बुमराह न हों तो चमकते हैं सिराज, रिकॉर्ड 6 विकेट लेकर मचाया धमाल और फिर ये बोले?
एजबेस्टन टेस्ट में जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी में मोहम्मद सिराज ने ज़बरदस्त प्रदर्शन करते हुए इंग्लैंड के खिलाफ एक पारी में पहली बार 6 विकेट झटके. सिराज ने जो रूट, बेन स्टोक्स जैसे दिग्गजों को आउट कर दबदबा बनाया. मैच के बाद सिराज ने कहा कि यह प्रदर्शन उनके लिए खास है क्योंकि लंबे समय से वह 5 विकेट के आंकड़े को पार नहीं कर पा रहे थे. उनके इस जलवे की सचिन तेंदुलकर और मोहम्मद शमी ने भी जमकर तारीफ की.

एजबेस्टन टेस्ट के तीसरे दिन जब मोहम्मद सिराज ने छह विकेट लिए तो दिन का खेल ख़त्म होने के बाद जब वो मैदान से बाहर निकले तो जसप्रीत बुमराह ताली बजाते हुए ठीक बाउंड्री लाइन के बाहर उनका इंतज़ार कर रहे थे. बाउंड्री के बाहर निकलते ही बुमराह ने सिराज को गले से लगा लिया.
इस टेस्ट के शुरू होने से ठीक पहले जब जसप्रीत बुमराह को प्लेइंग इलेवन में नहीं रखा गया तो क्रिकेट के बड़े-बड़े दिग्गज़ों ने टीम मैनेजमेंट की जम कर आलोचना की थी पर मोहम्मद सिराज और आकाश दीप ने इंग्लैंड की पहली पारी के 10 विकेट आपस में बांट कर उस कमी को बहुत हद तक पूरा कर दिया.
लेकिन यह भी एक आंकड़ा है कि विदेशी धरती पर जब-जब जसप्रीत टीम में नहीं होते, तब-तब सिराज के विकेट लेने की दर बढ़ जाती है और उनका औसत बुमराह की ग़ैर मौजूदगी में कहीं बेहतर हो जाता है. विदेशी धरती पर बुमराह के साथ सिराज ने 32 पारियों में 32.4 की औसत से 59 विकेट लिए हैं तो उनकी ग़ैर मौजूदगी में खेली गई 13 पारियों में 23.3 की औसत से 30 विकेट चटकाए हैं.
बुमराह की ग़ैरमौजूदगी में एजबेस्टन टेस्ट के तीसरे दिन मोहम्मद सिराज ने धमाकेदार अंदाज़ में शुरुआत की, जब उन्होंने लगातार दो गेंदों पर जो रूट और बेन स्टोक्स को पवेलियन भेजा. यही नहीं, उन्होंने इंग्लैंड की पारी के आखिरी तीन विकेट भी झटके और इंग्लैंड में पहली बार एक पारी में 6 विकेट लेने का कारनामा किया.
सिराज की सचिन तेंदुलकर ने भी सराहना की. सचिन बोले, "सिराज में जो बड़ा बदलाव मैंने देखा वो उनकी सटीकता और लगातार एक लेंथ पर सही जगह गेंद डालने की क्षमता थी. उनकी उसी ज़िद के इनाम में उन्हें छह विकेट मिले."
वहीं चोटिल होने की वहज से इंग्लैंड दौरे पर नहीं आ सके मोहम्मद शमी ने एक्स पर लिखा, "मोहम्मद सिराज ने तेज़ गेंदबाज़ी का जादू बिखेरते हुए शानदार छह विकेट चटकाए. उनका यह प्रदर्शन इतिहास में दर्ज हो गया- रफ़्तार, सटीक नियंत्रण और दबदबा का विशुद्ध प्रदर्शन."
मैच के बाद आधिकारिक ब्रॉडकास्टर पर बातचीत के दौरान अपने प्रदर्शन पर सिराज की पहली प्रतिक्रिया थी, ''ये अविश्वसनीय है क्योंकि मैं एक साल से इंतज़ार कर रहा था कि विकेट मिल जाए पर हमेशा मामला चार विकेट पर अटक जा रहा था, तो ये पल मेरे लिए बहुत ख़ास हैं. इंग्लैंड में पंजा नहीं था, लॉर्ड्स में भी चार-चार ही विकेट लिए थे और एजबेस्टन में भी पिछले मैच में चार ही विकेट थे, तो ये छह विकेट मेरे लिए बहुत मायने रखते हैं.''

लगातार धीमी होती जा रही पिच
सिराज ने बताया कि पिच लगातार धीमी होती जा रही है और उस पर गेंद डालना आसान नहीं है. वे बोले, “विकेट बहुत धीमी थी, जसप्रीत टीम में नहीं थे और अन्य गेंदबाज़ों को बहुत मैच खेलने का अनुभव नहीं था तो पिच पर गेंदबाज़ी के दौरान मेरा यही लक्ष्य था कि मैं अपनी छोर से बहुत अधिक ढील न दूं तो मैंने एक ही लाइन पकड़ कर रखी क्योंकि वहां से विकेट आता है तो टीम का बहुत आत्मविश्वास बढ़ता है और माहौल भी बदलता है. तो मेरा एक ही लक्ष्य था कि मैं अपनी गेंदों पर रन न दूं.”
बुमराह के न होने से क्या बढ़ जाता है प्रेशर?
जसप्रीत बुमराह के टीम में नहीं होने पर क्या मोहम्मद सिराज पर अधिक ज़िम्मेदारियां होती हैं? क्या अलग तरीके से सोचना पड़ता है? गेंदबाज़ी करने का नज़रिया अलग होता है? इस सवाल पर सिराज ने कहा, “स्वाभाविक तौर पर, जब आपके साथ खेलने वाले अन्य गेंदबाज़ नए हों तो आपको यह ज़िम्मेदारी निभानी होती है. स्कोरबोर्ड पर क़रीब 600 रन थे तो मेरा भी मन करता है कि मैं कुछ अन्य तरह की गेंदों को ट्राई करूं लेकिन मैं रन नहीं बनने देना चाहता था.” वहीं बुमराह के नहीं होने पर सिराज के अच्छे प्रदर्शन करने के सवाल पर उन्होंने कहा, “ये तो एक आंकड़ा है. मैंने ज़िंदगी में बहुत सी चुनौतियां झेली हैं. वहां से उभर कर आया हूं तो मुझे चुनौतियां पसंद हैं और जब ज़िम्मेदारियां मेरे ऊपर आती हैं तो मैं उसे मैं बहुत अच्छे तरीक़े से निभाता हूं.”
बुमराह की मौजूदगी में भी चमकते रहे हैं सिराज
बेशक सिराज के आंकड़े बताते हैं कि विदेशी धरती पर जिन मैचों में बुमराह नहीं होते वहां उनका प्रदर्शन कहीं बेहतर होता है. लेकिन ऐसा भी नहीं है कि बुमराह की मौजूदगी में सिराज का प्रदर्शन अच्छा नहीं होता है. ऑस्ट्रेलिया में खेली गई पिछली टेस्ट सिरीज़ का ही उदाहरण ले जहां बुमराह ने पांच मैचों की सिरीज़ में 32 विकेट लिए थे तो सिराज ने भी बढ़िया प्रदर्शन करते हुए 20 ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों को पवेलियन लौटाया था.
पिछले साल ही (2024 में) सिराज ने दक्षिण अफ़्रीकी दौरे पर केपटाउन टेस्ट के दौरान केवल 15 रन खर्च कर छह विकेट लिए थे और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियन दक्षिण अफ़्रीकी टीम को पहली पारी में केवल 55 रनों पर ऑल आउट करने में सबसे बड़ा किरदार निभाया था. तब उसी टेस्ट की दूसरी पारी में जसप्रीत बुमराह ने छह विकेट लिए थे और भारत ने वो मैच केवल दूसरे ही दिन सात विकेट से जीत लिया था.
सिराज ने बेशक एजबेस्टन में छह विकेट लिए पर टेस्ट की एक पारी में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन केपटाउन में ही हुआ था, तब बुमराह भी टीम में थे. वहीं सिराज के करियर का सर्वश्रेष्ठ टेस्ट मैच प्रदर्शन इंग्लैंड के पिछले दौरे के दौरान लॉर्ड्स में आया था. तब उन्होंने दोनों पारियों में चार-चार विकेट चटकाए थे और भारत को वो मैच 151 रनों से जिताने में उनकी अहम भूमिका रही थी. उस मैच में भी बुमराह थे और उन्होंने दूसरी पारी में तीन विकेट लिए थे.

सिराज को मिला आकाश दीप का भरपूर साथ
सिराज के साथ आकाश दीप ने भी चार विकेट लिए. आकाश दीप केवल आठवां टेस्ट मैच खेल रहे हैं. साथ ही यह इंग्लैंड में उनका केवल पहला ही मैच है. बावजूद इसके उन्होंने बेहतरीन लाइन और लेंथ पर टीम की ओर से सबसे अधिक 20 ओवरों तक गेंदबाज़ी की और चार अहम विकेट चटकाए. केवल 13 रन पर इंग्लैंड के ओपनर बेन डकेट को चलता किया तो ठीक अगली ही गेंद पर ओली पोप को भी आउट कर उन्होंने मैच के दूसरे दिन टीम इंडिया को बहुत अच्छी शुरुआत दी थी. इसके बाद जब हैरी ब्रूक और जैमी स्मिथ छठे विकेट के लिए 329 रन जोड़कर फ़ेविकॉल की तरह पिच पर चिपके हुए थे तो की ये आकाश दीप ही थे जिन्होंने हैरी ब्रूक को बोल्ड कर यह साझेदारी तोड़ी. मोहम्मद सिराज और आकाश दीप के शानदार प्रदर्शन से भारत को पहली पारी में 180 रनों की बढ़त मिली, जो दिन के अंत तक बढ़कर 244 हो गई.