आजादी के गुमनाम नायक: कौन थे जुब्‍बा सहनी जिनके नाम पर बिहार में योजना लाने की बात कर रहे पीएम मोदी?

बिहार के स्वतंत्रता सेनानी जुब्बा सहनी का नाम एक बार फिर सुर्खियों में है. पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनावी सभा में उनके नाम पर विशेष योजना लाने का एलान किया है. ऐसे में वहां के लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर कौन थे जुब्बा सहनी, जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ जान की बाजी लगा दी थी?;

Curated By :  धीरेंद्र कुमार मिश्रा
Updated On : 8 Nov 2025 3:42 PM IST

बिहार विधानसभा चुनाव दूसरे चरण के चुनाव प्रचार के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी रैली में एक ऐसे नाम का जिक्र किया, जिसने भारत की आजादी की लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति दी थी. उस शख्स का नाम था जुब्बा सहनी. अब पीएम मोदी ने उनके नाम पर एक योजना चलाने का एलान किया है.

पीएम मोदी ने कहा है कि केंद्र सरकार बिहार के इस वीर सपूत के नाम पर एक विशेष योजना शुरू करने पर विचार कर रही है. इसके बाद जुब्बा सहनी का नाम राज्य और देशभर में फिर चर्चा में है. आइए, जानते हैं कौन थे जुब्बा सहनी और क्यों उनका नाम आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा  का प्रतीक है.

कौन थे जुब्बा सहनी?

जुब्बा सहनी बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के रहने वाले एक वीर स्वतंत्रता सेनानी थे. वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के उन गुमनाम नायकों में से थे, जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ हथियार उठाए और अपने बलिदान से देशवासियों को आजादी का संदेश दिया. उनका जन्म 1906 में मुजफ्फरपुर के बहुआरा गांव में हुआ था. बचपन से ही उनमें देशभक्ति की भावना गहरी थी.

अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ किया था विद्रोह

1930 के दशक में जब भारत के कई हिस्सों में स्वतंत्रता आंदोलन चरम पर था, तब जुब्बा सहनी ने भी ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ में सक्रिय भागीदारी की. उन्होंने अंग्रेजी पुलिस के खिलाफ हथियारबंद संघर्ष किया. ब्रिटिश हुकूमत ने उन्हें ‘राजद्रोह’ का आरोपी बताते हुए गिरफ्तार किया था.

खुशी-खुशी चूम लिया फांसी का फंदा

अंग्रेजों ने उन्हें 1944 में फांसी की सजा सुनाई. मुजफ्फरपुर जेल में जुब्बा सहनी ने हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूमा और 'भारत माता की जय' के नारे लगाए. देश की आजादी के आंदोलन के समय उनकी शहादत ने बिहार और उत्तर भारत के युवाओं में नया जोश भर दिया था.

बिहार में उनकी विरासत

आज मुजफ्फरपुर जिले में जुब्बा सहनी पार्क, जुब्बा सहनी चौक, और जुब्बा सहनी स्मारक उनके नाम पर हैं. हर साल स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर यहां उनके सम्मान में श्रद्धांजलि दी जाती है.

पीएम मोदी ने क्यों किया जिक्र?

हाल ही में बिहार चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रैली में कहा कि केंद्र सरकार जुब्बा सहनी के नाम पर विशेष योजना शुरू करेगी. ताकि नई पीढ़ी को उनके योगदान से परिचित कराया जा सके. सूत्रों के मुताबिक, यह योजना स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान और ऐतिहासिक स्थलों के विकास से जुड़ी हो सकती है.

जुब्बा सहनी से लें प्रेरणा

जुब्बा सहनी का जीवन त्याग, साहस और देशभक्ति का प्रतीक है. उनकी कहानी बताती है कि देश की आजादी सिर्फ बड़े नेताओं ने नहीं, बल्कि हजारों गुमनाम नायकों ने अपने प्राणों की आहुति देकर दिलाई थी.

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