हर दौर में चमके भूमिहार नेता, बिहार की सियासत में आज भी बरकरार दबदबा, जानें 5 बड़े नाम

Bihar Bhumihar Leaders: बिहार की राजनीति में भूमिहार समुदाय का दबदबा हमेशा से रहा है. चाहे केंद्र की सत्ता हो या राज्य की गद्दी, भूमिहार नेता हर स्तर पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराते रहे हैं. आज भी कई ऐसे कद्दावर चेहरे हैं जो न सिर्फ अपने क्षेत्र में लोकप्रिय हैं बल्कि सत्ता की रणनीति में भी अहम किरदार निभाते हैं.;

By :  धीरेंद्र कुमार मिश्रा
Updated On : 30 July 2025 3:00 PM IST

बिहार की जातीय राजनीति में भूमिहार जाति के नेताओं की पकड़ कोई नई बात नहीं है. स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर मौजूदा राजनीतिक समीकरण तक, इस समुदाय के नेताओं ने न सिर्फ निर्णायक भूमिका निभाई बल्कि सत्ता के समीकरण भी तय किए. लालू-नीतीश के दौर में अन्य जातियां उभरीं, ब्राह्मण और राजपूत नेता भले ही पिछड़ गए, लेकिन भूमिहार नेताओं ने भी अपनी पकड़ कमजोर नहीं होने दी. आज हम नजर डालते हैं उन पांच प्रमुख भूमिहार नेताओं पर, जो आज भी राजनीति में असरदार हैं. ललन सिंह, विजय कुमार सिन्हा, गिरिराज सिंह, अनंत सिंह और अखिलेश का नाम इसी सूची में शामिल है.

1. ललन सिंह: नीतीश के करीबी राजदार

ललन सिंह, जिन्हें राजीव रंजन सिंह के नाम से भी जाना जाता है, जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख नेताओं में शुमार हैं और नीतीश कुमार के सबसे भरोसेमंद रणनीतिकार माने जाते हैं. हालांकि, उनका स्थान अब किसी और ने झटक लिया है. उन्होंने जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालकर पार्टी के सांगठनिक ढांचे को मजबूत किया. बिहार की राजनीति में उनका दबदबा खासकर भूमिहार वोट बैंक पर आधारित है, जिससे पार्टी को सियासी संतुलन बनाने में मदद मिलती है.

2. विजय कुमार सिन्हा: भाजपा का मजबूत भूमिहार चेहरा

विजय सिन्हा भूमिहार समुदाय से आने वाले बीजेपी के दिग्गज नेता माने जाते हैं. महागठबंधन की सरकार से पहले एनडीए की सरकार में विजय सिन्हा को बिहार विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया था. इसके बाद गठबंधन टूटा तो विजय सिन्हा को विधानसभा अध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ा था. वर्तमान में विजय कुमार सिन्हा विजय सिन्हा को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक समर्पित कार्यकर्ता के तौर पर भी देखा जाता है. वर्तमान में विजय कुमार सिन्हा बिहार के डिप्टी सीएम है. विजय सिन्हा की खासियत यह है कि वो संगठन और जनसमर्थन दोनों में संतुलन रखते हैं.

3. गिरिराज सिंह: फायरब्रांड नेता

गिरिराज सिंह केंद्र सरकार में मंत्री होने के साथ-साथ भाजपा के कट्टर हिंदुत्ववादी नेताओं में गिने जाते हैं. बेबाक बयानों और राष्ट्रवाद पर आधारित राजनीति के लिए वह हमेशा चर्चा में रहते हैं. नवादा और बेगूसराय से सांसद रह चुके गिरिराज सिंह भूमिहार समाज के मजबूत प्रतिनिधि माने जाते हैं और भाजपा की कोर वोटबैंक पॉलिटिक्स में अहम भूमिका निभाते हैं.

4. अनंत सिंह: बाहुबली से बने नेता

अनंत सिंह को 'छोटे सरकार' के नाम से भी जाना जाता है. मोकामा से विधायक रहे अनंत सिंह ने बाहुबली छवि के बावजूद अपनी मजबूत राजनीतिक पकड़ बनाई. कई आपराधिक मामलों में नाम आने के बावजूद वह जनता के बीच लोकप्रिय रहे. उनके समर्थकों में खासकर भूमिहार समाज का बड़ा वर्ग शामिल रहा है, जो उन्हें 'रॉबिनहुड' की छवि में देखता है. 

5. अखिलेश सिंह: संगठन के मजबूत स्तंभ

अखिलेश सिंह बिहार की राजनीति में शांत लेकिन प्रभावशाली भूमिहार नेता हैं. वह कांग्रेस से जुड़े रहे हैं और संगठनात्मक कार्यों में विशेष रुचि रखते हैं. उनका काम अधिकतर पर्दे के पीछे रहता है लेकिन वे अपने इलाके और समाज में गहरी पैठ रखते हैं. अखिलेश सिंह का प्रभाव खासतौर पर शहरी और शिक्षित वर्ग में देखा जाता है. बिहार कांग्रेस में आज भी उनकी पकड़ काफी मजबूत है.

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