बिहार चुनाव में भोजपुरी स्टार्स! पवन, अक्षरा, खेसारी, रितेश और मैथिली की एंट्री से शुरू हुआ स्टार पावर का खेल

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में भोजपुरी सितारों का दबदबा. पवन सिंह BJP में, मैथिली ठाकुर भी चुनावी मैदान में, अक्षरा सिंह, खेसारी लाल यादव और रितेश पांडे के स्टार पावर ने वोटिंग और सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी. अब देखना ये है कि सभी स्टार्स कैसे वोटरों को लुभाकर वोट पा सकते हैं.;

Curated By :  नवनीत कुमार
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बिहार विधानसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही सियासी तापमान चरम पर है. इस बार मुकाबला सिर्फ नेताओं के बीच नहीं, बल्कि स्टार पावर के बीच भी होने जा रहा है. भोजपुरी इंडस्ट्री के दिग्गज चेहरे पवन सिंह, मैथिली ठाकुर, अक्षरा सिंह, खेसारी लाल यादव और रितेश पांडे राजनीति की पिच पर उतरने को तैयार हैं. ये चेहरे न केवल वोट बैंक बल्कि भावनात्मक जुड़ाव का भी प्रतीक बन गए हैं.

बड़े राजनीतिक दल अब उन उम्मीदवारों पर दांव लगा रहे हैं जिनकी लोकप्रियता सोशल मीडिया से लेकर गाँव की चौपाल तक फैली है. लाखों फॉलोअर्स वाले ये सितारे जनता तक पार्टी का संदेश पहुंचाने के लिए सबसे प्रभावी हथियार माने जा रहे हैं. यही कारण है कि बीजेपी, राजद और जन सुराज जैसे दल इन चेहरों को अपने पाले में लाने के लिए खुलकर प्रयासरत हैं.

पवन सिंह: 'लोन वुल्फ' से बीजेपी के स्टार फेस तक

भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार पवन सिंह पहले काराकाट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन इस बार उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया है. पिछले चुनाव में उनके निर्दलीय उतरने से बीजेपी को नुकसान हुआ था, इसलिए पार्टी ने इस बार उन्हें अपने साथ जोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी. विवादों के बावजूद पवन सिंह का जनाधार बेहद मजबूत है. सोशल मीडिया पर उनके करोड़ों फॉलोअर्स हैं और उनकी नेटवर्थ करीब 40 करोड़ रुपए आंकी जाती है.

मैथिली ठाकुर: सोशल मीडिया की आवाज़

महज 25 साल की उम्र में मैथिली ठाकुर ने लोकगायन से देशभर में पहचान बनाई है. उनके फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर करोड़ों फॉलोअर हैं. मैथिली ठाकुर ने खुलकर बीजेपी के सिंबल पर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है. मधुर आवाज़ और साफ-सुथरी छवि के कारण पार्टी उन्हें युवा और महिला मतदाताओं को आकर्षित करने का चेहरा बना सकती है.

अक्षरा सिंह: ग्लैमर और ग्राउंड की नई खिलाड़ी

भोजपुरी इंडस्ट्री की सबसे लोकप्रिय अभिनेत्रियों में शुमार अक्षरा सिंह भी राजनीतिक चर्चा का केंद्र बनी हुई हैं. गिरिराज सिंह से मुलाकात और प्रशांत किशोर के साथ मंच साझा करने के बाद उनके राजनीतिक कदम पर सबकी नजरें टिकी हैं. सोशल मीडिया पर उनकी लोकप्रियता 2 करोड़ से ज्यादा फॉलोअर्स तक फैली है. 50 करोड़ रुपए से अधिक की नेटवर्थ वाली अक्षरा सिंह महिला मतदाताओं के लिए एक बड़ा चेहरा बन सकती हैं.

खेसारी लाल यादव: राजद के संभावित 'पोस्टर बॉय'

भोजपुरी के सबसे बड़े स्टार खेसारी लाल यादव की राजद से नजदीकी किसी से छिपी नहीं. हाल ही में वे लालू यादव और तेजस्वी यादव से मुलाकात कर चुके हैं. खेसारी के करोड़ों फॉलोअर्स और ग्रामीण इलाकों में भारी लोकप्रियता उन्हें पार्टी के लिए एक मजबूत उम्मीदवार बना सकती है. उनकी अनुमानित संपत्ति करीब 20 करोड़ रुपए है, और वे सोशल मीडिया पर सबसे एक्टिव कलाकारों में गिने जाते हैं.

रितेश पांडे: जन सुराज का युवा चेहरा

भोजपुरी सिंगर-एक्टर रितेश पांडे भी जन सुराज से जुड़कर चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में हैं. करहगर सीट से टिकट की चर्चा तेज है. प्रशांत किशोर की टीम में शामिल होने के बाद वे अब युवाओं के बीच अपनी छवि बदलने की कोशिश में हैं. 15 करोड़ रुपए की नेटवर्थ और लाखों फॉलोअर्स के साथ वे पार्टी के लिए उभरते हुए स्टार उम्मीदवार माने जा रहे हैं.

स्टार पावर बनाम ग्राउंड रियलिटी

भले ही इन कलाकारों की लोकप्रियता सोशल मीडिया पर आसमान छू रही हो, लेकिन राजनीति का मैदान फिल्मों से अलग होता है. भीड़ जुटाना आसान है, वोट ट्रांसफर कराना मुश्किल. बिहार के सामाजिक समीकरण और जातीय गणित अब भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं. इसलिए स्टार उम्मीदवारों के लिए असली परीक्षा चुनावी बूथों पर होगी.

'वोट से ज्यादा दृश्यता' का खेल

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पार्टियों के लिए ये स्टार उम्मीदवार प्रचार के प्रतीक हैं. भले ही वे सीट जीतें या न जीतें, लेकिन उनका इस्तेमाल भीड़ और मीडिया कवरेज के लिए किया जाता है. इससे पार्टी की दृश्यता और जनसंपर्क दोनों बढ़ते हैं. यह “इंफ्लुएंसर पॉलिटिक्स” का नया रूप है, जो बिहार में तेजी से फैल रहा है.

चुनावी नतीजों से तय होगा ‘सिनेमाई राजनीति’ का भविष्य

बिहार में इस बार का चुनाव सिर्फ सत्ता परिवर्तन का नहीं, बल्कि “सेलेब्रिटी पॉलिटिक्स” की ताकत को परखने का भी होगा. पवन, मैथिली, अक्षरा, खेसारी और रितेश जैसे चेहरों की जीत या हार यह तय करेगी कि भविष्य में मनोरंजन जगत के सितारे राजनीति की दिशा कितनी बदल सकते हैं.

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