SIR vs SR : असम का 'स्पेशल रिवीज़न' दूसरे राज्यों के SIR से कैसे है अलग? जानें वजह

असम (Assam) के मतदाता सूची अपडेट के लिए ECI ने SIR की जगह Special Revision चुना है. चुनाव आयोग ने इसके लिए Assam को अलग ट्रैक पर रखा है. वहां पर एसआईआर (SIR) नहीं बल्कि एसआर हो रहा है. यह SIR से अलग है. ईसी के इस फैसले के खिलाफ सवाल यह है कि असम एसआर क्यों? अहम सवाल असम विधानसभा चुनाव 2026 में इसका क्या होगा असर?;

Curated By :  धीरेंद्र कुमार मिश्रा
Updated On : 4 Dec 2025 3:38 PM IST

लोकसभा, विधानसभा, नगर निकाय और पंचायतों के चुनाव से पहले मतदाता सूची अपडेट करना लोकतंत्र की विश्वसनीयता के लिए अहम होता है. इस पर अमल करते हुए चुनाव आयोग ने बिहार में 2025 में सबसे पहले एसआईआर कराया. अब ECI ने 12 राज्यों में SIR (Special Intensive Revision) शुरू किया है. असम को इससे सूची से अलग रखा गया है. असम में सिर्फ Special Revision (SR) की घोषणा हुई जो दिखने में हल्का लेकिन कई वजहों में बहुत मायने रखता है. इस फैसले ने पूरे देश में सवाल खड़े कर दिए कि आखिर असम को अलग क्यों माना गया?

असम में मतदाता सूची अपडेट के लिए SR को चुना गया है. SR के दौरान house-to-house (घर-घर) सत्यापन होगा. इसमें किसी मतदाता से नई एन्यूमरेशन फॉर्म भरने की जरूरत नहीं होगी. नए नाम जोड़ने, पते या नाम बदलने, मृतकों या स्थानांतरित हुए लोगों का नाम हटाने आदि के लिए सहूलियत होगी. दस्तावेज मांगने या नागरिकता की सख्त जांच SIR जितनी नहीं होगी.

एसआईआर क्या है? 

SIR एक गहन, फुल-स्केल पुनरीक्षण है जिसमें मतदाताओं को फॉर्म भरने होते हैं, पूरी सूची दोबारा तैयार होती है. इसमें हर मतदाता की जानकारी नाम, पता, नागरिकता, उम्र आदि बड़े पैमाने पर जांची जाती है.डुप्लिकेट, मृत, अस्थायी या अवैध प्रविष्टि हटाने की प्रक्रिया होती है. यह रोल-रीसेट जैसा काम करता है. यानी पूरी सूची को फ्रेश एन्यूमरेशन   + वेरिफिकेशन के जरिए पुनर्निर्मित किया जाता है.

असम में SR होने की वजह

असम में नागरिकता और मतदाता पहचान से जुड़े संवेदनशील मसले जैसे पूर्व National Register of Citizens (NRC) अभी पूरी तरह तय नहीं हुए हैं. ऐसे में एक पूरी SIR देश की तरह लागू करना नागरिकता-प्रक्रिया के साथ टकराव कर सकता था. ECI ने कहा है कि असम में citizenship-verification न्यायालय निगरानी में है, इसलिए SIR को स्थगित कर SR ही कराई जाएगी.

वोटर लिस्ट में मौजूद D-voters (यानी जिनकी नागरिकता/पहचान संदिग्ध है) का मामला भी है बना हुआ है. ECI ने स्पष्ट किया है कि SR में बिना उचित दस्तावेजों के नाम हटाने या जोड़ने का काम नहीं किया जाएगा. किसी कोर्ट या ट्रिब्यूनल के आदेश के बिना बदलाव नहीं होगा.

एसआर के फायदे

मतदाता सूची जल्दी और कम-बोझिल तरीके से अपडेट होगी.नए मतदाता जोड़ने और विवरण सुधारने में आसानी होगी. चुनावों के लिए समय पर सूची तैयार होने का भरोसा.

जोखिम

SR में सख्त डॉक्यूमेंट-आधारित गहन जांच नहीं, इसलिए डुप्लिकेट, फर्जी या अवैध प्रविष्टियां रह सकती हैं. असम की नागरिकता-संवेदनशील पृष्ठभूमि को देखते हुए SR से समान स्तर की विश्वसनीयता की मांग है. आलोचनाओं में कहा जा रहा है कि SR प्रक्रिया कम तथ्यात्मक जांच करती है; इससे मतदान प्रक्रिया में कमियां हो सकती हैं.

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