सावन, मटन और सियासत! बिहार में राजनीति का अलग ही लेवल, राहुल-तेजस्‍वी-ललन इस हमाम में सब नंगे हैं

बिहार में सावन के महीने में एनडीए विधायकों की मटन पार्टी का वीडियो वायरल होने से सियासत गरमा गई है. तेजस्वी यादव ने भाजपा पर धर्म विरोधी रवैये का आरोप लगाया. यह पहला मौका नहीं जब मटन-मछली बिहार की राजनीति का मसाला बना हो. सवाल उठ रहे हैं कि आस्था पर राजनीति भारी या राजनीति पर आस्था?;

Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On : 23 July 2025 4:30 PM IST

इन दिनों सावन का पवित्र महीना चल रहा है, लेकिन इसके बीच बिहार में मटन पार्टी के वीडियो ने सियासी गलियारों में तूफान ला दिया है. वीडियो में एनडीए विधायकों की दावत का दृश्य है, जिसमें मटन, मछली और चिकन का भव्य इंतजाम किया गया था. यह दृश्य ऐसे समय पर सामने आया जब धर्म और संस्कृति से जुड़ी भावनाएं अत्यधिक संवेदनशील होती हैं. 32 सेकंड के इस वायरल वीडियो ने सोशल मीडिया और न्यूज़ चैनलों में जैसे आग लगा दी.

वीडियो को लेकर विपक्ष ने आरोपों की झड़ी लगा दी, तो सत्ता पक्ष सफाई देने में जुट गया. दावा है कि यह भोज एनडीए विधायक के आवास पर हुआ, जहां सैकड़ों लोगों को दावत दी गई थी. अब इस वीडियो के बाद इंडिया गठबंधन के नेताओं के पुराने वीडियो भी चर्चा में हैं. तेजस्वी यादव का मुकेश साहनी के साथ हेलीकॉप्टर में मछली खाने का विवाद हो या राहुल गांधी का लालू यादव के घर जाकर मटन पार्टी करने का विवाद, सभी एक दूसरे से कम नहीं लग रहे हैं.

तेजस्वी यादव का तंज

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस वीडियो को मुद्दा बनाते हुए भाजपा पर तीखा हमला किया. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि भाजपा के कुछ नेता जो खुद को सनातन धर्म के रक्षक बताते हैं, वही सावन में मटन खा रहे हैं. तेजस्वी ने व्यंग्य करते हुए लिखा, “तीन मंत्री रोज तीन किलो मटन खाते हैं.”

सनातन पर छिड़ी बहस

तेजस्वी के बयान ने धार्मिक और नैतिक बहस को हवा दे दी. भाजपा समर्थक जहां इस वीडियो को निजी मामला बता रहे हैं, वहीं विपक्ष का कहना है कि धर्म और नैतिकता पर भाषण देने वाले नेता खुद ही परंपरा तोड़ रहे हैं. सवाल उठ रहे हैं कि क्या सार्वजनिक जीवन में निजी आदतें भी राजनीतिक जिम्मेदारी से जुड़ती हैं?

पुराना है मटन और सियासत का रिश्ता

यह पहला मौका नहीं है जब मटन ने बिहार की राजनीति में भूचाल लाया हो. पिछले साल सावन में लालू यादव और राहुल गांधी का मटन भोज वायरल हुआ था, जिसमें बीजेपी ने दोनों को “हिंदू विरोधी” तक कह दिया था. मटन भोज का वीडियो चुनावी हथियार बन चुका है. इसके साथ ही 16 जुलाई को ललन सिंह ने भी अपने क्षेत्र में पार्टी का आयोजन कर लोगों को मटन पार्टी दी थी. इसपर भी काफी बहस हुई थी.

तेजस्वी और सहनी के वीडियो पर सियासत

इसी तरह का एक और वीडियो तब आया जब तेजस्वी यादव और मुकेश सहनी चुनाव प्रचार के दौरान हेलीकॉप्टर में मछली खाते नजर आए. वह वीडियो नवरात्रि के समय वायरल हुआ था और भाजपा ने इसे आस्था का अपमान बताया था. ये घटनाएं बताती हैं कि बिहार में खानपान अब राजनीतिक विमर्श का स्थायी मुद्दा बन गया है.

मुद्दा नहीं, माहौल बिगाड़ने की कोशिश

भाजपा ने पूरे विवाद पर सफाई देते हुए कहा कि यह पूरी तरह व्यक्तिगत आयोजन था और इसका कोई सार्वजनिक या धार्मिक आशय नहीं था. लेकिन सवाल ये भी उठ रहा है कि जब राजनीति और धर्म का इतना गहरा संबंध हो चला है, तब इस तरह की छवियां क्या राजनीतिक साख को प्रभावित नहीं करतीं?

2025 विधानसभा चुनाव की तैयारी

साफ है कि बिहार की राजनीति अब केवल नीति या योजनाओं से नहीं, बल्कि प्रतीकों, खानपान और धार्मिक भावनाओं से भी तय हो रही है. सावन में मटन हो या नवरात्रि में मछली – ऐसे प्रतीकात्मक मुद्दे जनता की भावनाओं को भुनाने का हथियार बनते जा रहे हैं. और यह सब 2025 के चुनाव की पृष्ठभूमि तैयार कर रहा है.

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