बिहार चुनाव 2025: RJD को मिली करारी हार, लेकिन ‘डायनेस्टी MLA’ 2020 जितने ही... नई विधानसभा में 59 विधायक राजनीतिक घरानों से
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में जहां सीटों के हिसाब से बड़ा उलटफेर देखने को मिला, वहीं वंशानुगत राजनीति का प्रभाव अब भी लगभग उतना ही बना हुआ है. नई 243 सदस्यीय विधानसभा में कम से कम 59 विधायक राजनीतिक परिवारों से आते हैं, जो 2020 की तुलना में मामूली कमी है. RJD और HAM(S) में डायनेस्टी का दबदबा सबसे ज्यादा दिखा-RJD में 40% और HAM(S) में 80% विधायक राजनीतिक घरानों से हैं. BJP और JD(U) में भी कम नहीं, जहां क्रमशः 23.59% और 19 सीटों पर वंशानुगत चेहरे जीतकर आए हैं.;
Bihar Elections 2025, Dynastic Politics: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में जहां एक तरफ़ राजनीतिक समीकरणों में बड़ा बदलाव देखने को मिला, वहीं दूसरी तरफ़ नई विधानसभा में वंशानुगत राजनीति का प्रभाव अब भी मजबूत बना हुआ है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कुल 243 सदस्यों वाली 18वीं विधानसभा में इस बार कम से कम 59 विधायक ऐसे हैं, जिनका संबंध पूर्व या वर्तमान विधायकों-सांसदों के परिवारों से है.
यह संख्या 2020 की तुलना में थोड़ी कम है, जब 70 विधायक ‘डायनेस्टी’ कैटेगरी में थे. इस तरह प्रतिशत के हिसाब से यह आंकड़ा 28.81% से घटकर 24.28% हुआ है, लेकिन इस कमी के बावजूद कुछ पार्टियों में वंशानुगत प्रतिनिधित्व बेहद अधिक बना हुआ है- खासकर RJD और HAM(S) में...
RJD: सीटें घटीं, लेकिन ‘डायनेस्टी MLA’ लगभग उतने ही रहे
लालू प्रसाद यादव की पार्टी RJD के लिए यह चुनाव बेहद निराशाजनक रहा. पार्टी 2020 के 75 सीटों से गिरकर सिर्फ़ 25 सीटों पर सिमट गई. फिर भी पार्टी के भीतर वंशानुगत नेताओं का प्रभुत्व लगभग जस का तस बना रहा. RJD के 25 में से 10 विधायक (40%) राजनीतिक परिवारों से आते हैं. 2020 में यह आंकड़ा 42% था. प्रमुख नाम हैं,
- तेजस्वी यादव - पूर्व CM लालू प्रसाद यादव के बेटे
- ओसामा शाहाब - दिवंगत नेता मोहम्मद शाहाबुद्दीन के बेटे
- करिश्मा राय - पूर्व CM दरोगा प्रसाद राय की पोती
HAM(S): सबसे ज्यादा डायनेस्टी—80% विधायक ‘परिवार’ से
जीतन राम मांझी की पार्टी HAM(S) ने 5 सीटें जीतीं, जिनमें से 3 विधायक मांझी के रिश्तेदार हैं;
- दीपा़ कुमारी (बहू)
- प्रफुल्ल कुमार (दामाद)
- ज्योति देवी (साली, यानी दीपा़ की मां)
- चौथे विधायक रोहित कुमार भी पूर्व सांसद अरुण कुमार के भतीजे हैं.
- इस तरह पार्टी में वंशानुगत प्रतिनिधित्व 80% के साथ सबसे अधिक है.
BJP: सीटें सबसे ज्यादा, लेकिन डायनेस्टी संख्या सीमित
89 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी BJP में डायनेस्टी की हिस्सेदारी तुलनात्मक रूप से कम है, हालांकि संख्या अभी भी उल्लेखनीय है. 89 में से 21 विधायक (23.59%) राजनीतिक परिवारों से आते हैं. प्रमुख नाम हैं;
- श्रेयसी सिंह- पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह की बेटी
- नितिन नबीन- पूर्व विधायक नवीन किशोर सिन्हा के बेटे
- नितीश मिश्रा- पूर्व CM जगन्नाथ मिश्रा के बेटे
- सम्राट चौधरी- पूर्व मंत्री शकुनी चौधरी के बेटे
- अवधेश सिंह- केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय के साले
JD(U): 85 सीटों में 19 ‘वंशानुगत’ चेहरे
नीतीश कुमार की पार्टी JD(U) में 19 विधायक राजनीतिक परिवारों से आते हैं. इनमें ज्यादातर वे नेता हैं जो पिछली सरकार में मंत्री भी थे. उल्लेखनीय नाम हैं;
- विजय कुमार चौधरी- पूर्व MLA जगदीश चौधरी के बेटे
- महेश्वर हजारी- पूर्व MLA रामसेवक हजारी के बेटे
- जयंत राज- पूर्व MLA जनार्दन मांझी के बेटे
- शीला कुमारी- पूर्व स्पीकर धनिकलाल मंडल की बहू
- चेतन आनंद - पूर्व सांसद आनंद मोहन और सांसद Lovely Anand के बेटे
अन्य पार्टियां
विभूतिपुर से CPI(M) के अकेले विधायक अजय कुमार स्वयं पूर्व MLA योगेंद्र सिंह के बेटे हैं. पिछली विधानसभा में भी वे CPI(M) के अकेले विधायक थे.
कौन किस पीढ़ी से?
59 वंशानुगत विधायकों में 45 second-generation (माता-पिता राजनीतिक पदों पर रहे) और 2 third-generation से हैं, िजनमें BJP के देवेश कांत सिंह और RJD की करिश्मा राय शामिल हैं. बाकी spouse या siblings संबंध से ‘समान पीढ़ी’ के dynast हैं.
पिछली विधानसभा 2020 का नजारा
- RJD: 42.25% (71 में से 30)
- JD(U): 36.36% (44 में से 16)
- BJP: 21.25% (80 में से 17)