...तो इस वजह से पाकिस्तान में एक-एक कर मारे जा रहे भारत के दुश्मन, लश्कर और जैश के बीच आखिर चल क्या रहा है?
पाकिस्तान में भारत के दुश्मन कई आतंकी एक-एक कर मारे जा रहे हैं और किसी को हवा तक नहीं लग रही कि कौन उनकी जान का दुश्मन बना हुआ है. इस बीच खबर यह भी आ रही है कि भारत में आतंक मचाने वाले दो बड़े आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद में आपस में नहीं बन रही.;
जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद की समस्या कोई नई नहीं है. इस आतंकवाद को सीमा पार से समर्थन और धन मिलता रहा है. कई आतंकी संगठन, जैसे लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जैश-ए-मोहम्मद (JeM), हिजबुल मुजाहिदीन (HM) आदि, कश्मीर घाटी में हमले करते रहे हैं. हाल के वर्षों में, भारतीय सेना और सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकवाद को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की है, जिससे आतंकवादी गतिविधियों में कमी आई है. भारत सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा को और मजबूत किया, जिससे हालात पहले से बेहतर हो रहे हैं. लेकिन सीमापार से घुसपैठ और आतंकी गतिविधियां अभी भी एक चुनौती बनी हुई हैं.
पाकिस्तान की एजेंसियां जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग इलाकों से भारत में घुसपैठ करने में मदद कर रही हैं. भारतीय खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, हाल के महीनों में घुसपैठ की कोशिशें बढ़ गई हैं, और इसके पीछे जैश के आतंकियों को आगे करने की साजिश है. लेकिन भारत के लिए जो बात गौर करने वाली है वो है दो आतंकी गुटों के बीच बढ़ती तकरार. खुफिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों के बीच आपसी मतभेद बढ़ गए हैं. दोनों गुट दक्षिण एशिया में हमलों की योजना को लेकर अलग-अलग सोच रखते हैं.
क्यों बढ़ रहा है जैश और लश्कर का टकराव?
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "जैश और लश्कर के बीच विचारधारा को लेकर मतभेद हैं, इसलिए वे अब साथ काम नहीं करना चाहते. पाकिस्तानी सेना ने दोनों को मनाने की कोशिश की, लेकिन असफल रही. इसके बाद जैश को जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के लिए आगे कर दिया गया."
दरअसल, जैश-ए-मोहम्मद "देवबंदी" विचारधारा का पालन करता है, जबकि लश्कर-ए-तैयबा "अहल-ए-हदीस" पंथ को मानता है. दोनों की धार्मिक सोच अलग होने के कारण उनके बीच मतभेद गहरे हो गए हैं. हाल ही में पाकिस्तान में हुई कुछ हत्याओं के पीछे भी इन दोनों गुटों के आपसी टकराव को कारण माना जा रहा है. कराची में हाफिज सईद के रिश्तेदार और आतंकी फंडिंग करने वाले कारी अब्दु रहमान की हत्या इसी टकराव का नतीजा बताई जा रही है.
भारत के लिए क्या बदला?
भारत की खुफिया एजेंसियों ने पाया कि जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में हुई घुसपैठ की घटनाओं में शामिल आतंकी जैश से जुड़े थे. एक अधिकारी के अनुसार, "घुसपैठियों के पास से M4A1 असॉल्ट राइफल और Glock पिस्टल जैसे NATO के हथियार मिले." इसके विपरीत, लश्कर के आतंकियों के पास से पाकिस्तानी और चीनी हथियार बरामद हुए. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, इस वक्त जम्मू-कश्मीर में छिपे करीब 120 आतंकियों में से 95% विदेशी हैं और जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हैं.
भारत के लिए फायदेमंद स्थिति
जैश और लश्कर के बीच बढ़ते टकराव से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने में मदद मिल रही है. हाल ही में एक आतंकी गुट ने अपने प्रतिद्वंद्वी गुट के ठिकाने की जानकारी सुरक्षा बलों तक पहुंचा दी. लश्कर द्वारा अगवा किया गया एक व्यक्ति बाद में जैश का आतंकी निकला. एक अधिकारी ने बताया, "इन बदली परिस्थितियों को देखते हुए भारत अपनी सुरक्षा रणनीति में बदलाव कर रहा है."
पाकिस्तान कैसे बढ़ा रहा है घुसपैठ?
2000 के दशक में परवेज मुशर्रफ ने जैश को पाकिस्तान से बाहर कर दिया था, जिसके बाद यह अफगानिस्तान में सक्रिय हो गया था. इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने के बाद जैश को फिर से पाकिस्तान में एंट्री मिल गई. जैश-ए-मोहम्मद ने बहावलपुर में अपनी गतिविधियां बढ़ाईं, जिससे लश्कर के साथ इसका टकराव और बढ़ गया. पाकिस्तानी सेना ने दोनों गुटों के बीच शांति बनाने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रही. अब यह मतभेद पाकिस्तान के अंदर हिंसा की वजह बन रहा है.
कैसे हो रही है घुसपैठ?
आतंकी टनल, नदी किनारे के रास्तों और बाड़ काटकर भारत में घुसने की कोशिश कर रहे हैं. हाल ही में कठुआ जिले के ग्रामीणों ने तीन संदिग्ध आतंकियों को देखे जाने की जानकारी सुरक्षा बलों को दी.
भारत की नई सुरक्षा रणनीति
जमीनी स्तर पर खुफिया नेटवर्क (HUMINT) को मजबूत किया गया है. सरकार ने सीमा पर निगरानी बढ़ाने और अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती के निर्देश दिए हैं. BSF की तैनाती बढ़ाई जा रही है और सुरक्षा की दूसरी पंक्ति को मजबूत किया जा रहा है.
लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के बारे में कुछ बातें
लश्कर-ए-तैयबा (LeT): लश्कर-ए-तैयबा पाकिस्तान स्थित एक आतंकी संगठन है, जिसे भारत, अमेरिका और कई अन्य देशों ने आतंकवादी संगठन घोषित किया है. यह 2008 के मुंबई हमलों समेत कई बड़े आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार रहा है. इसका मकसद भारत में अशांति फैलाना और कश्मीर को लेकर हिंसा भड़काना है.
जैश-ए-मोहम्मद (JeM): जैश-ए-मोहम्मद भी एक पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन है, जिसे 2001 में मसूद अज़हर ने स्थापित किया था. इसे भी भारत, अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने आतंकवादी संगठन घोषित किया है. यह संगठन 2016 के पठानकोट हमले और 2019 के पुलवामा हमले जैसे कई घातक हमलों में शामिल रहा है.