Tirupati यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर ने किया छात्रा का रेप, राजनीति में भड़का बवाल, YSRCP ने TDP पर लगाया मामला दबाने का आरोप
आंध्र प्रदेश में तिरुपति के नेशनल संस्कृत विश्वविद्यालय में दो असिस्टेंट प्रोफेसरों के खिलाफ छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप ने राजनीतिक माहौल गरमा दिया है. विपक्षी दल वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) ने आरोप लगाया है कि तेलुगु देशम पार्टी (TDP) सरकार मामले को दबाने की कोशिश कर रही है. इस घटना ने न सिर्फ शिक्षा संस्थान की छवि को प्रभावित किया है बल्कि राज्य की राजनीतिक लड़ाई को भी भड़काया है.;
तिरुपति के नेशनल संस्कृत विश्वविद्यालय में एक छात्रा के साथ सहायक प्रोफेसर द्वारा यौन उत्पीड़न और रेप के मामले ने राज्य में राजनीति की उबाल पैदा कर दी है. यह घटना न सिर्फ विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रही है, बल्कि शिक्षा संस्थानों में सुरक्षा और जिम्मेदारी के मुद्दों को भी उजागर कर रही है.
स्टेट मिरर अब WhatsApp पर भी, सब्सक्राइब करने के लिए क्लिक करें
विपक्षी दल वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) ने इस गंभीर मामले को लेकर तेलुगु देशम पार्टी (TDP) सरकार पर आरोप लगाया है कि वह इस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है और दोषियों को बचाने का प्रयास कर रही है.
क्या है मामला?
तिरुपति पुलिस ने मंगलवार को दो असिस्टेंट प्रोफेसर लक्ष्मण कुमार और ए शेखर रेड्डी को गिरफ्तार किया. आरोप है कि लक्ष्मण कुमार ने छात्रा को अपने ऑफिस में बुलाया और उसका यौन उत्पीड़न किया, जबकि ए शेखर रेड्डी ने फोटो और वीडियो बनाकर छात्रा को ब्लैकमेल करने की कोशिश की. जांच शुरू होने के दौरान विश्वविद्यालय ने दोनों प्रोफेसरों को सस्पेंड कर दिया.
YSRCP ने दिया स्थगन प्रस्ताव का नोटिस
तिरुपति से YSRCP सांसद मड्डिला गुरूमूर्ति ने लोकसभा में इस मामले पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव देने की मांग की, लेकिन इसे मंजूर नहीं किया गया. इसके साथ ही उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, राष्ट्रीय महिला आयोग, अनुसूचित जाति आयोग और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भी लिखित शिकायत भेजी. सांसद ने बताया कि छात्रा ने दो हफ्ते पहले विश्वविद्यालय प्रशासन को अपनी लिखित शिकायत दी थी, लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया गया.
YSRCP का आरोप
इस मामले में YSRCP का कहना है कि सरकार इस गंभीर मामले को छुपाने की कोशिश कर रही है. वहीं TDP ने कहा है कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है. राज्य की गृह मंत्री और TDP नेता वंगलापुडी अनिता ने साफ किया कि पुलिस और प्रशासन इस मामले की पूरी गंभीरता से जांच कर रहे हैं और दोषियों को कोई राहत नहीं मिलेगी.
यूनिवर्सिटी की कार्रवाई और राजनीतिक प्रभाव
छात्रा ने 24 नवंबर को विश्वविद्यालय प्रशासन से शिकायत की थी. इसके बाद चार सदस्यीय आंतरिक समिति ने मामले की जांच की और दिसंबर में पुलिस को रिपोर्ट सौंप दी. इस घटना ने न केवल विश्वविद्यालय प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं बल्कि राज्य में शिक्षा और सुरक्षा के मसले को राजनीतिक बहस का विषय भी बना दिया है. विपक्ष का आरोप और सरकार की जांच प्रक्रिया अब दोनों ही जनता की निगाहों में हैं, जिससे मामला और संवेदनशील और विवादास्पद बन गया है.