2 अगस्त को दिन में छा जाएगा अंधेरा! दशक का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण आएगा नजर, जानें क्या भारत में दिखेगा?
जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक देता है, तो उसे पूर्ण सूर्य ग्रहण कहते हैं. इस दौरान सूर्य का उजाला पूरी तरह से बंद हो जाता है और आसमान में अंधेरा छा जाता है, जैसे रात हो गई हो. यह घटना कुछ मिनटों तक रहती है.;
सूर्य ग्रहण तब होता है, जब चंद्रमा अपनी पूरी या कुछ हिस्से में पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है. इसका मतलब है कि चंद्रमा सूर्य की रोशनी को पृथ्वी तक आने से रोक देता है. इससे दिन का उजाला कम हो जाता है और कुछ समय के लिए ऐसा लगता है जैसे रात हो गई हो.
वहीं, पूरा सूर्य ग्रहण एक बहुत ही खास खगोलीय घटना होती है, जो कभी-कभी ही होती है. इस बार साल 2027 में 2 अगस्त को यह घटना होगी. चलिए जानते हैं क्या भारत में दिखेगा?
पूर्ण सूर्य ग्रहण क्या होता है?
जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक देता है, तो उसे पूर्ण सूर्य ग्रहण कहते हैं. इस दौरान सूर्य का उजाला पूरी तरह से बंद हो जाता है और आसमान में अंधेरा छा जाता है, जैसे रात हो गई हो. यह घटना कुछ मिनटों तक रहती है.
कब होगा पूर्ण सूर्य ग्रहण?
2027 में 2 अगस्त को आने वाला पूर्ण सूर्य ग्रहण बहुत खास होगा, क्योंकि यह इस दशक का सबसे लंबा पूर्ण ग्रहण होगा. लगभग 6 मिनट तक सूर्य पूरी तरह से चंद्रमा के पीछे छुपा रहेगा. इससे दिन का उजाला कम हो जाएगा और तापमान थोड़ा गिर सकता है.
क्या भारत में दिखेगा पूर्ण सूर्य ग्रहण?
यह ग्रहण पृथ्वी के अलग-अलग हिस्सों में देखा जाएगा, जैसे कि प्रशांत महासागर के ऊपर, मेक्सिको, मध्य अमेरिका और दक्षिण अमेरिका के कई हिस्सों में. भारत में यह ग्रहण नजर नहीं आएगा, लेकिन दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता जैसे बड़े शहरों में लोग लोग आंशिक सूर्य ग्रहण का अनुभव जरूर कर सकेंगे. इसका मतलब है कि चंद्रमा सूरज का कुछ हिस्सा ही ढकेगा, पूरा नहीं.
सूर्य ग्रहण का महत्व
सूर्य ग्रहण सिर्फ एक वैज्ञानिक घटना नहीं, बल्कि प्रकृति की एक अद्भुत छटा भी है। इसे देखकर हमें ब्रह्मांड की विशालता और उसकी गहराई का एहसास होता है। पुरानी सभ्यताओं में सूर्य ग्रहण को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता था और इसे देखकर लोग चकित रह जाते थे।