'दिल्ली जाकर गरीब मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से कटवाना चाहते हैं नीतीश ', तेजस्वी का बड़ा आरोप; जातीय जनगणना पर भी घेरा

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया कि वह गरीबों और पिछड़े तबके के लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाने की तैयारी कर रहा है. तेजस्वी ने नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे पर भी सवाल उठाए और जातीय जनगणना की मांग दोहराई. कांग्रेस और भाकपा माले ने भी निर्वाचन आयोग की प्रक्रिया को पक्षपाती और लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताया.;

( Image Source:  ANI )
By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 27 Jun 2025 7:09 PM IST

Tejashwi Yadav allegations on Nitish Kumar, Voter list controversy: बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं. इसी बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को चुनाव आयोग पर बड़ा आरोप लगाया है. पटना स्थित अपने सरकारी आवास पर आयोजित प्रेस वार्ता में तेजस्वी ने दावा किया कि बिहार में 8 करोड़ लोगों की मौजूदा वोटर लिस्ट को हटाकर नई सूची तैयार करने की साजिश हो रही है. उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार बार-बार दिल्ली क्यों जा रहे हैं? गरीबों, दलितों और पिछड़ों को वोट देने से रोकने की कोशिश हो रही है. मानसून और बाढ़ के वक्त लोग जान बचाएंगे या कागज़ दिखाने जाएंगे?”

तेजस्वी ने यह भी सवाल उठाया कि जब आधार और मनरेगा जॉब कार्ड लोगों की पहचान के लिए मान्य हैं, तो फिर इन्हें वोटर लिस्ट अपडेट करने में मान्यता क्यों नहीं दी जा रही?

जातीय जनगणना की मांग और वोटर लिस्ट में साजिश के आरोप

तेजस्वी ने कहा कि अगर दो महीने में वोटर लिस्ट बनाई जा सकती है, तो जातीय जनगणना भी दो महीने में करवाई जा सकती है. साथ ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र की तरह अब बिहार में भी वोटर लिस्ट से नाम हटाकर लोकतंत्र की हत्या की जा रही है.

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने तंज कसते हुए कहा, “मोदी जी के तीन बंदर हैं, उनमें से एक चुनाव आयोग है जो सब कुछ देखकर भी चुप है. आज़ाद भारत की दूसरी पीढ़ी से फिर से जन्म प्रमाण मांगा जा रहा है. यह तानाशाही है.”

CPI-ML का आरोप: EC ने छिपाई बात

CPI-ML के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा, “अगर निर्वाचन आयोग को जन्म प्रमाण पत्र की जांच करनी ही थी, तो दिल्ली में हुई सर्वदलीय बैठक में इस मुद्दे को क्यों नहीं उठाया गया?”

"चुनाव आयोग का काम चुनाव आयोग को ही करना चाहिए"

जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर  ने कहा, "चुनाव आयोग का काम चुनाव आयोग को ही करना चाहिए, एक राजनीतिक दल और सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता के तौर पर हम इस पर नज़र रखेंगे, ज़रूरत पड़ने पर आवाज़ उठाएंगे और अगर कुछ ग़लत नज़र आएगा तो बोलेंगे, लेकिन आख़िरकार असली मालिक जनता ही है, चुनाव आयोग नहीं..."

क्या है चुनाव आयोग की प्रक्रिया?

चुनाव आयोग ने बिहार समेत छह राज्यों में विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान शुरू किया है, जिसमें विदेशी नागरिकों की पहचान और विश्वसनीय वोटर लिस्ट तैयार करने का उद्देश्य बताया गया है, लेकिन विपक्षी दल इसे जनतंत्र के खिलाफ एक साजिश मान रहे हैं और विरोध में उतर आए हैं.

Similar News