गुजरात की महिला IPS सिमरन भारद्वाज कौन? जानें किस वजह से हैं सुर्खियों में
आईपीएस सिमरन भारद्वाज हरियाणा के रेवाड़ी जिले की रहने वाली हैं. उनकी फैमिली बैकग्राउंड आर्मी की है. साल 2022 में उन्होंने यूपीएससी में AIR 172 हासिल की थी. Sardar Vallabhbhai Patel National Police Academy की ट्रेनिंग के बाद गुजरात कैडर में बतौर आईपीएस तैनात हैं.;
शासन-प्रशासन और पुलिसिंग की जब भी बातें होती हैं तो दुनिया में अक्सर नाम पुरुषों के साथ ही जुड़ जाते हैं, लेकिन आईपीएस सिमरन भारद्वाज का कहना है कि जब इरादा हो, तो रास्ते खुद बन जाते हैं. हरियाणा के रेवाड़ी जिले में आर्मी अफसर के घर जन्मी सिमरन ने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट चयन के बावजूद आईपीएस अफसर बनने की चुनौतियों को चुना. यूपीएससी की परीक्षा क्रैक करने के बाद साल 2022 बैच वह गुजरात कैडर की आईपीएस अधिकारी बनीं.
आईपीएस सिमरन ने शुक्रवार को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती यानी राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर देने वाली महिला आईपीएस बन गईं. परेड का नेतृत्व गुजरात कैडर की आईपीएस अधिकारी सिमरन भारद्वाज ने किया. पुलिस सेवा में उनका लक्ष्य महिलाओं की सुरक्षा व 'सेवा भाव' को आगे बढ़ाना है.
कौन हैं सिमरन भारद्वाज?
सिमरन भारद्वाज हरियाणा के रेवाड़ी जिले की रहने वाली हैं. उनके पिता मनोज भारद्वाज कर्नल हैं, जिनकी तैनाती सेना के विभिन्न प्रतिष्ठित पदों पर रही है. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक किया है. सिमरन ने पहले CDS Examination में हिस्सा लिया और आल इंडिया रैंक 6 हासिल की थी.
उसके बाद उन्होंने Union Public Service Commission (UPSC) सिविल सेवा परीक्षा 2021 में प्रथम प्रयास में AIR 172 हासिल किया. उनका कहना है कि उन्होंने लॉकडाउन के समय खुद-पढ़ाई को चुना और कोचिंग नहीं ली.
गुजरात में हैं तैनात
सिमरन को 2022 बैच में गुजरात कैडर की आईपीएस अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया. गुजरात की गृह विभाग ने उन्हें नए ASP-पद में आरक्षित स्थानों में शामिल किया और उन्हें राजकोट-धोराजि में ASP की जिम्मेदारी मिली.
दिल्ली-हरियाणा-जम्मू लिंक
सिमरन के परिवार का सेना पृष्ठभूमि होने के कारण उन्हें कई स्थानों से जैसे दिल्ली और जम्मू-हरियाणा में रहने का अनुभव है. रेवाड़ी (हरियाणा) से होकर उन्होंने बड़े शहरों में शिक्षा-प्रशिक्षण प्राप्त किया, जिससे उन्हें विविध सामाजिक-सांस्कृतिक अनुभव मिला. दिल्ली विश्वविद्यालय में शिक्षा, पंजाब-जम्मू-हरियाणा-क्षेत्र के सैनिक पारिवारिक बंधन ने उनकी राष्ट्रीय सेवा-चेतना को उजागर किया.
जीवन का लक्ष्य
सिमरन भारद्वाज का लक्ष्य 'जन सेवा है. विशेष रूप से महिलाओं की सुरक्षा, कानून-व्यवस्था में सुधार तथा सामाजिक न्याय को बढ़ावा देना.
महिला आईपीएस होने की चुनौतियां
गुजरात में महिला आईपीएस को प्रमुख पदों पर पहुंचने में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.सिमरन के लिए यह चुनौती भी होगी कि वे युवा अधिकारी के रूप में अनुभव-संपन्न माहौल में खुद-को स्थापित करें.
मां ने किया मोटिवेट
देश के सर्वोच्च प्रशासनिक सेवा का हिस्सा बनने के लिए सिमरन को उनकी मां ने प्रेरित किया था. यूपीएससी सीएसई पास करना 13 साल की उम्र से ही उनका सपना था. अपने सैन्य अधिकारी पिता के अलग-अलग पदों पर तबादलों के कारण उन्होंने बचपन में एक जगह से दूसरी जगह घूमते हुए बिताया था. उनकी मां ने हमेशा उन्हें मोटिवेट किया.
आज उनकी चर्चा इसलिए हो रही कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के नंदी स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर परेड का नेतृत्व करते हुए गार्ड ऑफ ऑनर पेश किया. इससे पहले पीएम ने सरदार पटेल को पुष्पांजलि अर्पित की. प्रधानमंत्री मोदी ने हाथ जोड़कर महान नेता को याद किया और सरदार पटेल को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की.