पार्वती के अलावा किसी और ने भी सुन लिया था अमर होने का रहस्य, जानें अमरनाथ कथा से जुड़ी ये कहानी
कहा जाता है कि एक कश्मीरी राजा को स्वप्न में बाबा बर्फानी ने दर्शन दिए थे और उन्हें अमरनाथ गुफा तक पहुंचने का रास्ता बताया था. इसके बाद से ही अमरनाथ यात्रा की परंपरा शुरू हुई.;
अमरनाथ यात्रा भगवान शिव के प्रसिद्ध अमरनाथ गुफा मंदिर तक होती है, जो जम्मू-कश्मीर के पहाड़ों में स्थित है. हर साल लाखों श्रद्धालु कठिन रास्तों और ऊंचाई पर जाकर इस पवित्र स्थल के दर्शन करते हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव ने इसी गुफा में माता पार्वती को अमरता का रहस्य (अमरकथा) सुनाई थी.
यह इतनी गुप्त और शक्तिशाली कथा थी कि शिवजी ने इसके दौरान सभी बाहरी चीजों को त्याग दिया. इस बार अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई 2025 से शुरू होगी. इस कथा को एक कबूतर जोड़े ने भी छुपकर सुन लिया था.
शिव जी ने चुनी अमरनाथ गुफा
भगवान शिव माता पार्वती को अमरता का रहस्य सुनाना चाहते थे. पर यह ज्ञान इतना गुप्त था कि वे नहीं चाहते थे कि कोई और जीव इसे सुने. इसलिए वे एक शांत और एकांत स्थान की खोज में हिमालय की ओर निकले. उन्होंने पवित्र अमरनाथ गुफा को चुना और रास्ते में अपने वाहन नंदी, चंद्रमा, नाग, गणेश, और पंचतत्वों को भी पीछे छोड़ दिया. पार्वती के साथ वे इस गुफा में पहुंचे और वहां उन्होंने अमरकथा सुनाई.
पार्वती जी के सवाल
गुफा में जब शिव पार्वती को अमरकथा सुना रहे थे, तब उन्होंने कई सवाल किए. इनमें आप अमर क्यों हैं? मृत्यु पर विजय कैसे पाई जा सकती है और जीवन और मृत्यु का रहस्य क्या है जैसे कई सवाल शामिल थे. इन सवालों के जवाब में शिव ने आत्मा, पुनर्जन्म, योग और ब्रह्मज्ञान की बातें समझाईं. यह सारी अमरकथा इतनी शक्तिशाली मानी जाती है कि जिसने इसे पूरी तरह सुन ली, उसे मुक्ति मिल जाती है
जब कथा सुनते-सुनते सो गए थी पार्वती
यह सब सुनते-सुनते पार्वती जी को नींद आ गई थी और शिव जी ने देखा कि कथा सुनते समय एक कबूतर का जोड़ा भी वहां छिपा बैठा था और उन्होंने सब सुन लिया. इसलिए वे भी अमर हो गए. आज भी श्रद्धालु दावा करते हैं कि अमरनाथ यात्रा के दौरान उन्हें यह दिव्य कबूतर जोड़ा दिखाई देता है