मैं झुकेगा नहीं... शतक बनाते ही रोने लगे पिता, बेटे के लिए छोड़ी थी नौकरी; कहानी नीतीश रेड्डी की
Nitish Kumar Reddy: नीतीश कुमार रेड्डी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच में शतक लगाकर भारत को संकट से बाहर निकाला. उन्होंने आठवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे हैं. रेड्डी का यह पहला टेस्ट शतक है. उन्होंने इसी टेस्ट सीरीज के साथ अपना डेब्यू किया है. नीतीश की इस सफलता में उनके पिता का बहुत बड़ा हाथ है. रेड्डी के शतक बनाने पर पिता की आंखों से आंसू बहने लगे थे.;
Nitish Kumar Reddy: 'पुष्पा समझकर फ्लावर समझा क्या, फायर है अपुन...' ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर जहां एक तरफ विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ी फॉर्म के लिए जूझते नजर आ रहे हैं तो वहीं एक खिलाड़ी ऐसा भी है, जो लगातार रन बना रहा है. यह खिलाड़ी कोई और नहीं नीतीश कुमार रेड्डी हैं. जी हां... जब भारत की पारी के 114वें ओवर में जसप्रीत बुमराह को पैट कमिंस ने उस्मान ख्वाजा के हाथों आउट कराया तो लगा कि जैसे मैच खत्म होने में अब कुछ ही गेंदें बाकी हैं. उस समय रेड्डी 99 रन पर खेल रहे थे. सभी की निगाहें रेड्डी के शतक पर थी.
टीम इंडिया के 9 विकेट गिर चुके थे. नए बल्लेबाज सिराज के सामने कमिंस की तीन गेंदें खेलनी सबसे बड़ी चुनौती थी, क्योंकि रेड्डी को शतक बनाने के लिए केवल एक रन की जरूरत थी. स्टेडियम में मौजूद हर भारतीय फैन्स रेड्डी की शतक की दुआ कर रहा था. इसी दौरान कैमरा एक ऐसे शख्स की तरफ घूमता है, जो भगवान से प्रार्थना कर रहा है कि आज रेड्डी का शतक पूरा हो जाए... जैसे ही 115वें ओवर में स्कॉट बोलैंड की तीसरी गेंद पर रेड्डी ने चौका जड़ा तो यह शख्स अपने आंसुओं का रोक नहीं पाया. यह कोई और नहीं नीतीश रेड्डी के पिता मुत्याला रेड्डी थे.
ऑस्ट्रेलिया में सबसे कम उम्र में पहला शतक बनाने वाले तीसरे भारतीय
नीतीश रेड्डी ऑस्ट्रेलिया में सबसे कम उम्र में पहला शतक बनाने वाले भारत के तीसरे बल्लेबाज हैं. उसने पहले 1992 में 18 साल 256 दिन में सचिन तेंदुलकर और 2019 में 21 साल 92 दिन की उम्र में रिषभ पंत ने शतक लगाया था. रेड्डी से कम उम्र में केवल दो खिलाड़ियों ने 8वें या उससे नीचे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए शतक बनाए हैं. इसमें अबुल हसन (20 वर्ष 108 दिन) और अजय रात्रा (20 वर्ष 150 दिन) शामिल हैं.
'नीतीश के लिए पिता हैं सबसे बड़े हीरो'
'इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक, नीतीश कुमार रेड्डी के बचपन के कोच कुमार स्वामी हैं. वे रेड्डी को तब से जानते हैं जब वे छह साल के थे. उनके लिए, नीतीश की सफलता की कहानी क्रिकेटर के साथ-साथ उनके पिता मुत्याला रेड्डी के काम की भी देन है. उन्होंने कहा कि हर कोई अपने सिनेमा में हीरो बनना चाहता है, लेकिन जब नीतीश की कहानी की बात आती है तो मुत्याला ही हीरो हैं.
पिता ने कभी नहीं मानी हार
कुमार स्वामी कहते हैं कि यह पिता की कड़ी मेहनत है, जो नीतीश को जीवन में कुछ हासिल करने के लिए प्रेरित करती है. उन्होंने अपने पिता के साथ जो कुछ भी किया, वह सब उन्होंने देखा. खासकर उनके करीबी परिवार के सदस्यों ने भी उनके नौकरी न करने और अपना समय बर्बाद करने को लेकर काफी आलोचना की, लेकिन पिता ने कभी हार नहीं मानी.
शनिवार को मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर उनकी सारी मेहनत रंग लाई. ऑस्ट्रेलिया के अपने पहले दौरे पर पहले ही प्रभावित करने वाले नीतीश ने बॉक्सिंग डे टेस्ट में एक खास शतक लगाकर भारत को मुश्किल स्थिति से बाहर निकालने के लिए एक कदम और आगे बढ़ाया. नीतीश रेड्डी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना पहला टेस्ट शतक बनाया. उन्होंने इसी सीरीज के साथ अपना टेस्ट डेब्यू किया है.
'फ्लावर नहीं फायर है'
रेड्डी के हाफ सेंचुरी पर बीसीसीआई ने ट्वीट कर कहा था- फ्लावर नहीं, फायर हैं. रेड्डी ने पुष्पा के स्टाइल में अपनी हाफ सेंचुरी का जश्न मनाया था.
रेड्डी का ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर टीम इंडिया में सेलेक्शन के बारे में पिता ने कहा कि जब रेड्डी ने मुझे बताया कि वह भारत के लिए टेस्ट मैच खेलने जा रहे हैं तो मुझे नहीं पता था कि मैं कैसे प्रतिक्रिया दूं. यदि आप उम्मीद कर रहे थे तो आपकी इस पर कुछ प्रतिक्रिया होती, लेकिन न तो मुझे और न ही नीतीश को अपने करियर की शुरुआत में इस कॉल की उम्मीद थी. 10 मिनट तक मैं सदमे की स्थिति में था. अगर वह सच कह रहा था तो मुझे उससे दोबारा पुष्टि करनी पड़ी.
रेड्डी के शतक पर पिता ने क्या कहा?
रेड्डी के शतक पर पिता मुत्याला रेड्डी ने कहा कि हमारे परिवार के लिए यह एक खास दिन है. हम इस दिन को अपने जीवन में कभी नहीं भूल सकते. वह 14-15 साल की उम्र से ही अच्छा प्रदर्शन कर रहा है. अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कर रहा है, जो बहुत ही खास एहसास है. जब नीतीश 99 रन पर था तो मैं बहुत तनाव में था. केवल आखिरी विकेट बचा था. शुक्र है कि सिराज आउट नहीं हुए.
'मेरे लिए पिता ने छोड़ी नौकरी'
नीतीश ने बीसीसीआई.टीवी से कहा, ईमानदारी से कहूं तो जब मैं छोटा था तो मैं गंभीर नहीं था. मेरे पिता ने मेरे लिए अपनी नौकरी छोड़ दी. मेरी कहानी के पीछे बहुत त्याग है. एक दिन मैंने उन्हें उन वित्तीय समस्याओं के कारण रोते हुए देखा, जिनका हम सामना कर रहे थे. इसके बाद मैं गंभीर हो गया. मैंने अपनी पहली जर्सी उन्हें दी और उनके चेहरे पर खुशी देखी.
किराए के घर में रहता है परिवार
नीतीश रेड्डी आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से खेलते हैं. उन्हें 2025 के सीजन के लिए 6 करोड़ रुपये की भारी रकम देकर रिटेन किया है. इसके बावजूद उनका परिवार विशाखापत्तनम के बाहरी इलाके मधुरवाड़ा में एक किराए के घर में रहता है.
21 साल के नीतीश रेड्डी ने इस साल की शुरुआत में अक्टूबर में बांग्लादेश के खिलाफ इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था. उस समय उन्हें टी-20 सीरीज में मौका दिया गया था, जहां उन्होंने सिर्फ 34 गेंदों में 4 चौकों और 7 छक्कों की मदद से 74 रनों की तूफानी पारी खेली.
नीतीश रेड्डी का क्रिकेट करियर
आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम के रहने वाले रेड्डी ने 17 प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं. उन्होंने 2020 में केरल के खिलाफ अपना डेब्यू किया था. वे अबतक 20.96 की औसत से 566 रन बना चुके हैं. उनके नाम 52 विकेट भी हैं. वहीं, 22 लिस्ट ए मैचों में रेड्डी ने 36.63 की औसत से 422 रन बनाए हैं और 14 विकेट भी लिए हैं. उनके नाम पर केवल नौ टी20 मैच हैं, जिसमें अब तक खेले गए चार आईपीएल मैच शामिल हैं. 2023-24 के रणजी सीजन में रेड्डी ने सात मैचों में एक शतक और एक अर्धशतक सहित 366 रन बनाए.
रेड्डी ने 2017-18 के विजय मर्चेंट ट्रॉफी में 176.41 की औसत से 1237 रन बनाकर सबका ध्यान खींचा. उन्हें 2017-2018 सत्र के लिए बीसीसीआई वार्षिक पुरस्कारों में अंडर -16 जगमोहन डालमिया पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर का पुरस्कार मिला. उन्होंने अंडर 19 आयु वर्ग में भारत बी का प्रतिनिधित्व भी किया.
नीतीश का इंटरनेशनल करियर
नीतीश रेड्डी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस सीरीज में अब तक 4 मैचों की 6 पारियों में 71 के औसत से 284 रन बनाए हैं. वहीं, 3 टी-20 में 90 रन बनाए हैं. रेड्डी ने 15 आईपीएल मैचों में कुल 303 रन बनाए हैं.