पति, बच्चा... फिर भतीजे से इश्क! बिहार की आयुषी ने सबके सामने की दूसरी शादी, बोली- पहले भी हसबैंड थे, अब भी हैं
बिहार में एक महिला ने अपने भतीजे से शादी रचाई. करीब दो साल से दोनों के बीच प्यार पनप रहा था और आखिरकार दोनों ने भागकर शादी कर ली. हैरानी की बात यह है कि इस शादी में उसका का पहला पति भी मौजूद था. वहीं, महिला का कहना है कि वह पति से परेशान थी. इसलिए यह सब कुछ हुआ.;
बिहार के जमुई ज़िले के सिकहरिया गांव की रहने वाली आयुषी कुमारी की शादी 4 साल पहले विशाल दुबे से हुई थी. एक बेटी हुई, घर-परिवार बना और शुरुआत में सबकुछ सामान्य लगा. लेकिन जैसे-जैसे वक्त बीतता गया, ज़िंदगी ने एक ऐसा मोड़ लिया जिसे किसी ने सोचा भी नहीं था.
करीब दो साल पहले आयुषी की विशाल के दूर के भतीजे सचिन दुबे से बातचीत शुरू हुई. यह सिलसिला मोबाइल पर चैटिंग और कॉल्स से शुरू हुआ, लेकिन धीरे-धीरे यह सिर्फ बातचीत नहीं, एक रिश्ता बन गया. दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया और फिर उन्होंने शादी रचा ली.
पति और बच्ची को छोड़कर भागी
15 जून 2025 को आयुषी ने एक बड़ा कदम उठाया. वह अपनी बेटी और पति विशाल को पीछे छोड़ते हुए सचिन के साथ घर से भाग गई. विशाल ने तुरंत पुलिस को रिपोर्ट लिखवाई और फिर दोनों को पुलिस ने पकड़ लिया. इसके बाद आयुषी ने कोर्ट में सरेंडर किया और साफ-साफ कहा कि ' मैं सचिन के साथ रहना चाहती हूं और अपनी बेटी को भी साथ नहीं रखना चाहती.' उसके बाद 20 जून को गांव के शिव मंदिर में आयुषी और सचिन ने सात फेरे लेकर हमेशा साथ रहने के वादे किए.
मीडिया से बातचीत में आयुषी का बयान
शादी के बाद आयुषी ने मीडिया से कहा कि ' प्यार कब कैसे हो जाता है किसी को पता थोड़ी होता है. अट्रैक्शन कभी भी हो जाता है. उसका अपने भतीजे से घर से कनेक्शन था. मोबाइल पर बात होती थी. जब आयुषी से पूछा कि विशाल रिश्ते में क्या लगता है, तो उसने कहा वह मेरे हसबैंड है. पहले भी थे और अभी भी हैं. वह 2 साल से उससे प्यार करती है.आयुषी को अपने पति से कोई गिला शिकवा नहीं है. इतना ही नहीं, इस दौरान आयुषी ने कहा किमेरा पति मुझ पर अत्याचार करता है, इसके कारण से मेरा दिल भतीजे पर आया. इतना ही नहीं आयुषी ने बताया कि तलाक के बाद ही उसने सचिन से शादी की है. साथ ही, उनका बच्चा बायोलॉजिकल फादर के पास ही रहेगा.
समाज के सामने खड़ा बड़ा सवाल
इस पूरी घटना ने एक बड़ी बहस छेड़ दी है. क्या प्यार की कोई सीमा नहीं होती? क्या रिश्तों की पारंपरिक परिभाषाएं अब बदल रही हैं? क्या सामाजिक मर्यादाएं अब सिर्फ दिखावे की चीज़ रह गई हैं? आयुषी की कहानी केवल एक महिला की ज़िंदगी का मोड़ नहीं, बल्कि समाज की सोच को झकझोर देने वाला सच है.