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महाराज...मैं मर्दों में आकर्षित होता हूं, क्या करूं? प्रेमानंद महाराज ने बताया ऐसे में क्या करें

वृंदावन के प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद महाराज ने समलैंगिक संबंधों पर अपने विचार व्यक्त किए हैं. एक व्यक्ति ने उनसे मार्गदर्शन प्राप्त करते हुए यह सवाल किया कि वह पुरुषों के प्रति आकर्षित होता है, जबकि परिवार वाले उसे महिलाओं से शादी करने के लिए दबाव डाल रहे हैं.

महाराज...मैं मर्दों में आकर्षित होता हूं, क्या करूं? प्रेमानंद  महाराज ने बताया ऐसे में क्या करें
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सागर द्विवेदी
Edited By: सागर द्विवेदी

Published on: 21 Jan 2025 11:35 AM

वृंदावन के प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद महाराज ने समलैंगिक संबंधों पर अपने विचार व्यक्त किए हैं. एक व्यक्ति ने उनसे मार्गदर्शन प्राप्त करते हुए यह सवाल किया कि वह पुरुषों के प्रति आकर्षित होता है, जबकि परिवार वाले उसे महिलाओं से शादी करने के लिए दबाव डाल रहे हैं. इस व्यक्ति ने बताया कि उसे महिलाओं के प्रति कोई आकर्षण नहीं था, बल्कि वह पुरुषों के प्रति आकर्षित था. प्रेमानंद महाराज ने इस पर अपनी सलाह दी, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.

वीडियों एक जगह युवक को समझाते हुए प्रेमानंद महाराज ने कहा कि किसी लड़की की जिंदगी खराब करने में तुम्हें शर्म नहीं लगती है. और मन की बात अपने माता पिता से बताने में शर्म लगती है. आगे उन्होंने कहा कि, यदि कोई पुरुष, किसी अन्य पुरुष में आकर्षण रखता है, तो इसे छिपाने की कोई आवश्यकता नहीं है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि ऐसे लोगों को अपने माता-पिता से इन भावनाओं को साझा करना चाहिए.

उन्होंने यह भी कहा कि माता-पिता को अपने बच्चों की इस स्थिति को समझना चाहिए और उनका साथ देना चाहिए. मां-बाप की जिम्मेदारी है कि बच्चों की जरूरतों को समझते हुए उनके जीवन से जुड़े फैसले लें. जोर-जबरदस्ती से फैसले लेने की बजाय एक-दूसरे को सपोर्ट करके चलना अच्छा होता है.

प्रेमानंद महाराज ने समलैंगिक संबंधों पर अपनी सोच को साझा करते हुए कहा कि इस विषय पर विशेष ध्यान देना चाहिए और समलैंगिक लोगों को किसी अन्य लड़की या लड़के का जीवन खराब नहीं करना चाहिए. उनका मानना था कि माता-पिता या सामाजिक दबाव में आकर विवाह जैसे कदम उठाना, किसी अन्य व्यक्ति के जीवन को दुखी बना सकता है.

इस संवेदनशील और समझदारी से भरे दृष्टिकोण को लेकर प्रेमानंद महाराज की काफी सराहना हो रही है. उनका यह संदेश समाज में समलैंगिकता के प्रति संवेदनशीलता और स्वीकृति को बढ़ावा देने में मददगार साबित हो सकता है. प्रेमानंद महाराज ने यह भी कहा कि भगवान ने हमें जो वृत्ति दी है, उसे किसी से बताना गलत नहीं है और इससे आपकी इज्जत पर कोई धब्बा नहीं लगेगा.

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