Asia Cup 2025 India vs Pakistan: भारत-पाक मैच में हैंडशेक क्यों नहीं हुआ? गौतम गंभीर ने खोला राज
भारत ने एशिया कप 2025 में पाकिस्तान को 7 विकेट से हराया. मैच के बाद हैंडशेक न करने पर विवाद छिड़ा. कप्तान सूर्यकुमार यादव ने जीत को शहीद जवानों को समर्पित किया, जबकि कोच गौतम गंभीर ने कहा कि यह कदम पहलगाम हमले के पीड़ित परिवारों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए था.;
एशिया कप 2025 में भारत ने पाकिस्तान को करारी शिकस्त देकर टूर्नामेंट में धमाकेदार शुरुआत की. लेकिन इस जीत से ज्यादा चर्चा उस पल की हो रही है, जब भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी क्रिकेटर्स से हैंडशेक नहीं किया. सोशल मीडिया पर इस मुद्दे ने आग पकड़ ली और हर जगह सवाल उठने लगे. आखिर ऐसा क्यों हुआ?
भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर ने इस विवाद पर खुलकर जवाब दिया. उन्होंने साफ कहा कि यह कदम सिर्फ क्रिकेट नहीं बल्कि देशभक्ति से जुड़ा हुआ था. गंभीर के मुताबिक, "हम पहलगाम हमले के पीड़ित परिवारों और ऑपरेशन सिंदूर में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देना चाहते थे. हैंडशेक न करना हमारी एकजुटता का प्रतीक था."
सूर्यकुमार यादव का बड़ा संदेश
कप्तान सूर्यकुमार यादव ने भी जीत को भारतीय सेना को समर्पित किया. उन्होंने कहा कि यह मैच सिर्फ खेल नहीं था, बल्कि उन जवानों के साहस को सलाम करने का मौका था जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जान जोखिम में डाली. सूर्यकुमार ने पीड़ित परिवारों के साथ मजबूती से खड़े रहने की प्रतिबद्धता जताई.
मैच का टर्निंग प्वाइंट
भारत की जीत में गेंदबाजों ने अहम भूमिका निभाई. कुलदीप यादव ने शानदार स्पेल डालते हुए पाकिस्तान की बैटिंग लाइनअप को झकझोर दिया. अक्षर पटेल और जसप्रीत बुमराह ने भी किफायती गेंदबाजी कर विपक्षी बल्लेबाजों पर दबाव बनाया. पाकिस्तान की पूरी टीम 128 रन ही बना सकी.
अभिषेक शर्मा की आक्रामक शुरुआत
लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम के लिए युवा ओपनर अभिषेक शर्मा ने पहले ही ओवर में शाहीन अफरीदी को छक्का और चौका लगाकर मैच का रुख साफ कर दिया. उन्होंने महज 13 गेंदों में 31 रन बनाकर टीम को तगड़ी शुरुआत दिलाई.
कप्तान का दमदार फिनिश
जहां दूसरे बल्लेबाज जल्दी आउट हो गए, वहीं कप्तान सूर्यकुमार यादव ने जिम्मेदारी उठाई. उन्होंने 37 गेंदों पर नाबाद 47 रन ठोकते हुए छक्के के साथ भारत को जीत दिलाई. शिवम दुबे उनके साथ नाबाद लौटे. भारत ने 15.5 ओवर में ही लक्ष्य हासिल कर लिया.
जीत से ज्यादा चर्चा हैंडशेक पर
भारत की इस ऐतिहासिक जीत पर फैंस ने जमकर खुशी जताई. लेकिन हैंडशेक न करने की घटना ने खेल के बाहर की बहस छेड़ दी. कई लोगों ने इसे सही ठहराया तो कुछ ने खेल भावना पर सवाल उठाए. हालांकि, गंभीर के बयान के बाद यह साफ हो गया कि भारतीय टीम का यह फैसला देश के शहीदों के प्रति सम्मान दिखाने के लिए था.
क्रिकेट से ऊपर देश
यह मुकाबला साबित करता है कि कभी-कभी खेल सिर्फ खेल नहीं होता. भारतीय खिलाड़ियों का यह कदम बताता है कि उनके लिए देश सर्वोपरि है. जीत चाहे मैदान पर हो या जंग के मोर्चे पर, भारतीय जज्बा हमेशा ऊंचा रहेगा.