ये हैं बिहार के धाकड़ नेता! बखरी विधायक के अश्लील फोटो और Video Viral, सफाई में क्या कहा?

बिहार के बखरी से CPI विधायक सूर्यकांत पासवान का कथित अश्लील वीडियो वायरल होने से राजनीतिक भूचाल आ गया है. विधायक ने वीडियो को एडिटेड बताते हुए इसे बीजेपी और शराब माफिया से जुड़े अफसरों की साजिश करार दिया है. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने का यह बदला है. पुलिस जांच में सच्चाई सामने आने की उम्मीद है.;

Edited By :  नवनीत कुमार
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मध्यप्रदेश में मनोहरलाल धाकड़ और यूपी में नेत्री के बेटे का अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद अब बिहार में भी एक नेता का वीडियो वायरल हो रहा है. दरअसल, बेगूसराय जिले के बखरी विधानसभा से सीपीआई विधायक सूर्यकांत पासवान का अश्लील वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. वीडियो में एक युवती के साथ उनकी आपत्तिजनक स्थिति दिखाई गई है. यह वायरल होते ही राजनीतिक गलियारों में अफवाहों का बाजार गर्म हो गया और विपक्षी दलों ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी.

बताया गया है कि दो अलग-अलग फेसबुक अकाउंट्स से यह वीडियो अपलोड किया गया था, जिसमें पासवान युवती के साथ आपत्तिजनक स्थिति में दिख रहे हैं. हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि वीडियो किसने और कैसे बनाया. वीडियो के वायरल होते ही पासवान ने प्रेस कांफ्रेंस कर इसका खंडन किया और दावा किया कि वीडियो एडिटेड है और साजिशन उन्हें बदनाम किया जा रहा है.

बीजेपी और अफसरशाही की मिलीभगत

विधायक सूर्यकांत पासवान ने वीडियो को लेकर सीधे तौर पर बीजेपी नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों पर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि हाल ही में उन्होंने बखरी डीएसपी की शराब माफिया से मिलीभगत की शिकायत डीजीपी से की थी, जिसके बाद डीआईजी स्तर की जांच का आदेश भी जारी हुआ. पासवान के मुताबिक इसी शिकायत का बदला लेने के लिए यह वीडियो वायरल कराया गया है.

शराब माफिया से टकराव बना 'पोलिटिकल ट्रैप'?

पासवान ने दावा किया कि वे लगातार क्षेत्र में शराब तस्करी के खिलाफ आवाज उठा रहे थे और कई बार उच्च अधिकारियों की मिलीभगत का खुलासा किया. उनकी माने तो प्रशासन और माफिया गठजोड़ को उजागर करना ही उनकी सबसे बड़ी 'राजनीतिक भूल' बन गया, जिसका बदला अब उनकी निजी जिंदगी में हस्तक्षेप कर के लिया जा रहा है.

छवि को धूमिल करने की साजिश

विधायक का कहना है कि यह केवल एक व्यक्ति विशेष को निशाना बनाने का मामला नहीं है, बल्कि यह उन सभी जनप्रतिनिधियों के लिए एक चेतावनी है जो प्रशासनिक भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते हैं. पासवान ने इसे लोकतंत्र और जनसेवकों की गरिमा पर हमला करार दिया. साथ ही उन्होंने भरोसा जताया कि सच्चाई जल्द सामने आएगी.

प्रशासन की जांच का इंतजार

इस सनसनीखेज घटनाक्रम पर जहां विधायक अपनी बात स्पष्ट रूप से सामने रख चुके हैं, वहीं प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. जनता, पार्टी और मीडिया सभी की निगाहें अब बेगूसराय पुलिस प्रशासन और डीआईजी की जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो तय करेगी कि यह वाकई साजिश है या कोई और कड़वी सच्चाई.

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