कौन है सलीम पिस्टल? नेपाल में छुपा था भारत का खतरनाक हथियार तस्कर, ISI-D कंपनी से लेकर मूसेवाला तक है नेटवर्क!
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने नेपाल से कुख्यात हथियार तस्कर मोहम्मद सलीम उर्फ ‘सलीम पिस्टल’ को दबोचा है. पाकिस्तान की आईएसआई और दाऊद इब्राहिम की डी-कंपनी से जुड़े इस सप्लायर ने लॉरेंस बिश्नोई, हाशिम बाबा और सिद्धू मूसेवाला केस तक हथियार पहुंचाए. गिरफ्तारी से गैंगस्टर नेटवर्क और हथियार सप्लाई चेन पर बड़ा वार.;
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने एक लंबे समय से वांछित हथियार तस्कर को पकड़कर बड़ी सफलता हासिल की है. मोहम्मद सलीम उर्फ "सलीम पिस्टल" पिछले कई सालों से नेपाल में छिपा हुआ था. वहीं से वह पाकिस्तान से हथियार मंगाकर भारत में सप्लाई करता था. सूत्रों के अनुसार, सलीम का नेटवर्क सिर्फ सीमा तक सीमित नहीं था, बल्कि यह गुप्त रूप से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और दाऊद इब्राहिम की डी-कंपनी से भी जुड़ा हुआ था.
जांच एजेंसियों के मुताबिक, सलीम पिस्टल सिर्फ छोटे-मोटे अपराधियों को नहीं, बल्कि देश के सबसे कुख्यात गैंगस्टरों को हथियार सप्लाई करता था. लॉरेंस बिश्नोई और हाशिम बाबा जैसे अपराधियों के पास मिलने वाले कई हथियारों की डिलीवरी पाकिस्तान से सलीम के जरिए होती थी. इतना ही नहीं, वह सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में शामिल एक आरोपी का भी "गुरु" रह चुका है. माना जाता है कि वह इन गैंगस्टरों को न सिर्फ हथियार, बल्कि उनकी ज़रूरत के हिसाब से गोला-बारूद और स्पेशल कस्टमाइज्ड पिस्टल भी उपलब्ध कराता था.
गरीबी से लेकर अंडरवर्ल्ड तक का सफर
सलीम पिस्टल की आपराधिक दुनिया में एंट्री गरीबी और गलत संगत का नतीजा बताई जाती है. ड्राइवर की नौकरी करते हुए उसकी मुलाकात ऐसे लोगों से हुई, जो गैरकानूनी कारोबार में लिप्त थे. धीरे-धीरे वह छोटे-मोटे हथियारों की डिलीवरी से बड़े सौदों तक पहुंच गया. 1992 में उसकी शादी हुई और उसके एक बेटा और एक बेटी है. लेकिन उसने परिवार को अपने अपराधी जीवन से दूर रखा और खुद पूरी तरह हथियारों के काले कारोबार में डूब गया.
2018 में हुई थी पहली गिरफ्तारी
सलीम पिस्टल का आपराधिक रिकॉर्ड बेहद लंबा है. 2018 में दिल्ली पुलिस ने उसे पहली बार गिरफ्तार किया था. लेकिन जेल से बाहर आने के बाद उसने देश छोड़ दिया और नेपाल में जाकर बस गया. वहां से उसने पाकिस्तान से डील कर हथियार तस्करी का नेटवर्क फिर से खड़ा किया. हाल ही में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को मुखबिर से सूचना मिली कि सलीम नेपाल में सक्रिय है. इसके बाद एक विशेष ऑपरेशन चलाकर उसे नेपाल से गिरफ्तार किया गया.
बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में नाम
सलीम पिस्टल का नाम मुंबई के चर्चित बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में भी सामने आ चुका है. यह मामला उस समय सुर्खियों में आया था जब जांच में पता चला कि हमलावरों को सप्लाई किए गए हथियार सलीम के नेटवर्क से पहुंचे थे. पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, सलीम का जन्म 1972 में दिल्ली के सीलमपुर में हुआ था. वह पांच भाइयों और दो बहनों के बड़े परिवार से आता है. आर्थिक तंगी के चलते उसने आठवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी और कार ड्राइवर के तौर पर काम शुरू कर दिया.
अब बड़ी कार्रवाई की तैयारी
सलीम पिस्टल की गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा एजेंसियों को उम्मीद है कि आईएसआई और डी-कंपनी के भारत में फैले नेटवर्क के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी. माना जा रहा है कि पूछताछ में कई और बड़े नाम सामने आ सकते हैं. एजेंसियों का फोकस अब इस नेटवर्क की सप्लाई चेन को पूरी तरह तोड़ने पर है, ताकि पाकिस्तान से आने वाले हथियारों की इस लाइन को हमेशा के लिए खत्म किया जा सके.