Holi 2025: क्यों खास है अलीगढ़ में टेसू के फूल वाली होली? इस साल कब बिखरेगा ब्रज में इसका रंग
होली का संबंध भगवान श्री कृष्ण और राधा से है. माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने अपने बचपन में गोकुल में राधा और अन्य गोपियों के साथ होली खेली थी. उनका यह रंगों से खेलने का तरीका प्रेम का प्रतीक बना और अब इसे धार्मिक परंपरा में शामिल किया गया है.

होली का त्योहार पूरे ब्रज में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. जहां ब्रज में बसंत पंचंमी से होली खेलने की शुरुआत होती है. इस दिन श्री कृष्ण ने राधा को पहली बार रंग लगाया था. इसके चलते होली खेली जाती है.
लट्ठमार से लेकर लड्डू की होली फेमस है, लेकिन आज भी अलीगढ़ में टेसू फूलों से होली खेलने का रिवाज है. यह परंपरा 100 साल पुरानी है, जिसे आज भी लोग निभाते हैं. चलिए जानते हैं क्यों खास है यह होली.
क्यों खास है टेसू फूलों की होली?
टेसू के फूल को होली के समय खासतौर पर इस्तेमाल किया जाता है. टेसू के फूल का रंग पीला और लाल होता है. यह फूल खासतौर पर होली के दौरान उगते हैं और इन फूलों का इस्तेमाल रंग बनाने के लिए किया जाता है. इस दौरान अलीगढ़ के मंदिरों में होली शुरू हो जाती है. जहां मुरलीधर को पोशाक से लेकर श्रृंगार से सजाया जाता है. इसे छोटी होली भी कहा जाता है.
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कैसे बनाते हैं टेसू के फूलों से रंग?
टेसू के फूलों से रंग बनाने के लिए इसकी पंखुड़ियों को पानी में उबाला जाता है. इसके बाद पानी को छानकर बड़े बर्तनों में रखा जाता है. फिर पानी में गुलाब जल, चंदन, केसर जैसी चीजें मिलाई जाती हैं. इससे रंगों में खुशबू आती है. इस फूल का रंग बेहद ज्यादा गाढ़ा होता है, जो आसानी से हटता नहीं है.
कब है होली?
इस साल 14 मार्च को पूरे देश में होली का त्योहार मनाया जाएगा. वहीं, 13 मार्च को होलिका जलाई जाएगी. होलिका दहन बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है. वहीं, होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात 11 बजकर 26 मिनट से शुरू होगा और अगले दिन अगले दिन 14 मार्च 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगा. होली से आठ दिन पहले होलाष्टक की शुरुआत हो जाती है. इन दिनों मांगलिक कार्य करने से मनाही होती है. इन दिनों नई गाड़ी, शादी और बिजनेस जैसे शुभ काम नहीं करने चाहिए. इसके अलावा, रंगभरी एकादशी के दिन श्री कृष्ण के साथ होली खेली जाती है.