बिहार में इस बार एजुकेटेड कैंडिडेट्स की बहार, जानें इंजीनियर, डॉक्‍टर, Phd होल्‍डर प्रत्‍याशी कहां-कहां से लड़ रहे चुनाव

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में इस बार सियासी रंग के साथ शिक्षा का रंग भी देखने को मिल रहा है. राज्य की कई सीटों पर डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफेसर और पीएचडी धारक प्रत्याशी मैदान में हैं. संभवत: राजनीतिक दल अब पढ़े-लिखे चेहरों को आगे लाकर विकास, रोजगार और शिक्षा जैसे मुद्दों पर नया संदेश देने का संकेत दे रहे हैं.;

Curated By :  धीरेंद्र कुमार मिश्रा
Updated On : 4 Nov 2025 2:08 PM IST

बिहार की राजनीति कई दशकों से जातीय समीकरणों और पारंपरिक वोट बैंक पर टिकी हुई है, लेकिन इस बार तस्वीर कुछ अलग है. 2025 के विधानसभा चुनाव में कई ऐसे उम्मीदवार मैदान में हैं जो पेशे से डॉक्टर, इंजीनियर, वकील या प्रोफेसर हैं. एक प्रत्याशी तो डी लिट. भी है. यह बदलाव बताता है कि मतदाता और राजनीतिक दल अब ‘योग्यता’ और ‘विकास’ के एजेंडे पर ध्यान देने लगे हैं.

जेडीयू, आरजेडी, बीजेपी, जन सुराज और अन्य दलों ने भी इस बार उम्मीदवारों के चयन में डिग्री, प्रोफेशनल अनुभव और नीति दृष्टि को अहमियत दी है. बिहार विधानसभा चुनाव में 12 इंजीनियर, 5 डॉक्टर, 17 वकील और 12 पीएचडी उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं.

सियासी जानकारों का कहना है कि पिछले दो चुनावों से बिहार के युवा मतदाता सवाल उठाते आए हैं कि आखिर शिक्षित प्रत्याशी बिहार में नहीं है क्या? शायद, इसी का असर है कि हर उम्मीदवार की पृष्ठभूमि, शिक्षा और राजनीतिक अनुभव पर राजनेताओं की भी निगाहें अब टिकने लगी हैं. इस बार के चुनाव में युवा और अनुभवी नेता भी चुनावी मैदान में हैं. ऐसे प्रत्याशी अगर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचेंगे तो, राज्य की राजनीति का भविष्य तय हो सकता है. अब, यह जनता पर निर्भर है कि वो किसकी आवाज को मजबूती देंगे.

ये हैं पढ़े-लिखे उम्मीदवार

  • 5 डॉक्टर उम्मीदवारों में बिहारशरीफ से भाजपा के डॉ. सुनील कुमार, परसा सीट से आरजेडी की डॉ. करिश्मा और परबत्ता से आरजेडी के डॉ. संजीव कुमार चुनावी मैदान में हैं.
  • शिक्षित उम्मीदवार विकास और नीति-निर्माण में तकनीकी दृष्टिकोण लाने का दावा कर रहे हैं. इस्लामपुर से जेडीयू के रुहेल रंजन, कांटी से अजीत कुमार, उजियारपुर से आरजेडी, के आलोक मेहता और साहेबगंज से बीजेपी के राजू कुमार सिंह का नाम शामिल है
  • 17 उम्मीदवार एलएलबी, 12 उम्मीदवार पीएचडी और 3 उम्मीदवार D.Litt धारक हैं. इनमें केवटी से मुरारी मोहन झा जैसे वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं. इस तरह शिक्षा और विशेषज्ञता का यह संगम बिहार की राजनीति को एक नई दिशा दे रहा है.
  • बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने मुजफ्फरपुर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक की पढ़ाई की है. विजय सिन्हा लखीसराय सीट से चुनाव मैदान में हैं.
  • बिहार सरकार में डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से D.Litt. की डिग्री हासिल करने का दावा करते हैं. वह तारापुर से चुनाव लड़ रहे हैं. हालांकि, उनकी डिग्री को लेकर विवाद है.  
  • दिव्या गौतम CPI (ML) दिव्या गौतम, मशहूर अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की कजिन हैं. वे मंचीय कलाकार और शिक्षाविद भी हैं. दिव्या ने पत्रकारिता और मास कम्युनिकेशन में पोस्टग्रेजुएट की डिग्री हासिल की है और UGC NET क्वालीफाई हैं. वे दीघा सीट से चुनाव लड़ रही हैं
  • इन उम्मीदवारों का मानना है कि बिहार की असली राजनीति अब 'रोजगार, शिक्षा और टेक्नोलॉजी' पर केंद्रित होनी चाहिए. कई उम्मीदवार चुनाव प्रचार में स्कूल, स्किल डेवलपमेंट और डिजिटल एजुकेशन जैसे मुद्दों को प्रमुखता दे रहे हैं.

सोच में बदलाव का संकेत 

सियासी जानकारों का कहना है कि पढ़े-लिखे प्रत्याशियों की बढ़ती मौजूदगी से बिहार की राजनीति का चेहरा बदल सकता है. जनता अब ऐसे नेताओं की तलाश में है जो विकास योजनाओं को समझें और लागू कर सकें.

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