बिहार में नई सरकार का बड़ा एलान : अगले 5 साल में 1 करोड़ युवाओं को नौकरी व रोजगार, न्यू-एज इकोनॉमी पर फोकस
बिहार सरकार ने अगले पांच वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार देने का बड़ा लक्ष्य तय किया है. पिछले कार्यकाल में 50 लाख रोजगार देने के बाद अब नई सरकार “न्यू-एज इकोनॉमी” - टेक्नोलॉजी, सर्विसेज और इनोवेशन - के आधार पर राज्य को ग्लोबल बैक-एंड हब बनाने की योजना पर काम कर रही है. डिफेंस कॉरिडोर, सेमीकंडक्टर पार्क, मेगा टेक सिटी, फिनटेक सिटी और एआई मिशन जैसी परियोजनाओं के ज़रिए उद्योग, निवेश और रोजगार के नए अवसर तैयार किए जाएंगे.;
बिहार की नवनिर्वाचित नीतीश कुमार सरकार ने राज्य के विकास और युवाओं के भविष्य को केंद्र में रखकर एक बड़े विज़न का खाका पेश किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले पांच वर्षों (2020–25) के दौरान सात निश्चय-2 के तहत 50 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार उपलब्ध कराया गया. अब नई सरकार का लक्ष्य इससे दोगुना है - अगले पांच सालों (2025–30) में 1 करोड़ युवाओं को नौकरी व रोजगार देने का.
सरकार के अनुसार, नई कैबिनेट के गठन के तुरंत बाद उद्योग, रोजगार और तकनीकी नवाचार से जुड़े कामों को तेज़ गति से शुरू कर दिया गया है. बदलते बिहार की “न्यू ऐज इकोनॉमी” - Technology, Services और Innovation - के आधार पर एक नई आर्थिक संरचना विकसित करने का लक्ष्य तय किया गया है. इसके लिए बिहार से जुड़े अग्रणी उद्यमियों, अर्थशास्त्रियों और वैश्विक विशेषज्ञों से सुझाव लेकर नई नीतियां बनाई जाएंगी.
बिहार को ‘ग्लोबल बैक-एंड हब’ बनाने की तैयारी
राज्य सरकार बिहार को वैश्विक Back-end Hub और ग्लोबल वर्कप्लेस के रूप में स्थापित करना चाहती है. इसके लिए महत्वपूर्ण विभागों के सहयोग से एक विस्तृत रोडमैप तैयार किया जा रहा है. लक्ष्य है कि बिहार टेक्नोलॉजी, डिजिटल सेवाओं और प्रोसेस आउटसोर्सिंग का बड़ा केंद्र बनकर उभरे, जिससे लाखों युवाओं को रोजगार मिले.
युवा आबादी ही बिहार की सबसे बड़ी ताकत
बिहार की आबादी में युवाओं की हिस्सेदारी सबसे अधिक है. सरकार का मानना है कि यदि इस युवा ऊर्जा को सही दिशा दी जाए, तो राज्य देश में सबसे तेज़ी से विकसित होने वाला प्रदेश बन सकता है. इसी सोच के तहत बिहार को पूर्वी भारत का नया टेक्नोलॉजी हब बनाने की योजना तैयार की जा रही है.
डिफेंस कॉरिडोर से लेकर सेमीकंडक्टर पार्क तक
राज्य में बड़े पैमाने पर औद्योगिक निवेश लाने के लिए कई हाई-टेक परियोजनाओं की घोषणा की गई है, जिनमें शामिल हैं...
- बिहार डिफेंस कॉरिडोर
- सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग पार्क
- मेगा टेक सिटी
- फिनटेक सिटी
- ग्लोबल केपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs)
इन परियोजनाओं के ज़रिए उद्योगों का एक विस्तृत नेटवर्क तैयार किया जाएगा और लाखों उच्च-कौशल रोजगार पैदा होंगे.
चीनी मिलों का पुनर्जीवन और औद्योगिक विस्तार
राज्य में नई चीनी मिलों की स्थापना और पुरानी बंद मिलों को दोबारा चालू करने के लिए विशेष नीति तैयार की गई है. इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था, गन्ना किसानों और स्थानीय रोजगार को बड़ा लाभ मिलेगा.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन की शुरुआत
बिहार के प्रमुख शहरों को स्मार्ट, सुंदर और भविष्य के अनुरूप विकसित करने के लिए बिहार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन शुरू किया जाएगा. यह मिशन शहरी विकास, प्रशासनिक दक्षता और तकनीकी स्टार्टअप्स को नई दिशा देगा. इन सभी योजनाओं की निगरानी और तेज़ क्रियान्वयन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति गठित कर दी गई है. यह समिति उद्योग विस्तार, रोजगार सृजन और नीति-कार्यान्वयन की ज़िम्मेदारी संभालेगी.
“जो काम शुरू करते हैं, उसे पूरा करते हैं”
सरकार ने दावा किया कि पिछले कुछ वर्षों में बिहार में औद्योगीकरण की गति बढ़ी है और अब नई सरकार इसे दोगुनी रफ्तार से आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में अब औद्योगिक कॉरिडोर, गुणवत्ता-युक्त आधारभूत संरचना, बेहतर बिजली आपूर्ति, जल प्रबंधन और कुशल मानव संसाधन उपलब्ध हैं - और इन्हीं आधारों पर अगले पांच वर्षों में अभूतपूर्व बदलाव देखने को मिलेगा.
सरकार का संदेश साफ है कि बिहार का भविष्य युवाओं से है, और सरकार उसकी दिशा तय करने के लिए फास्ट-ट्रैक मोड में काम कर रही है.