नीतीश कुमार के इस दांव की काट आज तक ढूंढ नहीं पाए विरोधी! किसी के पास नहीं कोई जवाब
नीतीश कुमार की साइकिल योजना, पंचायती राज में महिलाओं को 50% आरक्षण और जीविका मॉडल ने बिहार में महिला वोटरों को निर्णायक शक्ति बना दिया है. पिछले तीन चुनावों (2010, 2015, 2020) में महिलाएं पुरुषों से ज्यादा वोटिंग रेट रही और समानांतर रूप से एनडीए को 41% महिला वोट मिले, जबकि राजद‑महागठबंधन को सिर्फ 31% वोट हाथ लगे. विरोधी दल आज भी इस रणनीति का कोई ठोस जवाब नहीं दे पाए हैं.;
बिहार की सियासी बिसात पर अब मुकाबला सिर्फ जातीय गणित या पुरानी साख का नहीं है, अब असली गेमचेंजर हैं महिलाएं। पहले जो महिलाएं वोट देने में पीछे रह जाती थीं, आज वही जीत-हार का फैसला सुना रही हैं और यह बदलाव कोई अचानक नहीं आया, इसके पीछे सालों की नीति, योजनाएं और जमीन पर उतरे फैसले हैं – जिनमें सबसे बड़ा नाम नीतीश कुमार का है.
पिछले तीन विधानसभा चुनावों में महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा वोटिंग की और तीनों बार नीतीश कुमार की अगुवाई वाले गठबंधन ने बाजी मारी. अब 2025 की लड़ाई में RJD और कांग्रेस भी 'बहनों' को मनाने की होड़ में हैं- कोई पैसे देने का वादा कर रहा है तो कोई योजनाओं की बौछार कर रहा है.
नीतीश की साइकिल ने मचाया कमाल
2006 में जब नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना की शुरुआत की, तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि ये दो पहिए एक सामाजिक क्रांति के वाहक बन जाएंगे. लड़कियां स्कूल पहुंचने लगीं, पढ़ाई बढ़ी, और समाज का नजरिया बदला. साइकिल ने गांव की सोच से पर्दा हटाया और बेटियों को रास्ता दिखाया.
पंचायत में आरक्षण, घर की महिलाएं बनीं 'सरकार'
50% आरक्षण की बदौलत महिलाओं ने ग्राम पंचायतों में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई. पहले जो महिलाएं परदे के पीछे रहती थीं, अब वे मुखिया, सरपंच बनकर फैसले ले रही हैं. इससे पूरे गांव का माहौल बदला और महिलाएं राजनीतिक रूप से जागरूक हो गईं.
जीविका दीदियों ने दिखाई आर्थिक ताकत
विश्व बैंक की मदद से बनी जीविका योजना ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बना दिया. एक करोड़ से ज्यादा महिलाएं आज जीविका से जुड़ चुकी हैं. लोन लेकर खुद का काम शुरू कर रही हैं और अब घर चलाने के साथ-साथ समाज में भी योगदान दे रही हैं. नीतीश के महिला मॉडल से सबक लेकर अब राजद ने 2500 रुपये महीना देने का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस भी पीछे नहीं, वही वादा, वही तर्ज. अब असली टक्कर "विकास बनाम वादा" की है.
नीतीश का ट्रैक रिकॉर्ड, महिलाओं का भरोसा
2010, 2015 और 2020 – तीनों चुनावों में महिला वोटरों का बढ़ा हिस्सा नीतीश कुमार के खाते में गया। लोकनीति-CSDS के सर्वे के अनुसार, 2020 में एनडीए को महिलाओं का 41% वोट मिला, जबकि RJD को सिर्फ 31%, 2025 में बिहार की महिलाएं सिर्फ वोट नहीं देंगी, वे सत्ता की चाबी तय करेंगी। साइकिल, माई-बहिन योजना या फिर नई वादों की झड़ी – किस पर भरोसा करेंगी महिलाएं? ये चुनाव तय करेंगे बिहार का अगला रुख.