ठप पड़े हैं IndiGo के विमान! कोई रो रहा तो कोई सो रहा, फिर क्यों टिकट बिक रहे धुआंधार? किराये आसमान पर

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo पिछले कई दिनों से भारी ऑपरेशनल संकट से जूझ रही है. शुक्रवार को तो हालात इतने खराब हो गए कि अकेले एक दिन में 1,000 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ीं. दिल्ली से उड़ने वाली सभी घरेलू उड़ानें पूरे दिन के लिए कैंसिल रहीं.;

( Image Source:  @GaganPratapMath- X )
By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 5 Dec 2025 9:30 PM IST

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo पिछले कई दिनों से भारी ऑपरेशनल संकट से जूझ रही है. शुक्रवार को तो हालात इतने खराब हो गए कि अकेले एक दिन में 1,000 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ीं. दिल्ली से उड़ने वाली सभी घरेलू उड़ानें पूरे दिन के लिए कैंसिल रहीं. यात्रियों की सबसे बड़ी उलझन यह रही कि इतने बड़े पैमाने पर कैंसिलेशन के बावजूद IndiGo लगातार टिकट बेचती रही और हवाई किराये रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए.

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लोगों के मन में दो सवाल लगातार उठ रहे हैं- जब उड़ानें रद्द हो रही हैं तो टिकट क्यों बिक रहे हैं? और इन रूट्स पर किराये इतने महंगे क्यों हैं? इसका जवाब इंडस्ट्री लॉजिक में छिपा है, जिसे इंडिगो की मौजूदा स्थिति और एयरलाइन डायनेमिक प्राइसिंग सिस्टम से समझा जा सकता है.

फ्लाइट रद्द होने के बावजूद टिकट क्यों बिक रहे हैं?

IndiGo की पूरी फ्लाइट शेड्यूल ठप नहीं हुई है. एयरलाइन रोज़ाना 2,200 से ज्यादा घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें चलाती है, जिनमें से सिर्फ एक हिस्से में गाज़ी संकट उत्पन्न हुआ है. शुक्रवार को दिल्ली से उड़ने वाली सभी घरेलू उड़ानें रद्द रहीं. लेकिन Kolkata–Guwahati, Chennai–Coimbatore और कई नॉन-मेट्रो रूट पर उड़ानें कम आवृत्ति और देरी के साथ सही चल रही हैं. क्योंकि नेटवर्क का एक हिस्सा अभी भी ऑपरेशनल है, IndiGo इन ऑपरेट होने वाली उड़ानों पर टिकट बेचती रहती है.

कैंसिलेशन 24–48 घंटे पहले तय- आगे की उड़ानें बुकिंग में खुली

एयरलाइंस सामान्यतः हफ्तों पहले उड़ानें रद्द नहीं करतीं. IndiGo रोज़ाना की स्थिति देखकर अगले 24–48 घंटों का शेड्यूल तय कर रही है. आज की फ्लाइट रद्द हुई है, इसका मतलब यह नहीं कि दो दिन बाद वाली फ्लाइट भी रद्द होगी. इसलिए आगे की तारीखों वाली उड़ानें सिस्टम में बुकिंग के लिए खुली रहती हैं. IndiGo ने कहा है कि आज का बड़ा कैंसिलेशन “one-time system reboot” है, ताकि प्लेन और क्रू को दोबारा सही जगह तैनात किया जा सके और सामान्य ऑपरेशन बहाल हो सके.

किराये इतने महंगे क्यों? ‘डायनेमिक प्राइसिंग’ का खेल

भारत के घरेलू एविएशन मार्केट में IndiGo की हिस्सेदारी 60% से भी अधिक है. जब इतनी बड़ी एयरलाइन अचानक हजारों सीटें बाजार से हटा देती है- सीटों की संख्या कम हो जाती है. मांग वही बनी रहती है. सिस्टम “डायनेमिक प्राइसिंग” पर जाकर किरायों को कई गुना बढ़ा देता है.

पिछले 24 घंटों में किरायों की उड़ान

दिल्ली- मुंबई एकतरफा किराया: ₹50,000

दिल्ली- मुंबई रिटर्न किराया: ₹60,000

दिल्ली-बेंगलुरु: ₹1,00,000 तक

बेंगलुरु-मुंबई: सामान्य ₹7,000 की जगह ₹40,000

लोग सोशल मीडिया पर कह रहे हैं कि “दिल्ली–लंदन टिकट इससे सस्ता है!” क्या डायनेमिक प्राइसिंग संकट के समय बंद होनी चाहिए? यह बड़ा सवाल सरकार और एयरलाइंस दोनों के सामने है- क्या इमरजेंसी या बड़े ऑपरेशनल ब्रेकडाउन के दौरान सिस्टम को रोककर किराये सीमित नहीं कर देने चाहिए? कई यात्रियों ने कहा कि ऐसा लगता है जैसे संकट के बीच यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठाया जा रहा हो.

कैंसिल हुई उड़ानों के टिकट ‘उपलब्ध’ क्यों दिखते हैं? Airline सिस्टम किसी उड़ान को तभी ‘Cancelled’ दिखाता है जब- क्रू असाइनमेंट फेल हो जाए. एयरक्राफ्ट की रोटेशन निश्चित रूप से असंभव हो. उससे पहले वह उड़ान बुकिंग में खुली रहती है, क्योंकि यह मान लिया जाता है कि ऑपरेशन बाद में स्थिर हो सकता है. यह दुनिया भर की एयरलाइनों की SOP है.

यात्रियों को क्या करना चाहिए?

एयरपोर्ट आने से पहले उड़ान की स्थिति जरूर चेक करें, एयरपोर्ट समय से पहले पहुंचे, क्योंकि भीड़ और देरी बढ़ी हुई है. अगले कुछ दिनों तक सभी एयरलाइंस में किराये ऊंचे रहने की संभावना है. IndiGo ने उम्मीद जताई है कि शनिवार से हालात सुधरने लगेंगे और 10–15 दिसंबर तक ऑपरेशन लगभग सामान्य हो जाएंगे.

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