EVM में मतदाता की रंगीन फोटो से लेकर सीरियल नंबर तक, जानें बिहार चुनाव से पहले EC की नई गाइडलाइन में क्या-क्या बदलाव
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने ईवीएम बैलेट पेपर में बड़े बदलाव किए हैं. अब उम्मीदवारों की तस्वीरें रंगीन होंगी और फोटो स्पेस का तीन-चौथाई हिस्सा घेरेंगी ताकि पहचान आसान हो सके. साथ ही उम्मीदवारों और NOTA का सीरियल नंबर इंटरनेशनल न्यूमेरल फॉर्म में बोल्ड और बड़े फॉन्ट में दिखेगा. सभी नाम एक ही फॉन्ट और साइज में छपेंगे. बैलेट पेपर 70 GSM के गुलाबी रंग के कागज पर प्रिंट होंगे. ये बदलाव वोटरों की सुविधा और स्पष्टता बढ़ाने के लिए किए गए हैं.;
चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के बैलेट पेपर की डिज़ाइन और प्रिंटिंग से जुड़े नियमों में अहम बदलाव किए हैं. अब मतदाता उम्मीदवारों को आसानी से पहचान सकेंगे क्योंकि उनकी तस्वीरें काले-सफेद की बजाय रंगीन छपेंगी और फोटो का आकार भी बड़ा होगा.
चुनाव आयोग का कहना है कि ये बदलाव मतदाताओं की सुविधा और चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता बढ़ाने के लिए किए गए हैं. आयोग के मुताबिक, यह पहल पिछले छह महीनों में उठाए गए 28 सुधारों का हिस्सा है, जो चुनाव प्रणाली को और अधिक भरोसेमंद और सरल बनाने की दिशा में हैं.
क्या है नया बदलाव?
- उम्मीदवारों की तस्वीर अब रंगीन छपेगी और फोटो स्पेस का तीन-चौथाई हिस्सा कवर करेगी.
- प्रत्याशियों और NOTA का सीरियल नंबर अब अंतरराष्ट्रीय स्वरूप में भारतीय अंकों में होगा. इसका फॉन्ट साइज 30 और बोल्ड रखा जाएगा.
- सभी उम्मीदवारों के नाम एक जैसे फॉन्ट टाइप और बड़े साइज में छपेंगे ताकि मतदाता आसानी से पढ़ सकें.
- विधानसभा चुनावों के लिए बैलेट पेपर 70 GSM के गुलाबी रंग (निर्धारित RGB वैल्यू के साथ) कागज पर छपेंगे.
क्यों किए गए बदलाव?
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि इन संशोधनों का मकसद बैलेट पेपर को मतदाताओं के लिए और अधिक स्पष्ट, पढ़ने में आसान और भरोसेमंद बनाना है. आयोग के बयान में कहा गया कि 'यह पहल पिछले छह महीनों में चुनाव आयोग (ECI) द्वारा उठाए गए 28 सुधारात्मक कदमों के अनुरूप है, जिनका उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को सरल, सुव्यवस्थित और मतदाताओं के लिए अधिक सुविधाजनक बनाना है.'
बिहार वोटर लिस्ट पर भी विवाद
यह फैसला ऐसे समय आया है जब बिहार में मतदाता सूची (Electoral Roll) के विशेष गहन संशोधन (SIR) को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. 18 अगस्त को जारी ड्राफ्ट में 65 लाख नाम हटाए जाने के बाद विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल खड़े किए और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया. सुप्रीम कोर्ट ने 8 सितंबर को सुनवाई के दौरान कहा कि यदि आयोग की प्रक्रिया में कोई गैरकानूनी तरीका पाया गया तो पूरे SIR को रद्द कर दिया जाएगा. कोर्ट ने साथ ही आदेश दिया कि आधार कार्ड को भी बिहार की वोटर लिस्ट में 12वें मान्य दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को तय की है। इसी बीच, बिहार विधानसभा चुनाव में पहली बार इन नए डिजाइन वाले ईवीएम बैलेट पेपर का इस्तेमाल होगा.