Shattila Ekadashi 2025: इस दिन क्यों किया जाता है काले तिल का दान? क्या है इसका मोक्ष से संबंध
इस साल 25 जनवरी को षटतिला एकादशी का व्रत रखा जाएगा. वहीं, व्रत का पारण 26 जनवरी को सुबह 7 बजकर 12 मिनट से लेकर 9 बजकर 21 मिनट तक कर सकते हैं. इस दिन काले तिल का दान का करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति बनी रहती है.;
षटतिला एकादशी हिन्दू कैलेंडर के अनुसार विशेष महत्व रखती है और यह खासतौर पर माघ माह (जनवरी-फरवरी) के शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है. इस दिन का प्रमुख उद्देश्य भगवान विष्णु की पूजा करना और तत्त्वों की शुद्धि के साथ पुण्य अर्जित करना होता है.
षटतिला शब्द का अर्थ छह तिल होता है. इस दिन, खासतौर पर तिल के विभिन्न रूपों का प्रयोग किया जाता है. माना जाता है कि तिल का दान करने से पुण्य प्राप्त होता है और यह पापों का नाश करता है. चलिए जानते हैं इस दिन तिल दान करने का धार्मिक और ज्योतिष महत्व.
विष्णु भगवान को है प्रिय
षटतिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. वहीं, काला तिल विष्णु जी का माना जाता है. इसलिए इस दिन काले तिल का खास महत्व होता है. माना जाता है कि षटतिला एकादशी के दिन काले तिल का दान करने से पितृ दोष से मुक्ति से लेकर मोक्ष तक की प्राप्ति होती है.
काले तिल का धार्मिक महत्व
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, काले तिल का दान करने से व्यक्ति को मोक्ष मिल सकता है. काले तिल का दाल और उबटन दान करने से पुण्य मिलता है, जिससे जीवन में समृद्धि आती है. इसके अलावा, सूर्य भगवान की पूजा में भी काले तिल का इस्तेमाल किया जाता है. जल में तिल डालकर सूर्य देवता को चढ़ाने से फायदा होता है.
ज्योतिष महत्व
काले तिल का ज्योतिष महत्व भी है. तिल का इस्तेमाल कर आप नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकते हैं. साथ ही, इसके उपाय करने से मनचाहे फल की भी प्राप्ति होती है. मंगल ग्रह के प्रभाव में सुधार के लिए माघ के महीने में काले तिल का दान करना चाहिए. साथ ही, इसके सेवन से भी लाभ मिल सकता है. ऐसा करने से शांति और समृद्धि आती है.