बिहार में तैयार हुआ पहला केबल सस्पेंशन ब्रिज, CM नीतीश ने किया उद्घाटन, लक्ष्मण झूले जैसा नजारा
बिहार में पटना के पास पुनपुन में 320 मीटर लंबा पहला केबल सस्पेंशन ब्रिज तैयार हो गया है, जिसका मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उद्घाटन. यह पुल हल्के वाहनों के लिए है और इसे ऋषिकेश के लक्ष्मण झूले की तर्ज पर डिजाइन किया गया है. ब्रिज से पिंडदान स्थल, पर्यटक और स्थानीय व्यापारियों की आवाजाही आसान होगी. 83 करोड़ की लागत से तैयार यह संरचना बिहार में तकनीकी, आस्था और पर्यटन का प्रतीक बन गई है और स्थानीय लोगों व श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक साबित होगी.;
बिहार की धरती पर अब ऋषिकेश के लक्ष्मण झूले जैसा शानदार स्ट्रक्चर देखने को मिलेगा. पटना से सटे पुनपुन में 320 मीटर लंबा आधुनिक केबल सस्पेंशन ब्रिज बनकर तैयार हो गया है, जिसका मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को उद्घाटन किया और आम जनता के लिए खोल दिया. यह पुल हल्के वाहनों के लिए बिहार का पहला केबल सस्पेंशन ब्रिज है और इसे तैयार करने में इंजीनियरिंग और सौंदर्य का अद्भुत मेल देखने को मिला है.
इस पुल के शुरू हो जाने से पुनपुन पिंडदान स्थल आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की आवाजाही बेहद आसान हो जाएगी. साथ ही पुनपुन शहर के लोगों को व्यापार और रोज़मर्रा की गतिविधियों में भी बड़ा सहारा मिलेगा. यह बिहार का पहला हल्के वाहनों के लिए बना केबल सस्पेंशन ब्रिज है.
ये खासियत इसे बनाती है खास
- पुल की कुल लंबाई 320 मीटर है
- सस्पेंशन डेक 120 मीटर लंबा है
- पुल को संभालने वाली स्टील की 18 मजबूत केबलें हैं
- पाईलॉन की ऊंचाई 100 फीट रखी गई है
- संपर्क पथ 135 मीटर और डक्ट की लंबाई 200 मीटर है
निर्माण और लागत
इस पुल का निर्माण कार्य 31 अगस्त 2019 को शुरू हुआ था. शुरुआती अनुमानित लागत 46 करोड़ 77 लाख रुपये थी, जो समय के साथ बढ़कर लगभग 83 करोड़ रुपये तक पहुंच गई. परियोजना के लगभग 99 प्रतिशत कार्य पूरे हो चुके हैं और उद्घाटन के साथ ही यह आम जनता के लिए खोल दिया गया. निर्माण में सभी आधुनिक तकनीक और सुरक्षा मानकों का ध्यान रखा गया, ताकि यह संरचना लंबे समय तक मजबूती और सुन्दरता बनाए रख सके.
लाभ और महत्व
इस पुल के बनने से पुनपुन के पिंडदान स्थल तक पहुंच पहले से कहीं आसान हो जाएगी. श्रद्धालु और पर्यटक अब ट्रैफिक जाम या लंबी प्रतीक्षा से बच सकेंगे. इसके अलावा, पुल के कारण स्थानीय व्यापार और रोजमर्रा की गतिविधियों में भी तेजी आएगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उद्घाटन के दौरान कहा, “बिहार की विकास यात्रा में यह पुल एक नया मील का पत्थर है. यह केवल इंजीनियरिंग का कमाल नहीं है, बल्कि लोगों की सुविधा और विकास का प्रतीक भी है. यह पुल पर्यटन, व्यापार और आस्था को एक साथ जोड़ेगा.”
पर्यटन और सांस्कृतिक महत्व
पुनपुन सस्पेंशन ब्रिज न केवल तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आस्था और पर्यटन के लिए भी नए अवसर खोलेगा. पुल के उद्घाटन से नजदीकी पुनपुन पिंडदान घाट और अन्य धार्मिक स्थल अधिक सुलभ हो जाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्रिज का डिजाइन स्थानीय संस्कृति और आधुनिक इंजीनियरिंग का अनूठा मिश्रण है, जो बिहार में पहली बार देखने को मिलेगा.
बिहार का यह पहला केबल सस्पेंशन ब्रिज सिर्फ एक यातायात सुविधा नहीं, बल्कि राज्य की विकास यात्रा, पर्यटन और धार्मिक आस्था का प्रतीक बन गया है. 83 करोड़ की लागत से तैयार इस पुल ने तकनीकी और सौंदर्य दोनों क्षेत्रों में बिहार की इंजीनियरिंग क्षमता को प्रदर्शित किया है. आने वाले समय में यह पुल न केवल स्थानीय लोगों के लिए उपयोगी होगा, बल्कि पर्यटकों और श्रद्धालुओं को भी आकर्षित करेगा, जिससे क्षेत्र का आर्थिक और सांस्कृतिक विकास और मजबूत होगा.