जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर ने 14 दिन बाद तोड़ा अनशन, गंगा में लगाई डुबकी; कहा- जल्द होगा सत्याग्रह
प्रशांत किशोर ने गुरुवार को दोपहर बाद एलसीटी घाट पर केला खाकर अपना आमरण अनशन तोड़ दिया. इसके बाद उन्होंने गंगा स्नान किया. उन्होंने 2 जनवरी से पटना के गांधी मैदान में खुले आसमान के नीचे बीपीएससी 70वीं पीटी री-एग्जाम समेत 5 प्रमुख मांगों को लेकर अनशन शुरू किया था.;
प्रशांत किशोर ने गुरुवार को दोपहर बाद एलसीटी घाट पर केला खाकर अपना आमरण अनशन तोड़ दिया. इसके बाद उन्होंने गंगा स्नान किया. उन्होंने 2 जनवरी से पटना के गांधी मैदान में खुले आसमान के नीचे बीपीएससी 70वीं पीटी री-एग्जाम समेत 5 प्रमुख मांगों को लेकर अनशन शुरू किया था.
उन्होंने कहा कि सत्याग्रह के अगले चरण का जल्द ऐलान होगा. पीके ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार की तबीयत की जांच कराने की अपील की है. उनका कहना है कि उनके पास जो जानकारी है, उसके अनुसार नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. इसके बावजूद, वह पिछले छह महीने से राज्य के मुख्यमंत्री बने हुए हैं, जबकि वास्तव में उनकी जगह उनके आस-पास के अधिकारी सरकार चला रहे हैं.
हुई थी पीके की गिरफ़्तारी
प्रशांत किशोर को 6 जनवरी को पटना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन उसी दिन कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी. इसके बाद उन्होंने अपना अनशन जारी रखा और उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें पटना के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया. सेहत में सुधार के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई, लेकिन प्रशांत किशोर ने अनशन जारी रखने का निर्णय लिया था.
शांतिपूर्ण होगा सत्याग्रह
पीके ने कहा कि बिहार में शांतिपूर्ण तरीके से सत्याग्रह होगा. इसके लिए बिहार सरकार से इस आश्रम में बैठने की अनुमति ली गई है. यहां पर युवाओं को सत्याग्रह के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा और अगले 8 सप्ताह तक यहां रहकर हम युवाओं को जागरूक करेंगे. मैं चाहता हूं कि बिहार के हर किसान पंजाब और हरियाणा के किसानों की तर्ज पर काम करें.
कोर्ट करेगा बच्चों के हक में फैसला
प्रशांत किशोर को उम्मीद है कि कोर्ट बच्चों के हक में फैसला करेगा और अगर हाईकोर्ट में नहीं तो सुप्रीम कोर्ट में होगा. उन्होंने कहा कि यह सत्याग्रह बच्चों के हक की लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बच्चों पर लाठी चलाने वाले अधिकारियों को किसी भी हालत में छोड़ा नहीं जाएगा. प्रशांत किशोर ने घोषणा की कि अगले 2 दिनों में उनके खिलाफ रिट याचिका दायर की जाएगी.
छात्रों पर हुआ लाठीचार्ज
उन्होंने बताया कि जब छात्रों पर लाठीचार्ज किया गया, तो वे गर्दनीबाग गए थे और वहीं से अपनी आवाज़ उठाई थी. फिर भी सरकार ने छात्रों की मांगों को नजर अंदाज कर उन पर लाठीचार्ज किया. इसके बाद गांधी मैदान में छात्र संसद का आयोजन किया गया, लेकिन छात्रों को फिर से पीटा गया, जिससे उन्होंने अनशन पर बैठने का निर्णय लिया.