कौन हैं एडवोकेट नरेंद्र मान जिन्हें सरकार ने बनाया तहव्वुर राणा मामले में पब्लिक प्रॉसिक्यूटर
Who Is Advocate Narendra Mann: नरेंद्र मान एक हाई-प्रोफाइल वकील हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उन्हें तहव्वुर राणा मामले में पब्लिक प्रॉसिक्यूटर बनाया है. एनआई की टीम मुंबई हमले के मास्टरमाइंड राणा को वापस भारत लाने के लिए रवाना हो गई है. कभी भी वह भारत पहुंच सकते हैं. राणा को तिहाड़ जेल में रखा जाएगा. इसलिए जेल में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और वह 24 घंटे निगरानी में रहेगा.;
Who Is Advocate Narendra Mann: देश में एक बार फिर से मुंबई हमले को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. इस हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा है, जो कि अमेरिका में छिपा बैठा है. उसे पकड़ने के लिए जांच एजेंसियां उसे वापस भारत लाने के लिए निकल गए हैं. इस संबंध में बुधवार देर रात गृह मंत्रालय ने सूचना जारी की थी.
गृह मंत्रालय ने इस मामले की सुनवाई के लिए सीनियर एडवोकेट नरेंद्र मान नियुक्त किया है. मान अगले तीन साल तक मुंबई हमले से संबंधित केस में दिल्ली एनआईए की विशेष अदालतों और सरकार का पक्ष रखेंगे.
कौन हैं एडवोकेट नरेंद्र मान?
नरेंद्र मान एक हाई-प्रोफाइल वकील हैं. इससे पहले वह सीबीआई के लिए स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर के रूप में कई बड़े केस को देख चुके हैं. उन्होंने 2018 में SSC पेपर लीक मामले में भी बहस की थी. उनके बेहतर काम को देखते हुए सरकार ने उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी है.
ऑनलाइन होगी सुनवाई
जांच एजेंसियां राणा को लेकर भारत आ रहे हैं. उसे कड़ी सुरक्षा के बीच लेकर आया जा रहा है. उसे तिहाड़ जेल में रखा जाएगा. एनआईए अदालत में उसके खिलाफ सुनवाई हो सकती है. गुरुवार को महावीर जयंती की वजह से कोर्ट बंद है इसलिए संभावना है कि पेशी ऑनलाइन हो सकती है. राणा को अमेरिका के लॉस एंजिलिस के डिटेंशन सेंटर में रखा गया था.
तिहाड़ में रहेगा राणा
मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को तिहाड़ जेल में रखा जाएगा. इसलिए जेल में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और वह 24 घंटे निगरानी में रहेगा. एजेंसियों ने स्पेशल टीम का गठन किया है, जो इस केस की जांच करेगी. सबूत से उसके बयानों को मैच किया जाएगा. साथ ही आतंकियों की तस्वीरें दिखाकर पाकिस्तान से जुड़ी सीक्रेट जानकारी इकट्ठा की जाएगी.
क्या है मामला?
26/11 मुंबई में आतंकी हमला हुआ. इस मामले से जुड़े ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड को एनआईए मामले में सबूत का हिस्सा है, जिसमें तहव्वुर राणा और डेविड कोलमैन हेडली को आरोपी बनाया गया है. जनवरी में एजेंसी की ओर से मुंबई से उन्हें वापस मंगाने के लिए आवेदन किया. इसके बाद दिल्ली की पटिलाया हाउस कोर्ट ने मुंबई हमलों से संबंधित अपने ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड वापस मंगाए थे.