गणित के जादूगर मैथ में हो गए थे फेल, अब जनसुराज के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे मैथमेटिशियन केसी सिन्हा
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने बिहार चुनाव में बड़ा दांव खेला है. मशहूर गणितज्ञ केसी सिन्हा को टिकट देकर पार्टी ने शिक्षा वर्ग और युवाओं के बीच नया संदेश देने की कोशिश की है. केसी सिन्हा जन सुराज पार्टी ने सिन्हा को पटना जिले की कुम्हरार विधानसभा सीट (Kumhrar, Patna) से चुनाव लड़ने के उतारा है. यह सीट बीजेपी की मजबूत पकड़ वाली मानी जाती है.;
जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर बिहार की राजनीति में एक के बाद एक प्रयोग कर रहे हैं. अब उन्होंने एक नया चेहरा चुनाव लड़ने के लिए उतारा है. वो चेहरा हैं मशहूर गणितज्ञ डॉ. केसी सिन्हा, जिनकी किताबों से देशभर के छात्र IIT और इंजीनियरिंग की तैयारी करते हैं, लेकिन इस बार सिन्हा का गणित सिर्फ सूत्रों तक सीमित नहीं है, बल्कि वे जन सुराज के टिकट पर चुनावी मैदान में अपनी सियासी किस्मत चमकाने उतरे हैं. पीके की पार्टी ने उन्हें कुम्हरार से चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया है.
कौन हैं केसी सिन्हा?
डॉ. केसी सिन्हा का नाम देशभर में गणित के क्षेत्र में जाना-पहचाना है. उनकी किताबें IIT-JEE, NEET और अन्य इंजीनियरिंग परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों की पहली पसंद रही हैं. वे मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं और शिक्षा को बिहार की सबसे बड़ी ताकत मानते हैं.
केसी सिन्हा का जन्म 29 दिसंबर 1954 को बिहार के भोजपुर जिले में हुआ था. उन्होंने Patna Science College से इंटरमीडिएट और बी.Sc की पढ़ाई की. Patna University से M.Sc किया. दोनों ही ग्रेजुएशन और पोस्ट-ग्रेजुएशन में उन्होंने गोल्ड मेडल हासिल किया. शिक्षण-पेशे और प्रशासनिक क्षेत्र में केसी सिन्हा ने पटना साइंस कॉलेज के प्रिंसिपल, विभागाध्यक्ष मैथमेटिक्स, डीन फैकल्टी पटना यूनिवर्सिटी, कई यूनिवर्सिटीज में कुलपति/कार्यवाहक कुलपति, नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी, वीर कुवंर सिंह यूनिवर्सिटी, जय प्रकाश यूनिवर्सिटी और मगध यूनिवर्सिटी में उन्होंने काम किया है.
केसी सिन्हा गणित पर 70+ किताबें लिखी हैं जो कई राज्यों में स्कूल-कोचिंग स्तर पर पढ़ाई जाती हैं. गरीब लेकिन मेधावी छात्रों को पढ़ने-तैयारी करने के लिए मुफ्त संसाधन देने की पहलें की हैं, टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से शिक्षा पहुंचाने की कोशिश की है.
पीके का ‘एजुकेशन कार्ड’
जन सुराज पार्टी प्रमुख प्रशांत किशोर ने जब अपनी पहली सूची जारी की, तो उसमें IAS, IPS, डॉक्टरों और शिक्षाविदों को खास तरजीह दी गई. केसी सिन्हा को टिकट देना इस रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. इससे पार्टी ने साफ संकेत दिया है कि वह साफ-सुथरी और बुद्धिजीवी राजनीति की राह पर आगे बढ़ना चाहती है.
क्या है सियासी समीकरण?
बिहार के सियासी विश्लेषकों का मानना है कि केसी सिन्हा के मैदान में उतरने से शिक्षित मध्यवर्ग और छात्र वर्ग में जनसुराज की पकड़ मजबूत होगी. साथ ही, यह संदेश भी जाएगा कि पार्टी सिर्फ नारों की राजनीति नहीं, बल्कि नीति और विजन की बात करती है.
दरअसल, प्रशांत किशोर का मिशन “बिहार को सुशासन और विकास का नया मॉडल देने की है. केसी सिन्हा जैसे चेहरों को लाकर वे यह साबित करना चाहते हैं कि बिहार की राजनीति अब जाति नहीं, बल्कि योग्यता और ईमानदारी के आधार पर चलेगी.”