IND Vs ENG: 44 साल पहले बदली थी कहानी, स्पिन के दम पर भारत ने जीती थी इंग्लैंड में पहली टेस्ट सीरीज; गिल रच पाएंगे इतिहास?
टीम इंडिया इंग्लैंड में 20 जून से शुरू हो रही पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में 18 साल बाद विदेशी ज़मीन पर ऐतिहासिक जीत की तलाश में है. नए कप्तान शुबमन गिल के नेतृत्व में यह टीम रोहित शर्मा और विराट कोहली के संन्यास के बाद पहली बार मैदान में उतरेगी. भारत इससे पहले तीन बार (1971, 1986, 2007) इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज जीत चुका है. अब सबकी निगाहें इस युवा ब्रिगेड पर हैं कि क्या वो इतिहास दोहरा पाएगी.;
India Vs England Test Series 1971: भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज 20 जीन से लीड्स में शुरू हो रही है. यह विराट कोहली और रोहित शर्मा के संन्यास लेने के बाद शुभमन गिल की कप्तानी में पहली सीरीज है. इस सीरीज से भारत एक नए दौर में कदम रख रहा है. गिल के सामने इंग्लैंड के खिलाफ 18 साल बाद भारत को सीरीज जिताने की चुनौती है. आखिरी बार भारत ने 2008 में इंग्लैंड को हराया था.
भारत ने पहली बार अजित वाडेकर की कप्तानी में 1971 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीती थी. उसके बाद 1986 में कपिल देव और 2008 में राहुल द्रविड़ की कप्तानी में इस उपलब्धि को दोहराया गया. अब गिल चौथे कप्तान बन सकते हैं, जिन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज जीती है. आइए, आपको 1971 की उस सीरीज के बारे में बताते हैं, जिसमें भारत ने पहली बार इंग्लैंड को 3 मैचों की सीरीज में 1-0 से हराया था...
पहला टेस्ट मैच: ड्रॉ
- भारत और इंग्लैंड के बीच तीन मैचों की सीरीज का पहला टेस्ट मैच लॉर्ड्स में खेला गया. इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए 304 रन बनाए. एलन नॉट ने 67 और जॉन स्नो ने 73 रन बनाए. बिशन सिंह बेदी ने 70 रन देकर 4 विकेट लिए. वहीं, भागवत चंद्रशेखर ने 110 रन देकर 3 विकेट, जबकि एस वेंकटराघवन ने 44 रन देकर 2 विकेट लिए.
- भारत ने सलामी बल्लेबाज अशोक मांकड़ और सुनील गावस्कर के जल्दी आउट होने के बावजूद पहली पारी में 313 रन बनाकर 9 रनों की बढ़त हासिल की थी. अजित वाडेकर ने 85, गुंडप्पा विश्वनाथ ने 68 और एकनाथ सोलकर ने 67 रन बनाए.
- इंग्लैंड की दूसरी पारी जॉन एडरिक के 62 रन के बावजूद भारतीय स्पिनरों के सामने 191 रन पर सिमट गई. वेंकटराघवन ने 52 रन देकर 4 विकेट चटकाए. इस तरह भारत को 183 रन का टारगेट मिला.
- भारत ने दूसरी पारी में एक समय 21 रन पर 2 विकेट गंवा दिए थे, लेकिन इसके बाद सुनील गावस्कर (53) और फारुख इंजीनियर (35) के बीच 66 रन की साझेदारी हुई, जिसने भारत को बढ़त दिलाई, लेकिन इंग्लैंड ने नॉर्मन गिफर्ड (4/48) के शानदार स्पेल की बदौलत वापसी की, जिससे यह मैच ड्रॉ हो गया. भारत ने दूसरी पारी में 8 विकेट के नुकसान पर 145 रन बनाए.
दूसरा टेस्ट: ड्रॉ
- लॉर्ड्स में ही खेले गए दूसरे टेस्ट में, इंग्लैंड ने फिर से टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का फैसला किया. कप्तान रे इलिंगवर्थ ने शानदार शतक (107) लगाया. वहीं, पीटर लीवर (नाबाद 88 रन) और ब्रायन लकहर्स्ट (78) ने भी अच्छी बल्लेबाजी की, जिससे इंग्लैंड ने पहली पारी में 386 रन बनाए. सैयद आबिद अली (4/64) और वेंकटराघवन (3/89) ने भारत के लिए शानदार गेंदबाजी की.
- भारत की पहली पारी 212 रन पर सिमट गई. गावस्कर ने 57 और सोलकर ने 50 रन बनाए. दोनों के अलावा, लीवर (70 रन देकर 5 विकेट) के आगे कोई भी बल्लेबाज टिक नहीं पाया. इस तरह इंग्लैंड ने पहली पारी के आधार पर 174 रन की लीड ले ली.
- दूसरी पारी में, इंग्लैंड के लिए लकहर्स्ट ने सेंचुरी लगाई. उन्होंने 101 रन की शानदार पारी खेली. वहीं, एडरिच ने भी 59 रन बनाए. इंग्लैंड ने अपनी दूसरी पारी 3 विकेट के नुकसान पर 245 रन पर घोषित की. इस तरह भारत को जीत के लिए 420 रन का विशाल लक्ष्य मिला. हालांकि, मैच फिर ड्रॉ पर समाप्त हुआ. भारत ने दूसरी पारी में 3 विकेट के नुकसान 65 रन बनाए.
तीसरा टेस्ट: ओवल में भारत ने रचा इतिहास
तीसरा टेस्ट मैच ओवल में खेला गया. इंग्लैंड ने लगातार तीसरी बार टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का फैसला किया. उसने जॉन जेमिसन (82), नॉट (90) और रिचर्ड हटन (81) के शानदार अर्धशतकों की बदौलत 355 रन बनाए, सोलकर ने 28 रन देकर 3 विकेट चटकाए, जबकि बेदी, चंद्रशेखर और वेंकटराघवन को 2-2 विकेट मिले. भारत ने पहली पारी में 284 रन बनाए. दिलीप सरदेसाई (54) और इंजीनियर (54) के शानदार अर्धशतकों के अलावा कप्तान वाडेकर (48) ने भी शानदार पारी खेली. इंग्लैंड की ओर से कप्तान इलिंगवर्थ ने 70 रन देकर 5 विकेट चटकाए.
इंग्लैंड की दूसरी पारी चंद्रशेखर (6/38) की तूफानी गेंदबाजी के आगे महज 101 रन पर ढेर हो गई. इस तरह भारत को 172 रन का आसान लक्ष्य मिला, जिसे उसने चार विकेट शेष रहते हुए हासिल कर लिया. वाडेकर (45) और सरदेसाई (40) ने शानदार पारी खेली. इस तरह भारत ने इंग्लैंड में अपनी पहली टेस्ट जीत दर्ज करते हुए पहली सीरीज भी जीती.
कप्तान वाडेकर ने भारत के लिए बनाए सबसे ज्यादा रन
कप्तान वाडेकर भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे. उन्होंने तीन मैचों में 204 रन बनाए, जिसमें एक अर्धशतक शामिल हैं. इंजीनियर (तीन टेस्ट में 172 रन और पांच पारियों में एक अर्धशतक) और सोलकर (तीन टेस्ट में 168 रन और पांच पारियों में दो अर्धशतक) क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे. वहीं, वेंकटराघवन (तीन मैचों में 26.92 की औसत से 13 विकेट, सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 4/52), चंद्रशेखर (तीन मैचों में 29.15 की औसत से 13 विकेट, सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 6/38) और बेदी (29.54 की औसत से 11 विकेट, सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 4/29) की स्पिन तिकड़ी ने गेंदबाजी चार्ट में शीर्ष तीन स्थानों पर अपना दबदबा बनाया. सोलकर ने भी छह विकेट लिए, जिससे यह सीरीज उनके लिए एक बेहतरीन ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए यादगार बन गई.