बिहार के सासाराम से एजबेस्टन तक: टीम इंडिया की ऐतिहासिक जीत के हीरो आकाश दीप की कहानी
बिहार के सासाराम से इंग्लैंड के एजबेस्टन तक पहुंचे तेज़ गेंदबाज़ आकाश दीप ने टेस्ट में 10 विकेट लेकर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई. उन्होंने इंग्लैंड की दोनों पारियों में कहर बरपाया और जो रूट जैसे बल्लेबाजों को क्लीन बोल्ड किया. आकाश का यह प्रदर्शन जसप्रीत बुमराह और ज़हीर ख़ान जैसे दिग्गजों से भी आगे निकला. गरीबी, पारिवारिक त्रासदी और संघर्ष के बाद उन्होंने बंगाल से क्रिकेट शुरू किया और आज टीम इंडिया के नए हीरो बनकर उभरे हैं.;
एजबेस्टन टेस्ट में 269 रन और 161 रन बना कर जहां कप्तान शुभमन गिल ने बल्ले से सबसे बड़ा योगदान दिया वहीं दोनों पारियों में इंग्लैंड के 20 में से 10 बल्लेबाज़ों को पवेलियन लौटा कर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाने में आकाश दीप ने गेंद से सबसे बड़ा किरदार निभाया.
मैच में आकाश दीप ने 187 रन देकर 10 विकेट झटके और इस प्रदर्शन से उन्होंने जसप्रीत बुमराह (9/110, 2021), ज़हीर ख़ान (9/134, 2007) और चेतन शर्मा (10/188, 1986) जैसे तेज़ गेंदबाज़ों के इंग्लैंड में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को पीछे छोड़ दिया है.
पहली पारी में चमके, चार विकेट चटकाए
एजबेस्टन में भले ही मोहम्मद सिराज ने भी बेहतरीन गेंदबाज़ी का प्रदर्शन करते हुए पहली पारी में छह विकेट लिए थे पर इंग्लैंड की पहली पारी का पहला विकेट आकाश दीप ने ही चटकाया था. बेन डकेट को अपनी बाहर जाती गेंद को खेलने को मजबूर करने वाले आकाश दीप ने ठीक अगली गेंद पर ओली पोप का विकेट चटका कर इंग्लैंड को डबल झटका दिया. वहीं जैमी स्मिथ के साथ छठे विकेट के लिए 303 रन जोड़ चुके हैरी ब्रूक को आउट कर इस साझेदारी को तोड़ने और भारत की मैच में वापसी कराने का सबसे बड़ा काम किया.
दूसरी पारी में आकाश ने की ड्रीम गेंदबाज़ी
वहीं दूसरी पारी में मैच के चौथे दिन की शाम से ही आकाश दीप इंग्लैंड के टॉप ऑर्डर पर क़हर बन कर बरपे हुए थे. उनकी गेंद पिच पर गिरने के बाद किस तरफ मुड़ेगी इसका अंदाजा इंग्लैंड का टॉप ऑर्डर नहीं लगा पा रहा था. इंग्लैंड के बल्लेबाज़ उनकी गेंदों को पढ़ने में बुरी तरह नाकाम रहे. और इसका उन्होंने भरपूर फ़ायदा उठाया, सबसे पहले बेन डकेट को बोल्ड किया. फिर इंग्लैंड से सबसे अनुभवी बल्लेबाज़ जो रूट की जिस अंदाज में उन्होंने गिल्लियां बिखेरी उसकी तारीफ़ तो ख़ुद भारत के गेंदबाज़ी कोच मॉर्ने मॉर्केल ने भी की. आकाश अपनी गेंदों में सीम से मूवमेंट पैदा कर रहे थे. जिस गेंद पर जो रूट आउट हुए वो सीम मूवमेंट का ही एक बेहतरीन नमूना थी.
स्टोक्स, मैकुलम भी हुए मुरीद
एजबेस्टन की पिच पर उनकी गेंदों में लंबाई थी और वो लगातार स्टंप्स के आसपास ही गेंदें डाल रहे थे. साथ ही अपनी गेंदों में ऐंगल का बेहतरीन इस्तेमाल कर रहे थे. जिस आत्मविश्वास के साथ आकाश दीप ने एजबेस्टन की पिच पर उभरती दरारों का इस्तेमाल किया उसकी तारीफ़ तो ख़ुद इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने भी की. स्टोक्स ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "मुझे लगा कि आकाश ने चौथे दिन शाम को और पांचवें दिन की सुबह को पिच की दरार का बेहतरीन इस्तेमाल किया. वो लगातार अपनी गेंदबाज़ी के ऐंगल में बदलाव कर रहे थे, इसके बावजूद उनकी गेंदबाज़ी पिच पर एकदम सटीक आ रही थी. जिस गेंद पर हैरी ब्रूक आउट हुए, वैसी गेंदों पर एक बल्लेबाज़ कुछ कर ही नहीं सकता." वहीं अपनी विस्फ़ोटक बल्लेबाज़ी की तरह ही अब बैज़बॉल क्रिकेट के लिए मशहूर इंग्लैंड के हेड कोच ब्रेंडन मैकुलम ने भी आकाश दीप की भरपूर प्रशंसा की. इंग्लैंड के हेड कोच ब्रेंडन मैकुलम बोले, "मुझे लगता है कि आकाश दीप ने इस पिच पर सबसे बेहतरीन गेंदबाज़ी की. इस तरह की विकेट पर अपनी लंबाई का भरपूर फ़ायदा उठाया और पिच का पूरा उपयोग किया. वो असाधारण थे."
इंग्लिश बल्लेबाज़ों को हिला डाला
आकाश में छाए बादल का आकाश ने भरपूर फ़ायदा उठाया. बिहार के सासाराम से इंग्लैंड के एजबेस्टन पहुंच कर अपनी गेंदबाज़ी का डंका पीटने वाले आकाश दीप ने दूसरे दिन मैच के बाद ब्रॉडकास्टर की तरफ़ से बात कर रहे पूर्व क्रिकेटर चेतेश्वर पुजारा से मज़ाक में कहा था, "भैया मेरे साथ धोखा हो गया, ये तो भारत के जैसी पिच है और मुझे पता है यहां गेंद कैसे डालते हैं." पहली पारी में चार और दूसरी में छह विकेट चटका कर उन्होंने न केवल अपनी बात को साबित की बल्कि यह भी आभास दिला दिया कि उन्हें पिच की कितनी अच्छी समझ है. अपनी रफ़्तार, लाइन एवं लेंथ में विविधता और सीम के बेहतरीन इस्तेमाल की वजह से आकाश दीप एजबेस्टन में अन्य भारतीय गेंदबाज़ों से साफ़ अलग दिख रहे थे. इंग्लैंड जाने से पहले आकाश दीप ने एक राष्ट्रीय अख़बार को कहा था कि "जस्सी भाई ने बोला है कि ड्यूक (गेंद) काफ़ी हिलता है... कभी डाला नहीं है, लेकिन काफ़ी उत्सुक हूं." अब उसी ड्यूक बॉल के इस्तेमाल से आकाश दीप ने इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों को हिला कर रख दिया है.
आकाश दीप के क्रिकेट में उभरने की दास्तां
आकाश दीप की कहानी सालों की लगातार मेहनत का बेहतरीन उदाहरण है जिसके बाद आपको टेस्ट मैचों में डेब्यू मिलता है और फिर आप विपक्षी टीम के टॉप ऑर्डर को बिखेर कर रख देते हैं और अपने इस कारनामे से टीम को विदेशी धरती पर जीत दिला कर रातों रात स्टार गेंदबाज़ बन जाते हैं. इस टेस्ट मैच के दौरान ब्रॉडकास्टर्स के साथ इंटरव्यू में आकाश ने ख़ुद अपनी उस कहानी को बताया जो सुनने को मिलती है. आकाश ने बताया, "मैं बिहार के सासाराम का रहने वाला हूं. शुरू-शुरू में मेरे पिताजी ने मुझे क्रिकेट खेलने से रोका था. लेकिन 2010 में मैं नौकरी खोजने के बहाने से पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर चला गया जहां मुझे चाचा का सपोर्ट मिला." जल्द ही अपनी गेंदबाज़ी के हुनर से आकाश मशहूर होने लगे. लेकिन परिवार में अचानक एक संकट आया जब दो महीने के भीतर उनके पिता और बड़े भाई का निधन हो गया. इसकी वजह से उन्हें तीन सालों तक क्रिकेट से दूर रहना पड़ा. हालांकि आकाश ने हार नहीं मानी और बाद में कोलकाता जा कर क्लब स्तर पर खेलना शुरू किया. वो सेकेंड डिवीज़न लीग में यूनाइटेड क्लब के लिए खेले. 2019 में अंडर-23 में बंगाल का प्रतिनिधित्व किया और उसी साल सीनियर स्तर पर बंगाल के लिए सभी तीन फ़ॉर्मेट में डेब्यू किया. अपने दूसरे ही प्रथम श्रेणी मैच में आकाश दीप ने गुजरात के ख़िलाफ़ छह विकेट लिए और उस सीज़न में 18.02 की औसत से 35 विकेट चटकाए. बंगाल की टीम उस साल फ़ाइनल में पहुंची.
हेज़लवुड से मिला बहुमूल्य सुझाव
सफ़ेद गेंद से भी आकाश उतने ही प्रभावशाली रहे जिसकी वजह से 2021 में उन्हें आईपीएल में पहली बार रॉयल चैंलेंजर्स बेंगलुरु की टीम ने चुना. यहां उन्हें जॉश हेज़लवुड का बहुमूल्य सुझाव मिला कि कैसे एक ही लय पर लगातार सटीक गेंदबाज़ी करते रहने से विकेट मिलने की पूरी संभावना होती है और आकाश ने उसे अपनी गेंदबाज़ी में बखूबी उतार लिया. जिसका नमूना सब ने एजबेस्ट में देखा. 2023 के रणजी सीज़न की शुरुआत में आकाश ने हरियाणा के ख़िलाफ़ 10 विकेट लिया तो सेमीफ़ाइल में मध्य प्रदेश के ख़िलाफ़ पंजा लेकर प्लेयर ऑफ़ द मैच बने. पर बंगाल की टीम फ़िर एक बार फ़ाइनल में हार गई लेकिन आकाश ने अपनी टीम की ओर से सबसे अधिक 41 विकेट लिए. जल्द ही वो दिपील ट्रॉफ़ी में खेलते नज़र आए और दक्षिण अफ़्रीका दौरे पर भारत 'ए' के लिए उनका चयन हो गया. फिर 2024 की शुरुआत में आकाश ने इंग्लैंड लायन्स के ख़िलाफ़ भारत 'ए' की तरफ़ से सबसे अधिक विकेट लिए और फिर आया वो समय जब टेस्ट मैच खेलने के लिए टीम में चयन हुआ और आखिर रांची में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ आकाश ने टेस्ट में डेब्यू किया.
कहानी अभी बाकी है...
फ़रवरी 2024 में जब टीम इंडिया के पूर्व हेड कोच राहुल द्रविड़ ने आकाश दीप को टेस्ट कैप पहनाई तब यह भारत के लिए टेस्ट मैच खेलने के सपने का अंत था, पर तभी दूसरी सपने ने जन्म ले लिया था और वो सपना था भारत को टेस्ट जिताने का. इसका एक अध्याय एजबेस्टन में पूरा हुआ है लेकिन ऐसे कई अध्याय अभी लिखे जाने बाकी हैं, क्योंकि आकाश दीप जिस प्रतिभा के धनी और अनुशासन का पालन करने वाले गेंदबाज़ हैं उनसे ऐसी कई जीत की उम्मीद करना बेमानी नहीं है.