Holi 2025: मसान की होली में क्यों किया जाता है चिता की राख का इस्तेमाल? जानें कैसे हुई इसकी शुरुआत

होली की रात (होलिका दहन): होली से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है, जहां लोग आग जलाकर बुराई को नष्ट करने की कामना करते हैं. यह रिवाज होलिका, राक्षसी देवी, के जलाए जाने की परंपरा से जुड़ा हुआ है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, होलिका दहन का संबंध प्रह्लाद और होलिका की कहानी से है, जिसमें प्रह्लाद की भक्ति और अच्छाई की जीत होती है.;

( Image Source:  x-Bhairav Vaam )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 11 March 2025 9:13 AM IST

होली हिंदू धर्म का एक प्रमुख और प्रसिद्द त्यौहार है, जो रंगों और खुशी का प्रतीक मानी जाती है. यह त्यौहार विशेष रूप से भारत में मनाया जाता है, लेकिन अब यह दुनिया के कई हिस्सों में भी मनाया जाता है. होली का त्योहार फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो आमतौर पर मार्च के महीने में आता है.

भारत में तरह-तरह की होली खेली जाती है. इनमें सबसे ज्यादा लट्ठमार और बरसाना की लड्डुओं की होली प्रसिद्ध है. वहीं, वाराणसी में चिता के राख से होली खेली जाती है. चलिए जानते हैं आखिर कैसे शुरू हुई मसान की होली की शुरुआत?

कब खेली जाएगी मसान की होली?

इस साल 11 मार्च को मसान की होली खेली जाएगी. इसके पीछे पौराणिक कथा है, जिसमें कहा गया कि विवाह के बाद भगवान शिव पहली बार माता पार्वती को लेकर काशी गए थे. इस दिन को रंगभरी एकादशी कहा जाता है, जहां गुलाल से होली खेली जाती है. इस समय भगवान शंकर के साथ सभी लोगों ने होली खेली थी, लेकिन इसमें भूत-प्रेत शामिल नहीं हो पाए थे. ऐसे में भगवान शिव ने रंगभरी एकादशी के अगले दिन सभी के साथ मसान की होली खेली, जिसमें चिता की राख का इस्तेमाल किया जाता है.

अन्य मान्यता

वहीं, दूसरी मान्यता के अनुसार मसान की होली का संबंध यमराज से है. कहा जाता है कि भगवान शिव ने यमराज पर विजय पाई थी. ऐसे में विजय के प्रतीक के तौर पर भगवान शिव ने चिता की राख से होली खेली थी.

शिव जी ने खेली थी पहली होली

होली से जुड़ी एक दूसरी मान्यता यह है कि संसार में पहली बार भगवान शिव ने होली खेली था. इसके पीछे कहानी है कि जब भगवान शिव ध्यान में बैठे थे, तो रति और कामदेव ने नृत्य कर उनका ध्यान भंग कर दिया. गुस्से में आकर शिव ने कामदेव को भस्म कर दिया. फिर रति के कहने पर उन्होंने दोबारा उन्हें जीवित किया. इस खुशी ने रति सभी को भोज पर बुलाया और चंदन के टीके से सभी का स्वागत किया. तभी से खुशी में सभी ने होली खेलने शुरू की.


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