INDvsENG: बारिश न बिगाड़ दे खेल! ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट से पहले पिच, इतिहास और टीम कॉम्बिनेशन पर टिकी नजरें
भारत और इंग्लैंड के बीच चौथा टेस्ट ओल्ड ट्रैफ़र्ड में बुधवार से शुरू हो रहा है, जहां मौसम बड़ी चुनौती बन सकता है. बारिश की भविष्यवाणी और पिच पर नमी तेज़ गेंदबाज़ों के लिए मददगार साबित हो सकती है. टीम इंडिया को चोटिल खिलाड़ियों की समस्या से जूझना पड़ रहा है, जबकि इंग्लैंड 2-1 की बढ़त के साथ मैदान पर उतरेगा. भारत के पास यह टेस्ट जीतकर इतिहास रचने और सीरीज़ में वापसी का मौका है, लेकिन मौसम और टीम कॉम्बिनेशन अहम भूमिका निभाएंगे.;
ओल्ड ट्रैफ़र्ड के मैदान पर भारतीय टीम इंग्लैंड के ख़िलाफ़ बुधवार से चौथा टेस्ट मैच खेल रही है. जहां भारतीय टीम के सामने यह टेस्ट जीत कर न केवल इतिहास रचने का मौक़ा है बल्कि सिरीज़ में वापसी का भी अवसर है वहीं इंग्लैंड की टीम अपनी 2-1 की बढ़त को और मज़बूत करने के इरादे से उतर रही है.
दूसरी ओर मौसम भी इस मैच पर अपना असर छोड़ने को बेकरार है, क्योंकि मैनेचेस्टर के आसमान में बादल लगे हैं और मैच के शुरुआती कुछ घंटों के दरम्यान बारिश के असर डालने का पूर्वानुमान जताया गया है. पिछले एक हफ़्ते से मैनेचेस्ट में लगातार बारिश हो रही है. पूर्वानुमानों में यह भी आशंका जताई गई है कि मैच के सभी पांच दिन धीमी बारिश होगी. ख़ास कर पहले दिन तो 65 फ़ीसद बारिश की संभावना जताई गई है. वहीं इन पांच दिनों के दौरान मैनेचेस्टर में तापमान 14 से 19 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान जताया गया है.
जहां पहले दिन के शुरुआती घंटे बारिश से प्रभावित रहने का अनुमान है वहीं दूसरे दिन से बारिश के कम होते जाने की संभावना भी जताई गई है. लेकिन पांचों दिन आसमान में बादल छाए रहने का अनुमान जताया गया है तो इससे ओल्ड ट्रैफ़र्ड की पिच की मिज़ाज पर भी असर पड़ेगा.
ओल्ड ट्रैफ़र्ड की पिच कैसी है?
मौसम को देखते हुए पिच पर शुरुआती ओवरों मे नमी के रहने की संभावना है. पिच पर नमी और आसमान पर छाए बादल तेज़ गेंदबाज़ी के लिए मददगार साबित होती है, तो निश्चित रूप से शुरुआती ओवरों में ओल्ड ट्रैफ़र्ड की पिच तेज़ गेंदबाज़ों को मदद पहुंचाएगी. वैसे इस पिच का स्वभाव स्पिन गेंदबाज़ों के मुफ़ीद होती है क्योंकि यह पिच ज़्यादातर सूखी रहने के लिए जानी जाती है. इसलिए अगर टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन में तीन स्पिनर दिखें तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए. इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइक एथर्टन ने कहा भी है कि कुलदीप यहां प्रभावशाली साबित हो सकते हैं. वहीं टीम मैनेजमेंट अगर तीन तेज़ गेंदबाज़ों को उतारने का फ़ैसला लेता है तो नीतीश कुमार रेड्डी की जगह शार्दुल ठाकुर को दी जा सकती है, जो कि बतौर ऑलराउंडर टीम में शामिल किए जा सकते हैं.
चोट से परेशान मेहमान टीम
मैच के कुछ दिनों पहले ख़बर ये आई कि टीम इंडिया के दो गेंदबाज़ चोटिल हो गए हैं, लेकिन अब एक साथ तीन गेंदबाज़ों के चोटिल होने की ख़बर सामने आई है. बाएं घुटने में चोट की वजह से ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी पहले ही इंग्लैंड दौरे से बाहर हो चुके हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ रेड्डी को जिम में ट्रेनिंग सेशन के दौरान चोट लगी. हालांकि बीसीसीआई की ओर से उनके चोटिल होकर भारत लौटने की पुष्टि की गई है, पर उन्हें चोट कैसे लगी इस बारे में कुछ नहीं बताया गया. इसके बाद बीसीसीआई ने यह भी बताया कि अपने टेस्ट डेब्यू का इंतज़ार कर रहे अर्शदीप सिंह भी ओल्ट ट्रैफ़र्ड टेस्ट के लिए उपलब्ध नहीं होंगे. दरअसल अर्शदीप को प्रैक्टिस सेशन में फ़ॉलो थ्रू करने के दौरान उनके बॉलिंग करने वाले बाएं हाथ के अंगूठे में चोट लगी है. अर्शदीप फ़िलहाल मेडिकल टीम की देखरेख में हैं. उसके बाद यह ख़बर आई कि आकाश दीप भी चोटिल हो गए हैं. हालांकि इसी दौरान चयनकर्ताओं ने पांच टेस्ट मैचों की सिरीज़़ के बचे हुए दो मुक़ाबले के लिए हरियाणा के तेज़ गेंदबाज़ अंशुल कम्बोज को इंग्लैंड भेजा है. अब आकाश दीप भी अनफिट घोषित कर दिए गए हैं तो प्रबंधन को बुमराह और सिराज के साथ तीसरे तेज़ गेंदबाज़ के लिए प्रसिद्ध कृष्णा, अंशुल कंबोज और शार्दुल ठाकुर में से किसी एक को चुनना होगा.
पंत खेलेंगे या नहीं
लॉर्ड्स में सबने देखा कि उपकप्तान ऋषभ पंत चोटिल होने के बाद विकेटकीपिंग के लिए मैदान में नहीं उतरे थे. उनकी चोट को लेकर कोई नया अपडेट तो नहीं दिया गया है पर मीडिया रिपोर्ट्स में उनके फ़िट होने की ख़बर भी आ रही है. अगर वो विकेटकीपिंग नहीं कर सकते हैं तो निश्चित तौर पर उनकी जगह स्पेशलिस्ट कीपर ध्रुव जुरेल को मौक़ा दिया जा सकता है. हालांकि केएल राहुल भी विकेटकीपिंग कर सकते हैं और टीम इंडिया के प्रबंधन को इस विकल्प पर भी विचार करना होगा.
नंबर-3 पर मज़बूत बल्लेबाज़ की ज़रूरत
पिछले तीन टेस्ट मैचों से लगातार नंबर-3 पर कमज़ोर प्रदर्शन करने वाले करुण नायर को अगर ओल्ड ट्रैफ़र्ड में भी मौक़ा दिया गया तो यह क्रिकेट समीक्षकों को खटकेगा पर पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा का मानना है कि करुण को एक और मौक़ा दिया जाना चाहिए. करुण को अगर मौक़ा दिया गया और वो फ़िर नहीं चले तो ख़ामियाज़ा टीम को भुगतना होगा और साथ ही यह उनके करियर पर पूर्णविराम भी होगा. बता दें कि करुण नायर ने पिछले तीन टेस्ट मैचों की छह पारियों में महज़ 21 की औसत से कुल 131 रन ही बनाए हैं. छह पारियों में उनके बल्ले से 0, 20, 31, 26, 40 और 14 रन ही निकले हैं.
यह वो पोजिशन है जहां सलामी जोड़ी के तुरंत आउट होने के बाद एक विकेट पर डटे रह कर बल्लेबाज़ी करने वाले बैटर को उतारना चाहिए लिहाज़ा नंबर-3 पर साई सुदर्शन को करुण नायर की जगह दोबारा मौक़ा मिल सकता है. हालांकि हेडिंग्ले में उन्होंने 0 और 30 रन ही बनाए थे.
अर्शदीप सिंह चोटिल हैं जबकि स्पिनर कुलदीप यादव और अभिमन्यु ईश्वरन अब तक बेंच पर ही बैठे हुए हैं. लिहाजा टीम प्रबंधन को इन्हें भी आजमाना चाहिए. करुण नायर की जगह अभिमन्यु को भी टीम मैनेजमेंट आजमा सकती है जबकि मौसम को देखते हुए कुलदीप यादव को भी प्लेइंग इलेवन में शामिल किया जाना चाहिए.
ओल्ड ट्रैफ़र्ड का भारतीय इतिहास
1936 में पहली बार टीम इंडिया ने ओल्ड ट्रैफ़र्ड के मैदान पर टेस्ट मैच खेला था. तब से लेकर यहां टीम इंडिया एक बार भी नहीं जीत सकी है. इस मैदान पर सबसे ख़राब प्रदर्शन 1952 में किया जब टीम इंडिया एक पारी और 207 रनों से हार गई थी. वहीं पिछली बार जब 2014 में दोनों टीमें भिड़ीं तो इंग्लैंड ने टीम इंडिया को एक पारी और 54 रनों से मात दी थी. ओल्ट ट्रैफ़र्ड के मैदान पर इंग्लैंड और भारत ने अब तक 9 टेस्ट मैच खेले हैं और भारत को चार बार हार का सामना करना पड़ा है, जबकि पांच के नतीजे बराबरी पर छूटे.
इंग्लैंड का दमदार रिकॉर्ड
वहीं दूसरी तरफ़ अगर इस मैदान पर इंग्लैंड के पिछले 25 साल के रिकॉर्ड को देखें तो उसने 20 टेस्ट मैचों में से 14 में जीत हासिल की है. केवल दो मैच गंवाए हैं जबकि चार ड्रॉ रहा. इस मैदान पर खेले गए अपने पिछले टेस्ट मैच में इंग्लैंड ने दक्षिण अफ़्रीका को बड़ी आसानी से एक पारी और 85 रनों से हराया था.
ओल्ड ट्रैफ़र्ड के आंकड़े
आंकड़े बताते हैं कि ओल्ड ट्रैफ़र्ड में अब तक 85 टेस्ट मैच खेले गए हैं. इनमें से 32 मैच (36.78%) में पहले बल्लेबाज़ी करने वाली टीम जीती है. वहीं 17 मुक़ाबले (19.54%) दूसरी पारी में बल्लेबाज़ी करने वाली टीम जीती है. वहीं यह भी बता दूं कि इस मैदान पर केवल 15 टेस्ट मैचों में विदेशी टीमों को जीत हासिल हुई है. साथ ही चौथी पारी में बल्लेबाज़ी करके भारतीय उपमहाद्वीप की कोई भी टीम यहां नहीं जीत सकी है.
ओल्ड ट्रैफ़र्ड के मैदान पर चेज़ का इतिहास
ओल्ड ट्रैफ़र्ड के रिकॉर्ड बुक बताते हैं कि यहां पहली पारी में 400+ रन बनाने वाली टीम कभी मैच नहीं हारी. तो पहले बल्लेबाज़ी करने पर टीम इंडिया को 400 रनों के आंकड़े को पार करना पहला पड़ाव होगा. यानी इस मैदान पर टॉस एक अहम भूमिका निभाने वाला है. अगर पहले बल्लेबाज़ी करने वाली टीम ने 400+ का स्कोर खड़ा किया तो निश्चित रूप से दूसरी पारी में बैटिंग के लिए उतरने वाली टीम शुरू से ही दबाव में रहेगी. इस मैदान पर रन चेज़ कर के जीतने का सबसे बड़ा आंकड़ा 294 रनों का है. तब इंग्लैंड ने न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ छह रनों से जीत हासिल की थी. तो अगर टीम इंडिया पहले बल्लेबाज़ी करती है तो उसे इंग्लैंड के सामने रनों का पहाड़ खड़ा करना होगा और अगर चौथी पारी में उसे (टीम इंडिया को) बल्लेबाज़ी करनी पड़ी तो यह कोशिश करनी होगी कि इंग्लैंड उसके सामने 200 रनों से अधिक का लक्ष्य नहीं रख सके. ऐसे में निश्चित रूप से चौथा टेस्ट भारत की झोली में आएगा और सिरीज़ भी 2-2 की बराबरी पर आ जाएगी.