डिप्टी सीएम के बाद इस एनडीए सांसद के पास मिले दो अलग-अलग वोटर कार्ड, तेजस्वी बोले- BJP-NDA को जिताने के लिए की धांधली
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान बड़ा विवाद सामने आया है. वैशाली की NDA सांसद वीणा देवी के पास दो अलग-अलग EPIC आईडी और दो अलग-अलग वोटर कार्ड हैं, जिनमें उम्र और निर्वाचन क्षेत्र भी अलग दर्ज हैं. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर फर्जीवाड़ा और मिलीभगत का आरोप लगाया है. इससे पहले डिप्टी सीएम विजय सिन्हा और तेजस्वी यादव के मामले में भी दो वोटर कार्ड सामने आए थे.;
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का मुद्दा लगातार गरमाता जा रहा है. पिछले कुछ महीनों में इस प्रक्रिया को लेकर कई राजनीतिक आरोप और विवाद सामने आए हैं. कांग्रेस और आरजेडी नेताओं ने चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाए हैं कि क्या यह प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी रही. मतदाता सूची में गड़बड़ी की बात से राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दिल्ली में बिहार के सात ऐसे लोगों से मुलाकात की, जिन्हें SIR के दौरान मृत घोषित कर मतदाता सूची से हटा दिया गया था. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ कुछ मामलों की नहीं बल्कि व्यापक पैमाने पर मतदाता अधिकारों का उल्लंघन है. राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से सवाल किया कि आखिर मृतक लोगों के नाम कैसे सूची में बने रह सकते हैं और उन्हें हटाने की प्रक्रिया इतनी धीमी क्यों रही.
तेजस्वी यादव का नया आरोप
पटना में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने नया आरोप लगाते हुए कहा कि वैशाली की एनडीए सांसद वीणा देवी के नाम दो अलग-अलग विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में दर्ज हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इससे पहले बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा और खुद तेजस्वी यादव के नाम पर भी दो वोटर कार्ड होने का मामला सामने आया था, जिस पर चुनाव आयोग ने नोटिस भेजा था.
दो EPIC आईडी और दो अलग उम्र
तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया कि वीणा देवी के पास दो अलग-अलग EPIC आईडी हैं - UTO1134543 और GSB1037894. इन EPIC आईडी में उनके दो अलग-अलग जिलों के दो अलग लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र दर्ज हैं. दोनों EPIC कार्ड में उम्र और अन्य विवरण भी अलग-अलग हैं. SIR के दौरान उन्होंने दो अलग-अलग गणना फॉर्म भरे और चुनाव आयोग ने दोनों फॉर्म पर हस्ताक्षर किए.
चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल
तेजस्वी यादव ने सवाल उठाया कि नई ड्राफ्ट सूची में दो अलग-अलग EPIC कार्ड के साथ दो अलग-अलग वोट कैसे बन गए. उन्होंने इसे बीजेपी-एनडीए को फायदा पहुंचाने के लिए संभावित फर्जीवाड़ा और मिलीभगत करार दिया. उनका कहना है कि यह सिर्फ एक व्यक्तिगत मामला नहीं बल्कि चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता पर बड़ा सवाल खड़ा करता है.
'ट्रोल आयोग' और संभावित जांच
तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग को तंज देते हुए कहा कि क्या यह “ट्रोल आयोग” बन चुका है, जो फर्जीवाड़े की जांच करने की बजाय पक्षपात कर रहा है. उन्होंने चुनाव आयोग से आग्रह किया कि दोनों EPIC कार्ड के खिलाफ Fact Check कर दो अलग-अलग नोटिस जारी किए जाएं और स्थिति की पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए. इस विवाद ने बिहार में आगामी चुनावों के माहौल को और भी गर्म कर दिया है.