बनाम जातीय राजनीति नैरेटिव को मजबूती देता है.;

( Image Source:  ANI Facebook )
Curated By :  धीरेंद्र कुमार मिश्रा
Updated On : 15 Sept 2025 2:17 PM IST

Purnia Airport News: बिहार में नवंबर में विधानसभा चुनाव होना है. उससे ठीक पहले पीएम नरेंद्र मोदी सातवीं बार राज्य के दौरे करने के आज पूर्णिया पहुंचेंगे. वह 15 सितंबर को सबसे पहले पूर्णिया एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे. वह पूर्णिया से हवाई सेवा की शुरुआत का एलान भी करेंगे. उसके बाद एक सियासी जनसभा को संबोधित करेंगे. इस दौरे के दौरान वे राज्य को 36 हजार करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात देंगे.

सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोपहर 2:20 बजे चूनापुर सैन्य हवाई अड्डे पर उतरने के बाद सड़क मार्ग से पूर्णिया एयरपोर्ट टर्मिनल बिल्डिंग पहुंचेंगे और उसके बाद एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे. इसके बाद वायुसेना के हेलीकॉप्टर से गुलाबबाग-शीशाबाड़ी स्थित सभा स्थल के लिए रवाना होंगे. सभा स्थल पर पीएम मोदी डेढ़ घंटे तक रहेंगे और हजारों करोड़ रुपये की अलग-अलग परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगे.

पूर्णिया सहित सीमांचल के लोगों को मिलेगा सबसे ज्यादा लाभ

बिहार में नवनिर्मित पूर्णिया एयरपोर्ट (Purnia Airport) सीमांचल क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है. एयरपोर्ट के अंतरिम टर्मिनल (interim terminal building) के निर्माण पर स्वीकृत लागत लगभग ₹33.99 करोड़ है, लेकिन इस पर कुल टर्मिनल भवन का एक हिस्सा (पहला चरण) पूरा करने में 46 करोड़ की लागत आई है. भविष्य में सिविल एन्क्लेव (civil enclave) सहित अन्य सुविधाएं सहित अधिक व्यापक विकास की योजना है, जिसकी अनुमानित कुल लागत 424 करोड़ रुपये है.

क्या है इसकी खासियत?

  • एयर स्ट्रिप की लंबाई: पूर्णिया एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई लगभग 2,800 मीटर, जो बिहार में सबसे लंबा एयर स्ट्रिप है.
  • टर्मिनल भवन: टर्मिनल भवन में आधुनिक सुविधाओं से सुरज्जित है. इनमें पांच एरोब्रिज (aerobridges) जैसे फ्लाइंग से जुड़ी सुविधाएं शामिल होंगी.
  • अन्य बुनियादी ढांचे की सुविधाएं: एप्रन, टैक्सीवे, एप्रोच रोड्स, गो‐आसी इलाके में 69 एकड़ जमीन अधिग्रहण का काम पूरा हो चुका है.
  • एयरफील्ड बनने की शुरुआत: यह एयरफील्ड 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद सैन्य प्रयोजन के लिए बनाया गया था.
  • नागर विमानन सेवाओं की घोषणा: साल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी रैली में पूर्णिया के चूनापुर एयरफोर्स स्टेशन से हवाई सेवा शुरू करने की घोषणा की थी.
  • टर्मिनल की मंज़ूरी: फरवरी 2025 में AAI ने टर्मिनल निर्माण को मंज़ूरी दी थी. अंतरिम टर्मिनल लगभग चार महीने में तैयार किया जाने का लक्ष्य था.
  • आज से एयर सेवा को संचालन : कमर्शियल उड़ानों के लिए उद्घाटन 15 सितंबर 2025 को हुआ.

मिलिट्री एयरफील्ड से आम नागरिक भरेंगे उड़ान

यह एयरपोर्ट भारतीय एयरफोर्स के चूनापुर एयरफोर्स स्टेशन के करीब है. मूलतः यह एक मिलिट्री एयरफील्ड था, जिसे अब सिविल नागर विमानन उपयोग के लिए विकसित किया जा रहा है.

एयरपोर्ट उद्घाटन के क्या हैं सियासी मायने?

बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले किसी बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट का उद्घाटन हमेशा राजनीतिक संदेश लेकर आता है. पूर्णिया एयरपोर्ट का पीएम मोदी द्वारा उद्घाटन  को भी इसी कड़ी में देखा जा रहा है.

1. पूर्वांचल और सीमांचल में पकड़ मजबूत करने की कोशिश

पूर्णिया बिहार के सीमांचल इलाके में आता है, जहां मुस्लिम और पिछड़े वर्ग की आबादी अधिक है. यह इलाका अब तक बीजेपी का परंपरागत वोट बैंक नहीं माना जाता. इस क्षेत्र में कांग्रेस, आरजेडी और अब एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की पकड़ मजबूत है. साल 2020 के चुनाव में ओर्वसी की पार्टी सीमांचल के 24 में से पांच सीटें जीतने में कामयाब हुई थी.बीजेपी यहां से आठ सीटें जीतने में कामयाब हुई थी. आरजेडी सिर्फ एक सीट जीत पाई थी. पांच में से चार विधायक कुछ समय बाद आरजेडी में शामिल हो गए थे. ऐसे में पूर्णिया एयरपोर्ट का उद्घाटन होने से मोदी यहां से बीजेपी और एनडीए के अन्य दलों के लिए विकास का संदेश देकर नई जमीन तैयार करना चाहते हैं.

2. पप्पू यादव का गढ़

पूर्णिया निर्दलीय सांसद पप्पू यादव का गढ़ भी है. वह गाहे-बगाहे आरजेडी पर भी हमला बोलते रहते हैं. राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा जब पूर्णिया पहुंची थी तो 2020 में यहां जेडीयू ने जीत दर्ज की थी, लेकिन 2025 के चुनाव में पप्पू यादव किस तरह का रुख अपनाते हैं, उससे मुकाबले की दिशा तय होगी.

3. विकास बनाम पहचान की राजनीति

पूर्णिया-सीमांचल अक्सर पहचान और सामुदायिक राजनीति से प्रभावित रहता है. एयरपोर्ट का उद्घाटन करके मोदी ने यहां पर विकास की राजनीति का एजेंडा सेट करने की कोशिश की है. ताकि मतदाता पहचान से हटकर विकास को तवज्जो दें.

4. युवाओं और रोजगार का कार्ड

एयरपोर्ट से रोजगार, पर्यटन और बिजनेस के नए अवसर खुलेंगे. सीमांचल से बड़ी संख्या में लोग खाड़ी देशों और महानगरों में काम करते हैं. उनके लिए यह एयरपोर्ट बड़ी सुविधा साबित होगा. इस क्षेत्र के लोग बड़ी संख्या में दिल्ली, मुंबई व अन्य शहरों में रहते हैं.

5. क्षेत्रीय दलों को चुनौती

यह इलाका अब तक आरजेडी, जेडीयू और AIMIM जैसी पार्टियों का प्रभाव क्षेत्र रहा है. एयरपोर्ट उद्घाटन से बीजेपी यह दिखाना चाहती है कि वह सिर्फ धार्मिक या वैचारिक मुद्दों तक सीमित नहीं है, बल्कि बड़े विकास कार्य भी कर सकती है.

6. विधानसभा चुनाव की तैयारी

अभी लोकसभा चुनाव नजदीक हैं, लेकिन एयरपोर्ट का उद्घाटन आने वाले विधानसभा चुनावों की भी रणनीति का हिस्सा है. सीमांचल में मजबूत पकड़ बनाने से बीजेपी को विधानसभा में नए समीकरण मिल सकते हैं.

7. राष्ट्रीय Vs स्थानीय मुद्दा

मोदी का उद्घाटन सीधे तौर पर एक राष्ट्रीय नेतृत्व का हस्तक्षेप दिखाता है. इससे स्थानीय नेताओं की चमक फीकी पड़ सकती है और वोटर को यह संदेश जाएगा कि विकास केंद्र से ही आ सकता है.

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